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चक्रधरपुर कार्यपालक पदाधिकारी और नगर परिषद अध्यक्ष के बीच जारी है कोल्ड वार, विकास से महरूम हो रही है जनता

चक्रधरपूर में कार्यपालक पदाधिकारी और नगर परिषद अध्यक्ष के बीच जंग छिड़ गई है. इसी बीच नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी का स्थानांतरण हो गया है, लेकिन पदाधिकारी अपना पदभार देने के बजाय नगर परिषद अध्यक्ष पर नियम के खिलाफ कार्य करने करने का आरोप लगा रहे हैं.

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Published : Nov 5, 2019, 2:55 PM IST

नहीं हो रहा विकास

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर नगर परिषद में इन दिनों कई वार्ड पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी के साथ नगर परिषद की अध्यक्ष के बीच कई मुद्दों को लेकर विवाद शुरू हो गया है. अध्यक्ष और कार्यपालक दोनों ही एक-दूसरे के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगा रहे हैं. इन विवादों के बीज नगर परिषद के अधीन चलने वाली योजनाओं पर सीधा असर दिखने लगा है.

देखें पूरी खबर

क्यों छिड़ी है जंग
वार्ड पार्षदों की मानें तो नगर परिषद अध्यक्ष केडी साह परिषद में आए कंबल का वितरण अपने मनमाने ढंग से करना चाहते हैं. जबकि पार्षद नियमानुसार जरुरतमंद को चिन्हित कर उनके बीच कंबल बांटने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि कंबल का वितरण जरुरतमंद के बीच कड़ाके की ठंड से पहले समय पर किया जाए जिससे लोग कड़ाके की ठंड से बच सके.

पार्षदों का कहना है कि पिछले 3 वर्षों में नगर परिषद अध्यक्ष ने नियम-कानून को ताक पर रखकर नगर परिषद अंतर्गत संचालित होने वाली योजनाओं की निविदा अपने चहेते संवेदकों के पक्ष में करते रहे हैं. लेकिन चक्रधरपुर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के आने से उनके मनमाने रवैये पर रोक लग गई है और यही कारण है कि कार्यपालक पदाधिकारी और नगर परिषद अध्यक्ष केडी साह के बीच विवाद गहराता जा रहा है.

ये भी पढ़ें: चतरा के जोलबीघा गांव के ग्रामीण उतरे सड़क पर, कहा- सड़क नहीं तो वोट नहीं

3 वर्षों से जारी है भ्रष्टाचार
पार्षदों की माने तो विगत 3 वर्षों के कार्यकाल में ही योजनाओं की सही ढंग से जांच की जाए तो नगर परिषद अध्यक्ष केडी साह और तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी की मिली भगत से हुए घोटालो की पोल भी खुल जाएगी.

कार्यपालक पदाधिकारी का हो गया है स्थानांतरण
विवादों के बीच कार्यपालक पदाधिकारी का स्थानांतरण हो गया है लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी की मानें तो विभाग से उन्हें अपने पद पर यथावत रहने की अनुमति मिल गई है. वहीं उन्होंने अध्यक्ष पर नियम के विरूद्ध योजनाओं के निष्पादन करने को लेकर दबाव देने के मामले की भी पुष्टि की है.

ये भी पढ़ें: हाइवे पर बिना ड्राइवर के दौड़ा ट्रक, कार को मारी टक्कर, बाल-बाल बची दो लोगों की जान

निविदा प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं
नगर परिषद अध्यक्ष का कहना है कि निविदा प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हो रही है. सभी कुछ नियमानुसार हो रहा है और आगे भी होगा. नगर परिषद से लेकर कार्यपालक पदाधिकारी सभी ने नगर परिषद को अड्डेबाजी की जगह बना ली है. उन्होंने कहा कि नगर परिषद कार्यालय पदाधिकारी का स्थानांतरण होने के बावजूद पदभार देने के बजाय मनमाने ढंग से अपने पद पर बने हुए हैं, जिसकी शिकायत विभागीय सचिव से लेकर चुनाव आयोग तक की जाएगी.

जनता हो रही विकास से महरूम
कुल मिलाकर देखा जाए तो पूरा मामला योजनाओं में साठ-गांठ, निजी स्वार्थ की राह में आ रही अड़चनों के कारण हो रहा है. पुरानी कहावत है कि दो हाथियों की जंग में नुकसान आखिर जंगल का ही होता है और यहां भी यही हो रहा है. कार्यपालक पदाधिकारी और नगर परिषद अध्यक्ष के बीच छिड़ी लड़ाई से चक्रधरपुर की जनता को विकास से महरूम होकर इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है.

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर नगर परिषद में इन दिनों कई वार्ड पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी के साथ नगर परिषद की अध्यक्ष के बीच कई मुद्दों को लेकर विवाद शुरू हो गया है. अध्यक्ष और कार्यपालक दोनों ही एक-दूसरे के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगा रहे हैं. इन विवादों के बीज नगर परिषद के अधीन चलने वाली योजनाओं पर सीधा असर दिखने लगा है.

देखें पूरी खबर

क्यों छिड़ी है जंग
वार्ड पार्षदों की मानें तो नगर परिषद अध्यक्ष केडी साह परिषद में आए कंबल का वितरण अपने मनमाने ढंग से करना चाहते हैं. जबकि पार्षद नियमानुसार जरुरतमंद को चिन्हित कर उनके बीच कंबल बांटने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि कंबल का वितरण जरुरतमंद के बीच कड़ाके की ठंड से पहले समय पर किया जाए जिससे लोग कड़ाके की ठंड से बच सके.

पार्षदों का कहना है कि पिछले 3 वर्षों में नगर परिषद अध्यक्ष ने नियम-कानून को ताक पर रखकर नगर परिषद अंतर्गत संचालित होने वाली योजनाओं की निविदा अपने चहेते संवेदकों के पक्ष में करते रहे हैं. लेकिन चक्रधरपुर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के आने से उनके मनमाने रवैये पर रोक लग गई है और यही कारण है कि कार्यपालक पदाधिकारी और नगर परिषद अध्यक्ष केडी साह के बीच विवाद गहराता जा रहा है.

ये भी पढ़ें: चतरा के जोलबीघा गांव के ग्रामीण उतरे सड़क पर, कहा- सड़क नहीं तो वोट नहीं

3 वर्षों से जारी है भ्रष्टाचार
पार्षदों की माने तो विगत 3 वर्षों के कार्यकाल में ही योजनाओं की सही ढंग से जांच की जाए तो नगर परिषद अध्यक्ष केडी साह और तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी की मिली भगत से हुए घोटालो की पोल भी खुल जाएगी.

कार्यपालक पदाधिकारी का हो गया है स्थानांतरण
विवादों के बीच कार्यपालक पदाधिकारी का स्थानांतरण हो गया है लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी की मानें तो विभाग से उन्हें अपने पद पर यथावत रहने की अनुमति मिल गई है. वहीं उन्होंने अध्यक्ष पर नियम के विरूद्ध योजनाओं के निष्पादन करने को लेकर दबाव देने के मामले की भी पुष्टि की है.

ये भी पढ़ें: हाइवे पर बिना ड्राइवर के दौड़ा ट्रक, कार को मारी टक्कर, बाल-बाल बची दो लोगों की जान

निविदा प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं
नगर परिषद अध्यक्ष का कहना है कि निविदा प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हो रही है. सभी कुछ नियमानुसार हो रहा है और आगे भी होगा. नगर परिषद से लेकर कार्यपालक पदाधिकारी सभी ने नगर परिषद को अड्डेबाजी की जगह बना ली है. उन्होंने कहा कि नगर परिषद कार्यालय पदाधिकारी का स्थानांतरण होने के बावजूद पदभार देने के बजाय मनमाने ढंग से अपने पद पर बने हुए हैं, जिसकी शिकायत विभागीय सचिव से लेकर चुनाव आयोग तक की जाएगी.

जनता हो रही विकास से महरूम
कुल मिलाकर देखा जाए तो पूरा मामला योजनाओं में साठ-गांठ, निजी स्वार्थ की राह में आ रही अड़चनों के कारण हो रहा है. पुरानी कहावत है कि दो हाथियों की जंग में नुकसान आखिर जंगल का ही होता है और यहां भी यही हो रहा है. कार्यपालक पदाधिकारी और नगर परिषद अध्यक्ष के बीच छिड़ी लड़ाई से चक्रधरपुर की जनता को विकास से महरूम होकर इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है.

Intro:चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर नगर परिषद में इन दिनों कई वार्ड पार्षद एवं कार्यपालक पदाधिकारी के साथ नगर परिषद की अध्यक्ष के बीच कई मुद्दों को लेकर विवाद शुरू हो गया है। दोनों ही एक दूसरे के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगा रहे हैं इन तमाम विवादों के बीच नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी का भी स्थानांतरण हो गया है। परंतु पदाधिकारी अपना पदभार देने के बजाय नगर परिषद अध्यक्ष पर नियम के खिलाफ कार्य करने की दवा बनाने का आरोप लगा रहे हैं।


Body:इन विवादों के बीज नगर परिषद के अधीन चलने वाली का योजनाओं का इसका सीधा सर दिखने लगा है शहर की विकास चरमरा गई है।

वही वार्ड पार्षदों की माने तो नगर परिषद अध्यक्ष केडी साह कंबल वितरण में मनमाने ढंग से बांटना चाहते हैं जबकि पार्षद नियमानुसार जरुरतमंद को चिन्हित कर उनके बीच कंबल बांटने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि कंबल का वितरण जरुरतमंद के बीच कड़ाके की ठंड से पूर्व समय पर किया जाए जिसे लोग कड़ाके की ठंड से बच सकें। पार्षदों का कहना है कि विगत 3 वर्षों में नगर परिषद अध्यक्ष द्वारा नियम कानून को ताक में रखकर नगर परिषद अंतर्गत संचालित होने वाली योजनाओं की निविदा अपने चहते संवेदको के पक्ष में करते रहे हैं। लेकिन चक्रधरपुर नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी के आने से उनके मनमाने रवैये पर रोक लग गई है और यही कारण है कि कार्यपालक पदाधिकारी और नगर परिषद अध्यक्ष केडी साह के बीच विवाद गहराता जा रहा है।

पार्षदों की माने तो विगत 3 वर्षों के कार्यकाल में ही योजनाओं की सही ढंग से जांच कर दी जाए। तो नगर परिषद अध्यक्ष के डीसा एवं तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी की मिली भगत से हुए घोटालो की पोल भी खुल जाएगी।

इन सबके बीच कार्यपालक पदाधिकारी का स्थानांतरण 20 हो गया है लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी की माने तो विभाग के द्वारा अपने पद पर यथावत रहने की अनुमति मिल गई है। साथी उन्होंने अध्यक्ष के द्वारा नियम के विरोध योजनाओं के निष्पादन करने को लेकर दबाव देने के मामले की भी पुष्टि की है।

वही नगर परिषद अध्यक्ष की माने तो निविदा प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हो रही है सभी कुछ नियमानुसार हो रहा है और आगे भी होगा नगर परिषद से लेकर कार्यपालक पदाधिकारी क्या वास्ता सामाजिक तत्वों का जमाना लगा रहता है वह दिन रात नशे में धुत रहते हैं। उन्होंने अभी कहां की नगर परिषद कार्यालय पदाधिकारी का स्थानांतरण होने के बावजूद पदभार देने के बजाय मर माने ढंग से अपने पद पर बने हुए हैं। जिसकी शिकायत विभागीय सचिव उसे लेकर चुनाव आयोग तक वो करेंगे।




Conclusion:कुल मिलाकर दिखा जाए तो पूरा मामला योजनाओं में साठ गांठ निजी स्वार्थ की राह में आ रही अड़चनो के कारण पूरा विवाद गहराता आता जा रहा है।
पुरानी कहावत है कि दो हाथियों की जंग में नुकसान आखिर जंगल का ही होता है यानी कार्यपालक पदाधिकारी एवं नगर परिषद अध्यक्ष के बीच लड़ाई से चक्रधरपुर की जनता को विकास से महरूम होकर इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है।

बाईट 1 - चक्रधरपुर नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी, महेंद्र राम
बाईट 2 - वार्ड पार्षद
बाईट 3 - वार्ड पार्षद
बाईट 4 - वार्ड पार्षद
बाईट 5- चक्रधरपुर नगर परिषद अध्यक्ष, केडी साह
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