रांची: राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने शुक्रवार को डीजीपी एमवी राव समेत अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की. इस दौरान डीजीपी ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए राज्य के 24 जिलों में कुल 36 महिला थाने कार्यरत हैं.
बैठक में कई मुद्दों पर हुई चर्चा
बैठक में नोवेल कोरोना के मद्देनजर महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के पीड़ितों को तत्काल और ससमय राहत और सहायता सुनिश्चित करने, महिलाओं के विरूद्ध होने वाले विभिन्न साईबर अपराधों के मामलों से निपटने पर चर्चा की गई. इसके अलावा कोविड -19 महामारी के कारण अन्य राज्यों से वापस लौटीं प्रवासी महिलाओं से संबंधित अपराधों से निपटने और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि में उठाये गये अन्य प्रभावी कदमों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई. डीजीपी एमवी राव ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा को महिलाओं के विरूद्ध सम्भावित अपराध पर अंकुश रखने हेतु झारखंड पुलिस के स्तर से हरसंभव उठाए गये एहतयाती कदमों की विस्तृत जानकारी दी.
डीजीपी ने दी जानकारी
बैठक के दौरान डीजीपी एमवी राव ने बताया कि झारखंड पुलिस की ओर से बुजुर्गों को विशेष रूप से चिकित्सीय सुविधायें भी उपलब्ध करायी जा रही हैं, जो एक सराहनीय कदम रहा है. डीजीपी ने बताया कि झारखंड में महिलाओं के विरूद्ध अपराध की रोकथाम और महिला की सुरक्षा के लिए राज्य के 24 जिलों में कुल 36 महिला थाने कार्यरत हैं. सभी महिला थानों में न सिर्फ महिला पुलिस-पदाधिकारी/कर्मी की प्रतिनियुक्ति हैं बल्कि संबंधित थानों में काउंसलिंग सेंटर्स भी कार्यरत हैं. राज्य के कुल 08 जिलों में अवैध मानव व्यापार इकाई भी कार्यरत हैं.
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महिलाओं/बच्चों की समस्याओं से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए झारखंड सीआईडी में महिला हेल्प लाईन नंबर- 9771432103 और चाईल्ड हेल्प लाईन नंबर-8877444444 चालू है. महिलाओं के विरूद्ध साइबर अपराध दर्ज कराने के लिए राज्य में कुल सात साइबर थाने में सुविधा उपलब्ध है. महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षण के लिये झारखंड पुलिस का ऐन्ड्रॉयड आधारित मोबाइल ऐप्लीकेशन 'शक्ति ऐप्प'भी सेवारत है, जो आपात स्थिति में महिलाओं की सुरक्षा के लिए काफी कारगर साबित हो रहा है.