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कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने केंद्र सरकार पर तंज कसा, कहा- माल महाराज का मिर्जा खेले होली - चाईबासा में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने केंद्र सरकार पर तंज कसा

चाईबासा में जिला स्तरीय किसान मेला कृषि प्रदर्शनी उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने केंद्र सरकार पर तंज कसा.

Agriculture Minister Badal Patralekh attacked central government In Chaibasa
जिला स्तरीय किसान मेला कृषि प्रदर्शनी उद्घाटन समारोह का आयोजन
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Published : Mar 21, 2021, 10:51 PM IST

Updated : Mar 21, 2021, 10:57 PM IST

चाईबासा: कृषि पशुपालन व सहकारिता विभाग के तत्वाधान में चाईबासा स्थित एसोसिएशन ग्राउंड में जिला स्तरीय किसान मेला कृषि प्रदर्शनी उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कृषि मंत्री बादल पत्रलेख उपस्थित रहे. इस दौरान मंत्री जोबा मांझी, सांसद गीता कोड़ा, विधायक दीपक बिरुवा, सोनाराम सिंकू, निरल पूर्ति, सुखराम उरांव भी मौजूद रहें. समारोह की शुरुआत कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने विधिवत दीप प्रज्ज्वलित कर की.

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का बयान

ये भी पढ़ें-कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने की बासुकीनाथ धाम में पूजा, मंदिर प्रबंधन से ली महाशिवरात्रि की तैयारियों की जानकारी

मोदी सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना

इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने केंद्र सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हमेशा बोलती है कि फसल बीमा बंद कर दिया, "माल महाराज का मिर्जा खेले होली". प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर मोदी सरकार ने झारखंड को लूट कर बीमा कंपनियों को लाभ दिया. उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि पिछले 3 वर्षों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनियों को प्रीमियम के नाम पर झारखंड सरकार की ओर से 493 करोड़ 49 लाख रुपए भुगतान किए गए, लेकिन बदले में क्षतिपूर्ति के रूप में बीमा कंपनियों ने मात्र 79 करोड़ 69 लाख ही वापस किया.

बीमा कंपनियों को चलाने का ठेका नहीं लेंगे
कृषि मंत्री ने कहा कि 2016 में भारत सरकार की बीमा कंपनियां 153 करोड़ 58 लाख ले गई और किसानों को 29 करोड़ 26 लाख दिया. साल 2017 में 114 करोड़ 33 लाख बीमा कंपनी और मात्र 36 करोड़ 76 लाख रुपए किसानों को दिए गए. 2018 में किसान तबाह हो गए थे. 225 करोड़ 54 लाख का प्रीमियम भरा गया. इनके पैसे को भारत सरकार के नामित बीमा कंपनियों को प्रधानमंत्री फसल बीमा के लिए पहुंचाया गया और उसके बदले भारत सरकार की बीमा कंपनियों ने मात्र 13 करोड़ 66 लाख रुपए किसानों को दिया. पूरे राज्य में जब इसकी समीक्षा कर साल 2016-17 और 18 की राशियों को जोड़ा गया. इन 3 वर्षों में कितना प्रीमियम दिया गया तो आंकड़े आए कि 493 करोड़ 49 लाख रुपए भारत सरकार ने बीमा कंपनियों को दिया, ताकि प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ किसानों को मिल सके, जिनके फसल बर्बाद हो गए थे, लेकिन 493 करोड़ 49 लाख लेने के बाद भी 3 वर्षों में मात्र 79 करोड़ 69 लाख रुपए किसानों को दिया.

चाईबासा: कृषि पशुपालन व सहकारिता विभाग के तत्वाधान में चाईबासा स्थित एसोसिएशन ग्राउंड में जिला स्तरीय किसान मेला कृषि प्रदर्शनी उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कृषि मंत्री बादल पत्रलेख उपस्थित रहे. इस दौरान मंत्री जोबा मांझी, सांसद गीता कोड़ा, विधायक दीपक बिरुवा, सोनाराम सिंकू, निरल पूर्ति, सुखराम उरांव भी मौजूद रहें. समारोह की शुरुआत कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने विधिवत दीप प्रज्ज्वलित कर की.

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का बयान

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मोदी सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना

इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने केंद्र सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हमेशा बोलती है कि फसल बीमा बंद कर दिया, "माल महाराज का मिर्जा खेले होली". प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर मोदी सरकार ने झारखंड को लूट कर बीमा कंपनियों को लाभ दिया. उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि पिछले 3 वर्षों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनियों को प्रीमियम के नाम पर झारखंड सरकार की ओर से 493 करोड़ 49 लाख रुपए भुगतान किए गए, लेकिन बदले में क्षतिपूर्ति के रूप में बीमा कंपनियों ने मात्र 79 करोड़ 69 लाख ही वापस किया.

बीमा कंपनियों को चलाने का ठेका नहीं लेंगे
कृषि मंत्री ने कहा कि 2016 में भारत सरकार की बीमा कंपनियां 153 करोड़ 58 लाख ले गई और किसानों को 29 करोड़ 26 लाख दिया. साल 2017 में 114 करोड़ 33 लाख बीमा कंपनी और मात्र 36 करोड़ 76 लाख रुपए किसानों को दिए गए. 2018 में किसान तबाह हो गए थे. 225 करोड़ 54 लाख का प्रीमियम भरा गया. इनके पैसे को भारत सरकार के नामित बीमा कंपनियों को प्रधानमंत्री फसल बीमा के लिए पहुंचाया गया और उसके बदले भारत सरकार की बीमा कंपनियों ने मात्र 13 करोड़ 66 लाख रुपए किसानों को दिया. पूरे राज्य में जब इसकी समीक्षा कर साल 2016-17 और 18 की राशियों को जोड़ा गया. इन 3 वर्षों में कितना प्रीमियम दिया गया तो आंकड़े आए कि 493 करोड़ 49 लाख रुपए भारत सरकार ने बीमा कंपनियों को दिया, ताकि प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ किसानों को मिल सके, जिनके फसल बर्बाद हो गए थे, लेकिन 493 करोड़ 49 लाख लेने के बाद भी 3 वर्षों में मात्र 79 करोड़ 69 लाख रुपए किसानों को दिया.

Last Updated : Mar 21, 2021, 10:57 PM IST
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