सिमडेगा: बाल अधिकार संरक्षण पर एक दिवसीय मेगा जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन सिमडेगा एसएस गर्ल्स हाई स्कूल में किया गया. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार और जिला विधिक सेवा प्राधिकार सिमडेगा द्वारा संयुक्त रूप से यह आयोजन किया गया था. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि झारखंड हाइकोर्ट की न्यायमूर्ति सह प्रशासनिक न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी और विशिष्ट अतिथि के रूप में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए.
बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित होः न्यायमूर्ति अनुभा रावत चौधरी ने अपने संबोधन में उपस्थित लोगों और बच्चों से कहा कि वे आज सिमडेगा में एक जज के तौर पर नहीं, बल्कि एक मां बनकर आईं हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित हो इसे लेकर न्यायपालिका और सरकार दोनों प्रतिबद्ध हैं. साथ ही पॉक्सो एक्ट-2012 को लेकर विस्तृत जानकारी दी. न्यायमूर्ति ने कहा कि पॉक्सो एक्ट-2012 महज एक्ट बनकर ना रहे, बल्कि बच्चों में जागरुकता आए और एक्ट बनाने का उद्देश्य पूरा हो और लागू हो इसे लेकर सिमडेगा जिले से एक मुहिम शुरू की गई है, जो पूरे राज्यभर में चलाई जाएगी. इसके अलावा लड़कियों के नाम संदेश देते हुए न्यायमूर्ति ने कहा कि आने वाला भविष्य अब उन्हीं के हाथों में है.
बच्चों ने किया नाटक का मंचनः कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों द्वारा सोशल मीडिया के कारण बच्चों की बर्बाद होती जिंदगी, शारीरिक शोषण, मानसिक उत्पीड़न सहित कई मुद्दों पर नाटक का मंचन किया. इसके अलावा सिल्ली से आई प्रसिद्ध गायिका इमली द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर गीत की प्रस्तुति दी. इसके बाद न्यायमूर्ति स्वयं अपने स्थान से उठकर इमली से मिलीं और उनकी तारीफ की. साथ ही उनका नाम और गांव जानने के पश्चात इमली के साथ में फोटो खिंचवाते हुए उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी. इसके अलावा हाइकोर्ट की जज ने बंबू क्राफ्ट, पेंटिंग आदि स्टॉल का भी निरीक्षण किया. वहीं एक छोटे बच्चे द्वारा बनाए गए श्रीराम मंदिर की सुंदर पेंटिंग को देखकर उसकी तारीफ की.
कार्यक्रम का लाइव प्रसारण राज्य के अन्य स्कूलों में भी हुआः बताते चलें कि राज्य का पहला जिला सिमडेगा है, जहां पोक्सो एक्ट- 2012 को लेकर इतने वृहत स्तर पर राज्यस्तरीय जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें सैकड़ों स्कूली बच्चे शामिल हुए. वहीं इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण राज्य के अन्य स्कूलों में भी किया गया, ताकि इस जागरुकता कार्यक्रम का लाभ बड़े स्तर पर बच्चों को मिल सके.
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