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चाईबासा में सीआईडी करेगी कोरोना पीपीई किट घोटाले की जांच, 26 नवंबर को दर्ज कराई गई थी प्राथमिकी - पीपीई किट की खरीदारी

पश्चिम सिंहभूम जिले में सदर अस्पताल चाईबासा के डीपीएम के ओर से कोरोना महामारी के दौरान पीपीई किट खरीदे गए थे, जिसमें घोटाले की बात सामने आई थी. इस संबंध में चाईबासा सदर थाना में दर्ज केस कराई गई थी. पीपीई किट खरीद घोटाले की जांच अब सीआईडी करेगी.

CID will investigate Corona PPE kit scam in Chaibasa
पीपीई किट घोटाला
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Published : Dec 5, 2020, 12:26 AM IST

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले में सदर अस्पताल चाईबासा के डीपीएम के ओर से कोरोना महामारी के दौरान की गई पीपीई किट खरीद घोटाले की जांच अब सीआईडी करेगी. इस संबंध में 26 नवंबर को चाईबासा सदर थाना में दर्ज केस संख्या 118/20 की प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी.

थाने में दर्ज मामले के अनुसार अभियुक्तों ने फर्जी कागजात तैयार कर कोरोना काल में पीपीई किट की खरीदारी में 3.15 लाख रुपया से अधिक सरकारी राशि का उपयोग किया था, जिसके बाद गबन करने का मामला संज्ञान में आया था. अब इस मामले को सीआईडी ने टेकओवर कर लिया है. मामले में त्वरित गति से जांच के लिए डीएसपी स्तर के पदाधिकारियों के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है.

इसे भी पढे़ं:- चाईबासा से चोरी 40 लोहे का खंभा गिरिडीह में बरामद, फैक्ट्री में खपाने की थी योजना


जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में पीपीई किट की खरीदारी में वित्तीय अनियमितता समेत कई आरोप डीपीएम यूनिट के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नीरज कुमार यादव पर लगे हैं. इस संबंध में पहले ही डीसी ने जांच के आदेश दिए थे. इसी के आलोक में 2 सदस्यीय टीम ने आरोपी नीरज कुमार यादव से घंटों पूछताछ भी की थी. इस दौरान जहां उनके कंप्यूटर को सील किया गया था वहीं, कागजात समेत कई डाटा को सदस्यों ने खंगाला था. पूरे प्रकरण में आरोपी नीरज कुमार यादव अपने उपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते रहे हैं. उन्होंने इस पूरे प्रकरण में सिविल सर्जन को ही दोषी ठहराया था. बताया जा रहा है कि पीपीई किट खरीद को लेकर टेंडर किसी और फर्म के नाम से निकाला गया और खरीद किसी और फर्म से कर ली गई थी.

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले में सदर अस्पताल चाईबासा के डीपीएम के ओर से कोरोना महामारी के दौरान की गई पीपीई किट खरीद घोटाले की जांच अब सीआईडी करेगी. इस संबंध में 26 नवंबर को चाईबासा सदर थाना में दर्ज केस संख्या 118/20 की प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी.

थाने में दर्ज मामले के अनुसार अभियुक्तों ने फर्जी कागजात तैयार कर कोरोना काल में पीपीई किट की खरीदारी में 3.15 लाख रुपया से अधिक सरकारी राशि का उपयोग किया था, जिसके बाद गबन करने का मामला संज्ञान में आया था. अब इस मामले को सीआईडी ने टेकओवर कर लिया है. मामले में त्वरित गति से जांच के लिए डीएसपी स्तर के पदाधिकारियों के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है.

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जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में पीपीई किट की खरीदारी में वित्तीय अनियमितता समेत कई आरोप डीपीएम यूनिट के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नीरज कुमार यादव पर लगे हैं. इस संबंध में पहले ही डीसी ने जांच के आदेश दिए थे. इसी के आलोक में 2 सदस्यीय टीम ने आरोपी नीरज कुमार यादव से घंटों पूछताछ भी की थी. इस दौरान जहां उनके कंप्यूटर को सील किया गया था वहीं, कागजात समेत कई डाटा को सदस्यों ने खंगाला था. पूरे प्रकरण में आरोपी नीरज कुमार यादव अपने उपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते रहे हैं. उन्होंने इस पूरे प्रकरण में सिविल सर्जन को ही दोषी ठहराया था. बताया जा रहा है कि पीपीई किट खरीद को लेकर टेंडर किसी और फर्म के नाम से निकाला गया और खरीद किसी और फर्म से कर ली गई थी.

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