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Back to Sarna Dharm: चाईबासा में सरना धर्म में वापस आए 14 सदस्य, कुछ दिनों पहले अपनाया था ईसाई धर्म

चाईबासा में धर्म जागरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जहां 14 सदस्यों ने सरना धर्म में वापसी की है. कुछ समय पहले ये लोग इसाई धर्म में धर्मांतरित हुए थे.

reverted to Sarna religion
धर्म जागरण कार्यक्रम
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Published : Jan 31, 2023, 7:39 PM IST

Updated : Jan 31, 2023, 8:11 PM IST

चाईबासा: ग्रामीणों की पहल पर मझगांव थाना क्षेत्र के कुलबाई गांव में धर्म जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के माध्यम से उन लोगों ने सरना धर्म में वापसी की है, इनलोगों ने कुछ दिन पहले ईसाई धर्म अपनाया था. कार्यक्रम में आदिवासी हो समाज युवा महासभा के पदाधिकारियों की उपस्थिति में कुल 14 सदस्यों ने सरना धर्म में वापसी की है.

ये भी पढ़ें: झुमरी तिलैया में चल रहा था धर्मांतरण का खेल, पुलिस ने प्रार्थना सभा में शामिल 100 से ज्यादा महिलाएं और पुरुषों को पकड़ा

अपना गांव, अपना समाज और अपना धर्म का बुलंद हुआ नारा: कुलबाई गांव में आयोजित धर्म जागरण कार्यक्रम में ग्रामीणों ने अपना गांव, अपना समाज और अपना धर्म का नारा बुलंद किया. इस नारा का उद्देश्य अपनी भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपरा और विभिन्न जनजातीय संस्कृतियों को समाज में मजबूती के साथ जिंदा रखना है. सरना धर्म में घर वापसी करने वाले लोगों का दियुरी सोनाराम तिरिया के द्वारा विधिवत रूप बोंगा-बुरु कर स्वागत किया गया. साथ ही उन्हें सामाजिक स्तर पर हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया गया.

कुरीतियों को समाप्त करने का संदेश: आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बर सिंह हेम्ब्रम ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने पर प्रकाश डाला. उन्होंने ग्रामीणों को नसीहत दी है कि समाज में जाली पुजारी बनने के विचार और डायन-ओझा-गुनी जैसे असामाजिक तत्वों को ना फैलाएं. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की जानकारी शेयर करने की अपील की. उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में विशेष कानूनों के प्रावधानों के बावजूद जनजातियों का जबरन ईसाई-हिंदू-मुस्लिम में धर्मांतरण कराना असंवैधानिक है.

आदिवासी बचाओ महारैली में शामिल होने की अपील: वहीं आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ईपिल सामाड ने कहा कि समाज में जागरूक युवा और जागरूक समाज के निर्माण में सामाजिक संगठन का सहयोग करें. आदिवासी हो समाज युवा महासभा प्रंद्रह-बीस सालों से धर्मांतरण के खिलाफ अभियान चला रही है. किसी के बहकावे में धर्म परिवर्तन न करें. उन्होंने लोगों से आगामी 5 मार्च को रांची में आदिवासी बचाओ महारैली में शामिल होने की अपील की.

कार्यक्रम के दौरान ये रहे मौजूद: इस अवसर पर ग्रामीण मुंडा जाबोर तिरिया, मानकी गंगाराम तिरिया, दियुरी सोनाराम तिरिया, आदिवासी हो समाज युवा महासभा के धर्म सचिव सोमा जेराई, दियुरि सदस्य नरेश पिंगुवा, प्रदेश अध्यक्ष गोबिंद बिरुवा, अनुमंडल सचिव सिकंदर तिरिया, प्रखंड अध्यक्ष अनिल चातार, प्रखंड उपाध्यक्ष नंदलाल तिरिया, डाकुवा डोकड़ेंया तिरिया, जोटेया तिरिया, जामदार तिरिया, गुरुचरण बोयपाई, डमरूधर भीमकुल, जुमल तिरिया, बड़ाये बोयपाई, चैतन्य तिरिया, गुरूचरण तिरिया, गोपाल तिरिया, शिवनाथ तिरिया समेत कई लोग मौजूद रहे.

चाईबासा: ग्रामीणों की पहल पर मझगांव थाना क्षेत्र के कुलबाई गांव में धर्म जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के माध्यम से उन लोगों ने सरना धर्म में वापसी की है, इनलोगों ने कुछ दिन पहले ईसाई धर्म अपनाया था. कार्यक्रम में आदिवासी हो समाज युवा महासभा के पदाधिकारियों की उपस्थिति में कुल 14 सदस्यों ने सरना धर्म में वापसी की है.

ये भी पढ़ें: झुमरी तिलैया में चल रहा था धर्मांतरण का खेल, पुलिस ने प्रार्थना सभा में शामिल 100 से ज्यादा महिलाएं और पुरुषों को पकड़ा

अपना गांव, अपना समाज और अपना धर्म का बुलंद हुआ नारा: कुलबाई गांव में आयोजित धर्म जागरण कार्यक्रम में ग्रामीणों ने अपना गांव, अपना समाज और अपना धर्म का नारा बुलंद किया. इस नारा का उद्देश्य अपनी भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपरा और विभिन्न जनजातीय संस्कृतियों को समाज में मजबूती के साथ जिंदा रखना है. सरना धर्म में घर वापसी करने वाले लोगों का दियुरी सोनाराम तिरिया के द्वारा विधिवत रूप बोंगा-बुरु कर स्वागत किया गया. साथ ही उन्हें सामाजिक स्तर पर हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया गया.

कुरीतियों को समाप्त करने का संदेश: आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बर सिंह हेम्ब्रम ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने पर प्रकाश डाला. उन्होंने ग्रामीणों को नसीहत दी है कि समाज में जाली पुजारी बनने के विचार और डायन-ओझा-गुनी जैसे असामाजिक तत्वों को ना फैलाएं. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की जानकारी शेयर करने की अपील की. उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में विशेष कानूनों के प्रावधानों के बावजूद जनजातियों का जबरन ईसाई-हिंदू-मुस्लिम में धर्मांतरण कराना असंवैधानिक है.

आदिवासी बचाओ महारैली में शामिल होने की अपील: वहीं आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ईपिल सामाड ने कहा कि समाज में जागरूक युवा और जागरूक समाज के निर्माण में सामाजिक संगठन का सहयोग करें. आदिवासी हो समाज युवा महासभा प्रंद्रह-बीस सालों से धर्मांतरण के खिलाफ अभियान चला रही है. किसी के बहकावे में धर्म परिवर्तन न करें. उन्होंने लोगों से आगामी 5 मार्च को रांची में आदिवासी बचाओ महारैली में शामिल होने की अपील की.

कार्यक्रम के दौरान ये रहे मौजूद: इस अवसर पर ग्रामीण मुंडा जाबोर तिरिया, मानकी गंगाराम तिरिया, दियुरी सोनाराम तिरिया, आदिवासी हो समाज युवा महासभा के धर्म सचिव सोमा जेराई, दियुरि सदस्य नरेश पिंगुवा, प्रदेश अध्यक्ष गोबिंद बिरुवा, अनुमंडल सचिव सिकंदर तिरिया, प्रखंड अध्यक्ष अनिल चातार, प्रखंड उपाध्यक्ष नंदलाल तिरिया, डाकुवा डोकड़ेंया तिरिया, जोटेया तिरिया, जामदार तिरिया, गुरुचरण बोयपाई, डमरूधर भीमकुल, जुमल तिरिया, बड़ाये बोयपाई, चैतन्य तिरिया, गुरूचरण तिरिया, गोपाल तिरिया, शिवनाथ तिरिया समेत कई लोग मौजूद रहे.

Last Updated : Jan 31, 2023, 8:11 PM IST
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