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98 आदिवासी परिवारों को एक साल से नहीं मिला राशन, ग्रामीण पहुंचे डीसी ऑफिस

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Published : Jul 30, 2019, 7:58 PM IST

चाईबासा के बाईपी और कुपुई गांवों में राशन डीलरों ने पिछले 1 साल से राशन का वितरण नहीं किया है. इसकी शिकायत लेकर ग्रामीण उपायुक्त कार्यालय पहुंचे. ग्रामीणों ने डीलरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

उपायुक्त कार्यालय पहुंचे ग्रामीण

चाईबासाः पश्चिम सिंहभूम के चक्रधरपुर प्रखंड के बाईपी और कुपुई गांव के दर्जनों आदिवासी परिवारों को बीते एक साल से राशन नहीं मिला है. इसे लेकर ग्रामीण जिला समाहरणालय पहुंचे. ग्रामीणों ने अपर उपायुक्त से मुलाकात कर अपनी समस्याओं के निदान की गुहार लगाई.

देखें पूरी खबर

जन वितरण प्रणाली अंतर्गत डीलर द्वारा हर महिने राशन नहीं दिए जाने से ग्रामीण परेशान हैं. इसे लेकर कई बार चक्रधरपुर प्रखंड, चक्रधरपुर अनुमंडल व जिला अपर उपायुक्त पदाधिकारी के पास गुहार लगाई है. जिसके बाद भी ग्रामीणों के शिकायत पर लगभग एक साल बीत जाने के बाद भी कोई कर्रवाई नहीं की गई है. कार्रवाई नहीं होता देख दोनों गांव के ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर समस्या का निदान करने की गुहार लगाई.

ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम कुपुई और बाईपी के लाभुकों को सितंबर 2018 से लेकर अब तक लगभग 11 माह का (चावल, मिट्टी तेल व चीनी ) राशन लाभुकों को डीलर के द्वारा नहीं बांटा गया है. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. समय पर राशन वितरण नहीं होने के कारण ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. राशन डीलर के खिलाफ जन वितरण प्रणाली के संबंध में जिला खाद्य आपूर्ति को भी कई बार शिकायत की गई है. लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

ये भी पढ़ें- चतरा में विकास कार्य पर नक्सली साया, मुंशी की पिटाई, रुका सड़क निर्माण कार्य

ग्रामीणों की मानें तो ग्राम कुपुई और बाईपी के 98 राशन कार्डधारियों को 11 माह का (चावल, मिट्टी तेल व चीनी) राशन डीलर ने नहीं बांटा. सभी ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत डीलर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मुआवजा सहित एक मुश्त में राशन उपलब्ध कराने की मांग की है. राशन डीलर के लाइसेंस को रद्द करते हुए ग्रामीण महिला समूह को लाइसेंस दिए जाने की भी मांग रखी गई है.

इधर, अपर उपायुक्त इंदु गुप्ता ने कहा कि दोनों गांव के ग्रामीणों की शिकायत आई थी. इसपर दोनों गांव के ग्रामीणों के साथ जन वितरण प्रणाली दुकानदार केदार सिंह पूर्ति को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 2015 (5) के तहत सुनवाई के लिए बुलाया गया है. ग्रामीणों और डीलर की बातें और उनसे संबंधित कागजात की जांच के उपरांत डीलर पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर डीलर की गलती पाई गई तो डीलर के लाइसेंस भी रद्द कर दी जाएगी. इसके साथ ही दोनों गांव के ग्रामीणों को बकाया माह के सारे राशन भी दिया जाएगा.

चाईबासाः पश्चिम सिंहभूम के चक्रधरपुर प्रखंड के बाईपी और कुपुई गांव के दर्जनों आदिवासी परिवारों को बीते एक साल से राशन नहीं मिला है. इसे लेकर ग्रामीण जिला समाहरणालय पहुंचे. ग्रामीणों ने अपर उपायुक्त से मुलाकात कर अपनी समस्याओं के निदान की गुहार लगाई.

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जन वितरण प्रणाली अंतर्गत डीलर द्वारा हर महिने राशन नहीं दिए जाने से ग्रामीण परेशान हैं. इसे लेकर कई बार चक्रधरपुर प्रखंड, चक्रधरपुर अनुमंडल व जिला अपर उपायुक्त पदाधिकारी के पास गुहार लगाई है. जिसके बाद भी ग्रामीणों के शिकायत पर लगभग एक साल बीत जाने के बाद भी कोई कर्रवाई नहीं की गई है. कार्रवाई नहीं होता देख दोनों गांव के ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर समस्या का निदान करने की गुहार लगाई.

ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम कुपुई और बाईपी के लाभुकों को सितंबर 2018 से लेकर अब तक लगभग 11 माह का (चावल, मिट्टी तेल व चीनी ) राशन लाभुकों को डीलर के द्वारा नहीं बांटा गया है. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. समय पर राशन वितरण नहीं होने के कारण ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. राशन डीलर के खिलाफ जन वितरण प्रणाली के संबंध में जिला खाद्य आपूर्ति को भी कई बार शिकायत की गई है. लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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ग्रामीणों की मानें तो ग्राम कुपुई और बाईपी के 98 राशन कार्डधारियों को 11 माह का (चावल, मिट्टी तेल व चीनी) राशन डीलर ने नहीं बांटा. सभी ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत डीलर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मुआवजा सहित एक मुश्त में राशन उपलब्ध कराने की मांग की है. राशन डीलर के लाइसेंस को रद्द करते हुए ग्रामीण महिला समूह को लाइसेंस दिए जाने की भी मांग रखी गई है.

इधर, अपर उपायुक्त इंदु गुप्ता ने कहा कि दोनों गांव के ग्रामीणों की शिकायत आई थी. इसपर दोनों गांव के ग्रामीणों के साथ जन वितरण प्रणाली दुकानदार केदार सिंह पूर्ति को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 2015 (5) के तहत सुनवाई के लिए बुलाया गया है. ग्रामीणों और डीलर की बातें और उनसे संबंधित कागजात की जांच के उपरांत डीलर पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर डीलर की गलती पाई गई तो डीलर के लाइसेंस भी रद्द कर दी जाएगी. इसके साथ ही दोनों गांव के ग्रामीणों को बकाया माह के सारे राशन भी दिया जाएगा.

Intro:चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड के बाईपी व कुपुई गांव के दर्जनों आदिवासी परिवारों को विगत एक वर्ष से राशन नही मिल सका है। जिसे लेकर ग्रामीणों ने जिला समाहरणालय पहुंचकर अपर उपायुक्त से मुलाकात कर अपनी समस्याओं के निदान की गुहार लगाई।






Body:जन वितरण प्रणाली के दुकानदार डीलर द्वारा प्रत्येक माह राशन नहीं दिए जाने को लेकर ग्रामीणों ने कई बार चक्रधरपुर प्रखंड, चक्रधरपुर अनुमंडल व जिला अपर उपायुक्त पदाधिकारी के पास गुहार लगाई थी। उसके बाद भी ग्रामीणों के शिकायत पर लगभग एक वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक राशन डीलर के खिलाफ कोई करवाई नही की गई है। करवाई नहीं होता देख दोनों गांव के ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर समस्या का निदान करने की गुहार लगायी।

ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम कुपुई व बाईपी के लाभुकों को सितंबर 2018 से लेकर अब तक लगभग 11 माह का (चावल, मिट्टी तेल व चीनी ) राशन लाभुकों को डीलर के द्वारा नहीं बांटा गया है इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। समय पर राशन वितरण नहीं होने के कारण ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है। राशन डीलर के खिलाफ जन वितरण प्रणाली से संबंधित विभागों द्वारा जिला खाद्य आपूर्ति को भी कई बार शिकायत करने के बाद भी संबंधित पदाधिकारियों द्वारा डीलर के प्रति कोई कार्यवाई नहीं किया गया।

ग्रामीणों की मांगे हैं कि ग्राम कुपुई व बाईपी के 98 राशन कार्डधारियों को 11 माह का (चावल, मिट्टी तेल व चीनी ) राशन डीलर के द्वारा नहीं बांटा गया है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत डीलर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मुआवजा सहित एक मुश्त में राशन उपलब्ध कराई जाए। साथ ही राशन डीलर के लाइसेंस को रद्द करते हुए ग्रामीण महिला समूह को लाइसेंस दिया जाए।

इधर, अपर उपायुक्त इंदु गुप्ता ने कहा कि दोनों गांव के ग्रामीणों की शिकायत आई थी जिस पर दोनों गांव के मुंडा एवं ग्रामीणों के साथ जन वितरण प्रणाली दुकानदार केदार सिंह पूर्ति को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 2015( 5 ) के तहत सुनवाई के लिए बुलाया गया है। ग्रामीणों एवं डीलर की बातें एवं उनसे संबंधित कागजात की जांच के उपरांत डीलर पर कार्रवाई की जाएगी अगर डीलर की गलती पाई गई तो डीलर की लाइसेंस भी रद्द कर दी जाएगी इसके साथ ही दोनों गांव के ग्रामीणों को बकाया माह की सारी राशन भी दी जाएगी।


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