चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले में हुए नरसंहार को लेकर बीजेपी सांसदों के 6 सदस्यीय जांच टीम को पुलिस ने घटनास्थल पर जाने से रोक दिया, जिसके बाद सभी सांसद NH-75 पर बैठे रहे. इसके कारण सड़क जाम हो गई. जिसके बाद प्रशासन ने अपने वरीय पदाधिकारियों से अनुमति लेकर बीजेपी सांसदों को घटनास्थल पर जाने के अनुमति दी.
जांच समिति में शामिल सांसदों ने पूरे घटना में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि झारखंड में सरकार बदलते ही अदृश्य शक्तियां जाग गई हैं, दबाव में पत्थलगड़ी के सारे मामलों को सरकार ने वापस ले लिया है. झारखंड सरकार में मंत्री रहे नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि पत्थलगड़ी के कारण ही नरसंहार की घटना घटी है, इसके बावजूद सरकार एसआईटी का गठन कर मामले की जांच कराने में जुटी हुई है, जो पीड़ितों के साथ भद्दा मजाक करने के जैसा है.
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वहीं, महाराष्ट्र से आई बीजेपी सांसद भारती पवार ने कहा कि 7 लोगों की नृशंस हत्या मामले को लीपापोती करने के लिए एसआईटी के गठन करना काफी बड़ा मामला प्रतीत होता है. उन्होंने कहा कि इस मामले को आने वाले दिनों में बीजेपी के जोरदार तरीके से उठाएगी.