ETV Bharat / state

शिलापट्ट में नाम को लेकर आमने सामने JMM और कांग्रेस, सांसद गीता कोड़ा को गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत

चाईबासा में चक्रधरपुर अंडरपास निर्माण के शिलापट्ट में नाम को लेकर कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा और जेएमएम विधायकों के बीच विवाद खड़ा हो गया है. जेएमएम विधायकों ने जहां गीता कोड़ा को गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत दी है वहीं गीता कोड़ा ने भी जेएमएम विधायकों को दो टूक जवाब दिया है.

controversy-between-jmm-and-congress
आमने सामने जेएमएम और कांग्रेस
author img

By

Published : Feb 20, 2022, 10:13 AM IST

Updated : Feb 20, 2022, 2:15 PM IST

चाईबासा: राज्य सम्पोषित योजनाओं के शिलापट्ट में राज्य सरकार के आदेश के तहत सांसद का नाम नहीं डालने के फरमान से विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा और जेएमएम विधायक सुखराम उरांव के बीच शिलापट्ट में नाम को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है.

ये भी पढे़ं- NTPC के खिलाफ जनसभा में शामिल हुईं अंबा प्रसाद, कहा- जबरन काम करना करें बंद वरना झेलना होगा कड़ा विरोध

शिलापट्ट में नाम पर विवाद: दरअसल पूरा विवाद चक्रधरपुर में अंडरपास के निर्माण को लेकर है. जेएमएम विधायक सुखराम उरांव चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र के किसी भी योजना के क्रियान्वयन में सांसद गीता कोड़ा की भूमिका को नकार दिया है. उन्होंने साफ कहा कि चक्रधरपुर के अंडरपास के निर्माण को लेकर गीता कोड़ा ने कभी भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. लिहाजा इस योजना के लिए उन्हें मुख्यमंत्री के पास जाना पड़ा. इधर ग्रामीण कार्य विभाग के पुतला दहन में शामिल कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई करने की मांग भी विधायक सुखराम उरांव ने कर दी है. सुखराम के समर्थन में जेएमएम के दो अन्य विधायकों ने भी राज्य सरकार के आदेश का हवाला देते हुए गीता कोड़ा को गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत दी है.

गीता कोड़ा का पलटवार: वहीं दूसरी और इस मुद्दे को लेकर सांसद गीता कोड़ा ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. उन्होंने कहा कि वे हमेशा चक्रधरपुर क्षेत्र की समस्याओं को लेकर खड़ी रहती हैं. चाहे वो अंडरपास निर्माण का मुद्दा ही क्यों ना हो. इसके लिए उन्होंने भी कई बार मंडल रेल प्रबंधक को पत्र लिखने का काम किया है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी कार्य प्रणाली को लेकर कोई प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है.

चाईबासा: राज्य सम्पोषित योजनाओं के शिलापट्ट में राज्य सरकार के आदेश के तहत सांसद का नाम नहीं डालने के फरमान से विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा और जेएमएम विधायक सुखराम उरांव के बीच शिलापट्ट में नाम को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है.

ये भी पढे़ं- NTPC के खिलाफ जनसभा में शामिल हुईं अंबा प्रसाद, कहा- जबरन काम करना करें बंद वरना झेलना होगा कड़ा विरोध

शिलापट्ट में नाम पर विवाद: दरअसल पूरा विवाद चक्रधरपुर में अंडरपास के निर्माण को लेकर है. जेएमएम विधायक सुखराम उरांव चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र के किसी भी योजना के क्रियान्वयन में सांसद गीता कोड़ा की भूमिका को नकार दिया है. उन्होंने साफ कहा कि चक्रधरपुर के अंडरपास के निर्माण को लेकर गीता कोड़ा ने कभी भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. लिहाजा इस योजना के लिए उन्हें मुख्यमंत्री के पास जाना पड़ा. इधर ग्रामीण कार्य विभाग के पुतला दहन में शामिल कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई करने की मांग भी विधायक सुखराम उरांव ने कर दी है. सुखराम के समर्थन में जेएमएम के दो अन्य विधायकों ने भी राज्य सरकार के आदेश का हवाला देते हुए गीता कोड़ा को गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत दी है.

गीता कोड़ा का पलटवार: वहीं दूसरी और इस मुद्दे को लेकर सांसद गीता कोड़ा ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. उन्होंने कहा कि वे हमेशा चक्रधरपुर क्षेत्र की समस्याओं को लेकर खड़ी रहती हैं. चाहे वो अंडरपास निर्माण का मुद्दा ही क्यों ना हो. इसके लिए उन्होंने भी कई बार मंडल रेल प्रबंधक को पत्र लिखने का काम किया है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी कार्य प्रणाली को लेकर कोई प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है.

Last Updated : Feb 20, 2022, 2:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.