रांचीः कोरोना वायरस लगातार पांव पसार रहा है और इसकी वजह से दिन-ब-दिन चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं. विपदा की इस घड़ी में सरकार का सिर्फ एक बात पर अब जोर है कि लॉकडाउन के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का गंभीरता से पालन हो और कोई भी भूखा ना रहे. इसके लिए सरकार के स्तर पर बहुत कुछ शुरू किया गया है.
पंचायत स्तर पर मुख्यमंत्री दीदी किचन, थाना स्तर पर सामुदायिक किचन और जगह-जगह दाल भात केंद्र चलाए जा रहे हैं. लेकिन सबको भोजन मिले इसके लिए जरूरी है कि समाज का हर तबका अपने-अपने स्तर से आसपास के गरीबों के लिए सामने आए. रांची के धुर्वा स्थित सेक्टर 3 स्थित सामुदायिक भवन को यहां के स्थानीय लोगों ने अन्नदान भवन के रूप में स्थापित कर दिया है.
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आसपास के क्षेत्र के लोग अनाज दान करते हैं और पैसे भी देते हैं. इस आधार पर अलग-अलग पार्टियों के लोगों ने एक समिति बनाई है, जो हर दिन चावल और सब्जी बनाती हैं और आसपास के लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए भोजन कराती है.
12 बजते ही गरीब बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं की लंबी कतार यहां लग जाती है. लोग थाली और कटोरा लेकर पहुंचते हैं और उन्हें भोजन परोसा जाता है. अन्नदान समिति के लोग भोजन वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का गंभीरता से पालन कराते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने पूरी व्यवस्था की पड़ताल की तो यहां की व्यवस्था काबिले तारीफ निकली.
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वहीं समिति के एक सदस्य ने बताया कि मानव सेवा का यह ख्याल तब आया जब 29 मार्च को दूसरे राज्य के कुछ लोग यहां पर फंसे हुए मिले और खाने के लिए परेशान थे, तब से यह सेवा अनवरत जारी है. समिति के लोग हर दिन करीब 900 लोगों को खाना खिला रहे हैं. यहां धुर्वा के 3 किलोमीटर के दायरे के गरीब लोग पहुंचते हैं और भरपेट खाना खाते हैं.