चाईबासा: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून के खिलाफ भारत बंद का चाईबासा में व्यापक असर देखने को मिला है. इस दौरान कांग्रेस, आदिवासी मूलवासी संघर्ष समिति सहित कई पार्टी बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरे और बाजार की दुकानें बंद करवाने लगे. दुकान बंद करवाने के दौरान सदर बाजार में दुकानदारों के साथ आंदोलनकारियों की हाथापाई हो गई.
भारत बंद को कांग्रेस का पुरजोर समर्थन
कृषि कानून के खिलाफ किसानों के भारत बंद का कांग्रेस ने पुरजोर समर्थन किया है. इसके तहत चाईबासा के विभिन्न प्रखंडों में कार्यकर्ताओं ने बंद को सफल बनाने को लेकर सुबह से ही सड़क पर उतर कर जगह-जगह प्रदर्शन किया. बंद के दौरान कांग्रेसियों ने शहर सहित आसपास के क्षेत्र में मोटर साईकिल रैली करते हुए व्यवसाय वर्ग, दुकानदार और प्रतिष्ठानों के संचालकों से बंद को समर्थन करने को कह रहे थे. आदिवासी मूलवासी संघर्ष समिति के समर्थकों के साथ बंद को सफल बनाने के दौरान सदर बाजार में दुकान खुले देखने के बाद बंद करवाने को लेकर झड़प हो गई. इस दौरान स्थानीय लोगों की पहल पर मामला शांत हुआ. बंद के दौरान शहर के चौक-चौराहों पर पुलिस तैनात रही.
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काला कानून का विरोध रहेगा जारी
पूर्व विधायक बहादुर उरांव ने कहा कि ये बात सभी जानते हैं कि किसान अन्नदाता हैं और मजदूर कर्मदाता. इनके बिना दुनिया चल नहीं सकती है. बड़ी से बड़ी कंपनियों के लोग भी अन्न ही खाते हैं. ऐसे में सरकार काला कानून लाकर किसानों की बेइज्जती कर रही है. ये बर्दाश्त करने की बात नही है. बंद को पूरी तरह से सफल बताते हुए उन्होंने कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं लिया जाता उनका आंदोलन जारी रहेगा.