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झारखंड की 7 लड़कियों को तमिलनाडु से किया गया रेस्क्यू, धागा बनाने वाली कंपनी में करती थी काम

कोल्हान नितिर तुरतुंग नामक संस्था ने तमिलनाडु के कोयंबटूर से सात लड़कियों को रेस्क्यू किया हैं. बंधक बनी लड़कियां रविवार को गितांजलि एक्सप्रेस से चक्रधरपुर स्टेशन पहुंची, जहां संस्था के उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव रिसीव किया और सभी लड़कियों के परिजनों को सौंपा. इसके बाद सभी लड़कियां अपने-अपने घर के लिए रवाना हो गई.

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चाईबासा के बंधक बनी 7 लड़कियों को तमिलनाडू से रेस्क्यू
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Published : Jul 11, 2021, 10:49 PM IST

चाईबासाः कोल्हान नितिर तुरतुंग नाम की संस्था ने तमिलनाडु के कोयंबटूर से कोल्हान की 7 लड़कियों को रेस्क्यू किया है. संस्था के लोगों ने रविवार को बंधक बनी लड़कियों को सकुशल परिजनों को सौंप दिया है.

यह भी पढ़ेंःअंतरजातीय विवाह करना मुखिया को पड़ा भारी, ग्राम सभा ने नवविवाहित जोड़े का किया सामाजिक बहिष्कार

बताया जा रहा है कि कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला जिले के कुचाई थाना क्षेत्र की 6 लड़कियां और एक रांची जिले के मुरी थाना क्षेत्र की लड़की वर्ष-2019 में कौशल विकास योजना के तहत धागा बनाने वाली कंपनी कैपियर मेलिमिटर निलम्बूर गई थी. कंपनी ने इन लड़कियों का कई महीनों से वेतन रोक रखा था. इसके साथ ही दूसरी कंपनी में काम करने भी नहीं दिया जा रहा था.

बंधक बनीं लड़कियों ने फोन से दी थी जानकारी

बंधक बनी लड़कियों ने फोन से बैंगलुरु रेलवे में कार्यरत बिरसा बारी आपबीती बताई. बिरसा बारी ने इसकी सूचना कोल्हान नितिर तुरतुंग संस्था को दी. इसके बाद कोल्हान नितिर तुरतुंग की टीम टीम पूरी तरह से सक्रिय हो गई और फिर कंपनी से लड़कियों को छुड़ाया.

गितांजलि एक्सप्रेस से पहुंची चक्रधरपुर

शैलेश कन्डाईबुरु ने सभी लड़कियों के लिए तत्काल में टिकट बुक कराया. चेन्नई सेंट्रल रेलवे में कार्यरत कोल्हान के संजय बानरा की ओर से खाना मुहैया कराया गया. इसके साथ ही रास्ते के लिए ड्राय-फ्रूट्स भी दिया गया. इसके बाद एलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस से राऊरकेला पहुंची और फिर वहां से गितांजलि एक्सप्रेस से चक्रधरपुर पहुंची.

स्टेशन से सभी को भेजा गया घर

चक्रधरपुर में कोल्हान नितिर तुरतुंग के उपाध्यक्ष अनंत कुमार हेम्ब्रम और संयुक्त-सचिव अंजन सामड ने सभी लड़कियों को रिसीव किया. चक्रधरपुर स्टेशन पर सभी लड़कियों को नाश्ता कराने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया गया और सभी अपने-अपने घर के लिए रवाना हो गई.

चाईबासाः कोल्हान नितिर तुरतुंग नाम की संस्था ने तमिलनाडु के कोयंबटूर से कोल्हान की 7 लड़कियों को रेस्क्यू किया है. संस्था के लोगों ने रविवार को बंधक बनी लड़कियों को सकुशल परिजनों को सौंप दिया है.

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बताया जा रहा है कि कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला जिले के कुचाई थाना क्षेत्र की 6 लड़कियां और एक रांची जिले के मुरी थाना क्षेत्र की लड़की वर्ष-2019 में कौशल विकास योजना के तहत धागा बनाने वाली कंपनी कैपियर मेलिमिटर निलम्बूर गई थी. कंपनी ने इन लड़कियों का कई महीनों से वेतन रोक रखा था. इसके साथ ही दूसरी कंपनी में काम करने भी नहीं दिया जा रहा था.

बंधक बनीं लड़कियों ने फोन से दी थी जानकारी

बंधक बनी लड़कियों ने फोन से बैंगलुरु रेलवे में कार्यरत बिरसा बारी आपबीती बताई. बिरसा बारी ने इसकी सूचना कोल्हान नितिर तुरतुंग संस्था को दी. इसके बाद कोल्हान नितिर तुरतुंग की टीम टीम पूरी तरह से सक्रिय हो गई और फिर कंपनी से लड़कियों को छुड़ाया.

गितांजलि एक्सप्रेस से पहुंची चक्रधरपुर

शैलेश कन्डाईबुरु ने सभी लड़कियों के लिए तत्काल में टिकट बुक कराया. चेन्नई सेंट्रल रेलवे में कार्यरत कोल्हान के संजय बानरा की ओर से खाना मुहैया कराया गया. इसके साथ ही रास्ते के लिए ड्राय-फ्रूट्स भी दिया गया. इसके बाद एलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस से राऊरकेला पहुंची और फिर वहां से गितांजलि एक्सप्रेस से चक्रधरपुर पहुंची.

स्टेशन से सभी को भेजा गया घर

चक्रधरपुर में कोल्हान नितिर तुरतुंग के उपाध्यक्ष अनंत कुमार हेम्ब्रम और संयुक्त-सचिव अंजन सामड ने सभी लड़कियों को रिसीव किया. चक्रधरपुर स्टेशन पर सभी लड़कियों को नाश्ता कराने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया गया और सभी अपने-अपने घर के लिए रवाना हो गई.

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