चाईबासाः झाविमो द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे बाबूलाल मरांडी ने रघुवर सरकार की नीति और नीयत पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि रघुवर सरकार के शासनकाल में कोल्हान की खनिज सम्पदाओं का जमकर दोहन किया गया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि रघुवर सरकार में अगर हिम्मत है तो इस क्षेत्र कितनी मात्रा में लौह अयस्क का खनन किया गया और उसके अनुपात में कितने रुपये इस क्षेत्र में खर्च किए इसका हिसाब लिखकर सार्वजनिक करें.
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सरकार से रहे सावधान
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस क्षेत्र से 1 लाख 25 हजार टन लौह अयस्क प्रतिदिन निकाला जाता है. इसकी लागत करीब साढ़े 400 करोड़ है और उन्हीं पैसों से जमशेदपूर के साथ-साथ दुर्गापुर, राउरकेला, बर्नपुर आदि देश-विदेश भी चमक रहे हैं. परंतु इस क्षेत्र के लोग आज भी बिजली और पानी के लिए तरस रहे हैं. इस क्षेत्र के लोगों को स्वच्छ पानी और बिजली भी नसीब नहीं हो रहा है.उन्होंने कहा कि कोल्हान की धरती के नीचे ही पैसा है, उसके बावजूद क्षेत्र बदहाल है. उन्होंने कहा कि लौह अयस्क का खनन का लगभग 650 करोड़ से अधिक पैसा इस वर्ष का जिला में जमा हैं, जिसका सत्ता में बैठे नेता और अधिकारियों के द्वारा जमकर मनमाने ढंग से खर्च किया जा रहा है. ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है.
पैसा के लिए सरकार सत्तासीन
कार्यक्रम में झाविमो सुप्रीमो ने कहा कि इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं करना चाहिए क्योंकि यह लोग काम करने के लिए नहीं पैसा कमाने के लिए सत्ता पर आसीन हैं, नहीं तो 5 साल में झारखंड की तस्वीर बदल सकती थी लोग यहां भूखे नंगे नहीं होता ये ऐसा झारखंड होता. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर झारखंड का विकास देखना चाहते हैं तो झारखंड विकास मोर्चा को मजबूत करें और फिर देखें कि कैसे झारखंड विकास मोर्चा झारखंड को विकास के मार्ग पर ले जाकर एक नया इतिहास रचेगी.