चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के गोइलकेरा का सरकारी अस्पताल (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) का हाल बदहाल होता जा रहा है. रविवार को तालाब में डूबने से पांच साल की बच्ची अचेत हो गई थी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों के गायब रहने के कारण उसका इलाज नहीं हो सका और उसकी मौत हो गई.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल सात डॉक्टर हैं, लेकिन रविवार के दिन सभी सातों डॉक्टर में से कोई भी अस्पताल में मौजूद नहीं थे. इस अस्पताल की लापरवाही कुछ दिनों पहले भी सामने आई थी, जब यहां इलाज कराने आए एक बच्चे को एक्सपायरी दवा दे दी गई थी और उसकी मौत हो गई थी, जिसके बाद जमकर बवाल भी हुआ था, बावजूद इसके अस्पताल में अबतक सुधार नहीं हो सका है.
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इस मामले में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नरेश बास्के ने कहा कि अस्पताल में तीन आयुष चिकित्सक और एक डेंटिस्ट हैं, जिनसे ओपीडी में ड्यूटी लेने का नियम नहीं है. उन्होंने बताया कि डॉ रत्नेश्वर बोदरा और स्नेहा कुमारी पिछले एक महीने से अस्पताल नहीं आ रहे हैं, इसकी जानकारी सिविल सर्जन को दी गई है, डॉक्टरों की कमी के कारण परेशानी हो रही है.
वहीं, बच्ची के परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों के नहीं रहने के कारण अस्पताल में एमपीडब्ल्यू लखन जामुदा ने बच्ची की जांच की, लेकिन थोड़ी देर बाद ही उसे मृत घोषित कर दिया गया.