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चाईबासा में बैंकर्स कमेटी की हुई बैठक, डीसी ने कहा- सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का होगा विस्तार - चाईबासा में सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार होगा

चाईबासा में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक आयोजित की गई. इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में उम्मीद करेंगे कि उपस्थित 132 बैंक शाखाओं के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं का और अधिक विस्तार किया जाए.

Chaibasa achievement was 115% under the annual credit plan
वार्षिक साख योजना अंतर्गत चाईबासा की उपलब्धि 115% रही
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Published : Jul 2, 2020, 10:13 PM IST

चाईबासा: समाहरणालय सभाकक्ष में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय बैंकर्स कमेटी (डीएलसीसी) की बैठक आयोजित की गई. बैठक में जिले के उप विकास आयुक्त, नाबार्ड के प्रतिनिधि, अग्रणी बैंक प्रबंधक, सभी बैंकों के जिला समन्वयक और जिला स्तरीय अन्य वरीय पदाधिकारी गण उपस्थित रहे. विगत वित्तीय वर्ष 2019-20 में एनुअल क्रेडिट टारगेट (एसीपी) 740 करोड़ रुपए का था. वित्तीय वर्ष समाप्त होने के अगले क्वार्टर में हुई समीक्षा में एसएलबीसी के डेटाबेस के अनुसार विगत साल कुल 849 करोड़ रुपये का लोन वितरित किया गया है. जो टारगेट से 15% अधिक है. इस प्रकार से वार्षिक साख योजना अंतर्गत जिला की उपलब्धि 115% रही.

बैठक में उपायुक्त ने कहा कि एनुअल क्रेडिट प्लान एस्टीमेट रहता है जो कि पिछले वित्तीय वर्षों की उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाता है. पिछले साल अगर प्रदर्शन बेहतर रहा है तो इसका अर्थ यह हुआ कि क्षेत्र में संभावनाएं अधिक है. तो और अधिक क्रेडिट गरीब रैयतों और एमएसएमई को दे सकते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष के लिए जो एनुअल क्रेडिट प्लान है वह 928 करोड़ का बनाया गया है. निश्चित रूप से यह एक एंबिशियस प्लान है.

ये भी पढ़ें: चाईबासाः कोड़ा दंपति ने तेल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ चलाई बैलगाड़ी, BDO को सौंपा ज्ञापन

उपायुक्त ने कहा कि अधिक से अधिक किसान और प्रवासी मजदूर जो कि अन्य जगहों से आए हैं वे भी इससे लाभान्वित हो पाएंगे. अभी तक जो वापस लौटे प्रवासी मजदूर हैं. उन्हीं में से 9,900 अतिरिक्त किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण किया गया है. यह अभियान लगातार जारी रहेगा. अधिक से अधिक किसान और मत्स्यकारों को क्रेडिट कार्ड के साथ जोड़ा जाएगा. टर्म लोन पर अधिक ध्यान देकर ज्यादा से ज्यादा कृषि संबंधी उपकरण जैसे टिलर, ट्रैक्टर इत्यादि जैसे वाहन खरीदने में हम कृषकों की मदद करेंगे. विगत वित्तीय वर्ष में पूरे जिले में सभी बैंकर्स का क्रेडिट टू डिपॉजिट रेशियो (सीडी रेशियो) 43.45% रहा है. सामान्यतः 40% प्लस के क्रेडिट टू डिपॉजिट रेशियो को जिला के लिए उचित माना जाता है. जिले का क्रेडिट टू डिपॉजिट रेशियो भी काफी अच्छा है, हमारा लक्ष्य 45 प्रतिशत का था.

सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार को गति-
उपायुक्त ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में उम्मीद करेंगे कि उपस्थित 132 बैंक शाखाओं के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं का और अधिक विस्तार किया जाए. विशेषकर सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में जैसे कि लोढ़ाई, गुदड़ी जैसे क्षेत्रों में जहां 2G मोबाइल कनेक्टिविटी प्रशासन के द्वारा पहुंचाई गई है. वहां भी बहुत जल्दी बैंकिंग की व्यवस्था को पहुंचाया जाए. सुदूर क्षेत्रों में बैंक खोलने के लिए पूरी तैयारी की गई है. पुलिस अधीक्षक के साथ क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी मानकों को भी ध्यान में रखते हुए एक स्ट्रेटजी बनाई गई है. इस संबंध में अग्रसर कार्रवाई शीघ्र की जाएगी. इसके लिए बैंकर्स को मौका भी दिया गया है कि जो भी बैंक सर्वप्रथम जाकर गुदड़ी में बैंक खोलते हैं तो उनको जाकर बैंक खोलते हैं तो ज्यादा से ज्यादा सरकारी खाते खोलते हुए अन्य योजनाओं की राशि भी ट्रांसफर की जाएगी, ताकि वह बैंक सहूलियत के साथ गुदड़ी क्षेत्र के लोगों को सेवा दे पाएं.

चाईबासा: समाहरणालय सभाकक्ष में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय बैंकर्स कमेटी (डीएलसीसी) की बैठक आयोजित की गई. बैठक में जिले के उप विकास आयुक्त, नाबार्ड के प्रतिनिधि, अग्रणी बैंक प्रबंधक, सभी बैंकों के जिला समन्वयक और जिला स्तरीय अन्य वरीय पदाधिकारी गण उपस्थित रहे. विगत वित्तीय वर्ष 2019-20 में एनुअल क्रेडिट टारगेट (एसीपी) 740 करोड़ रुपए का था. वित्तीय वर्ष समाप्त होने के अगले क्वार्टर में हुई समीक्षा में एसएलबीसी के डेटाबेस के अनुसार विगत साल कुल 849 करोड़ रुपये का लोन वितरित किया गया है. जो टारगेट से 15% अधिक है. इस प्रकार से वार्षिक साख योजना अंतर्गत जिला की उपलब्धि 115% रही.

बैठक में उपायुक्त ने कहा कि एनुअल क्रेडिट प्लान एस्टीमेट रहता है जो कि पिछले वित्तीय वर्षों की उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाता है. पिछले साल अगर प्रदर्शन बेहतर रहा है तो इसका अर्थ यह हुआ कि क्षेत्र में संभावनाएं अधिक है. तो और अधिक क्रेडिट गरीब रैयतों और एमएसएमई को दे सकते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष के लिए जो एनुअल क्रेडिट प्लान है वह 928 करोड़ का बनाया गया है. निश्चित रूप से यह एक एंबिशियस प्लान है.

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उपायुक्त ने कहा कि अधिक से अधिक किसान और प्रवासी मजदूर जो कि अन्य जगहों से आए हैं वे भी इससे लाभान्वित हो पाएंगे. अभी तक जो वापस लौटे प्रवासी मजदूर हैं. उन्हीं में से 9,900 अतिरिक्त किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण किया गया है. यह अभियान लगातार जारी रहेगा. अधिक से अधिक किसान और मत्स्यकारों को क्रेडिट कार्ड के साथ जोड़ा जाएगा. टर्म लोन पर अधिक ध्यान देकर ज्यादा से ज्यादा कृषि संबंधी उपकरण जैसे टिलर, ट्रैक्टर इत्यादि जैसे वाहन खरीदने में हम कृषकों की मदद करेंगे. विगत वित्तीय वर्ष में पूरे जिले में सभी बैंकर्स का क्रेडिट टू डिपॉजिट रेशियो (सीडी रेशियो) 43.45% रहा है. सामान्यतः 40% प्लस के क्रेडिट टू डिपॉजिट रेशियो को जिला के लिए उचित माना जाता है. जिले का क्रेडिट टू डिपॉजिट रेशियो भी काफी अच्छा है, हमारा लक्ष्य 45 प्रतिशत का था.

सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार को गति-
उपायुक्त ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में उम्मीद करेंगे कि उपस्थित 132 बैंक शाखाओं के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं का और अधिक विस्तार किया जाए. विशेषकर सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में जैसे कि लोढ़ाई, गुदड़ी जैसे क्षेत्रों में जहां 2G मोबाइल कनेक्टिविटी प्रशासन के द्वारा पहुंचाई गई है. वहां भी बहुत जल्दी बैंकिंग की व्यवस्था को पहुंचाया जाए. सुदूर क्षेत्रों में बैंक खोलने के लिए पूरी तैयारी की गई है. पुलिस अधीक्षक के साथ क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी मानकों को भी ध्यान में रखते हुए एक स्ट्रेटजी बनाई गई है. इस संबंध में अग्रसर कार्रवाई शीघ्र की जाएगी. इसके लिए बैंकर्स को मौका भी दिया गया है कि जो भी बैंक सर्वप्रथम जाकर गुदड़ी में बैंक खोलते हैं तो उनको जाकर बैंक खोलते हैं तो ज्यादा से ज्यादा सरकारी खाते खोलते हुए अन्य योजनाओं की राशि भी ट्रांसफर की जाएगी, ताकि वह बैंक सहूलियत के साथ गुदड़ी क्षेत्र के लोगों को सेवा दे पाएं.

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