चाईबासा: झारखंड सरकार ने अनलॉक 1.0 में कपड़ा, जूता और मनिहारी की दुकानों को खोलने पर पाबंदी लगाई है. इस दौरान सैलून खोलने की भी इजाजत नहीं है. इन्हें छोड़ लगभग सभी दुकानदारों को सरकार ने छूट दे दी है. सरकार की ओर से खासकर कपड़ा और जूता की दुकानों को खोलने की इजाजत नहीं दिए जाने के खिलाफ पश्चिम सिंहभूम जिले के व्यवसायियों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा.
दुकानों को भी खोलने की अनुमति
पश्चिम सिंहभूम जिले के व्यवसायियों ने अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिले के उपायुक्त अरवा राजकमल को मांग पत्र सौंपा है. उनका मांग है कि सरकार कपड़ा और जूता-चप्पल व्यवसायियों की परेशानी को समझे और उन्हें दुकान खोलने की अनुमति दें. उनका कहना है कि लॉकडाउन के बाद से कपड़ा और जूता-चप्पल व्यवसायी के दुकानों में काम करने वाले कर्मचारी भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं. उन्हें खाने-पीने के भी लाले पड़ गए हैं. इसलिए सभी दुकानों की तर्ज पर कपड़े और जूते-चप्पल की दुकानों को भी खोलने की अनुमति दी जाए, ताकि दुकानदार अपने और अपने कर्मचारियों का भरण पोषण कर सकें.
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सरकार की उदासीनता
मांग पत्र के माध्यम से दुकानदारों ने चेतावनी भी दी है कि सरकार अगर जल्द से जल्द उनकी मांगों को नहीं मानती है तो पश्चिम सिंहभूम के व्यवसायी संघ 'चाभी घुमाओ शटर उठाओ' अभियान के तहत दुकान को जबरन खोलने को मजबूर हो जाएंगे. उनका कहना है कि सरकार कपड़ा और जूते-चप्पल के व्यवसायी के प्रति सरकार की उदासीनता उनके समझ से परे है. सरकार ने सभी तरह के दुकान और प्रतिष्ठानों को खोलने की अनुमति दी है, लेकिन कपड़ा, जूते-चप्पल और मनिहारी के दुकानों को अनुमति नहीं दी गई है.