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मां से कहा था लौट कर आऊंगा, लॉकडाउन के दौरान आई मौत की खबर

सिमडेगा से गोवा कमाने गए एक युवक की मौत हो गई. उसकी तबीयत ठीक नहीं थी. लॉकडाउन के कारण परिजन भी नहीं पहुंच सकें और वहीं उसकी अंतिम संस्कार कर दिया गया.

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Published : Apr 7, 2020, 12:39 PM IST

सिमडेगा: जलडेगा प्रखंड के राजस्व ग्राम कोनमेरला अंतर्गत बरकीटांगर गांव का 20 वर्षीय अर्जुन चीक बड़ाइक लॉकडाउन के कारण अपने घर न लौट सका. अर्जुन की मौत की खबर मिलते ही मां सरस्वती देवी और पिता रामकुमार बड़ाइक का रो-रोकर बुरा हाल है. वह गोवा मजदूरी करने गया था.

देखें पूरी खबर

गोवा में अंतिम संस्कार, नहीं पहुंच सके परिजन

बता दें कि अर्जुन वहां के एक होटल में रहकर काम करता था. परिजनों ने बताया कि बीते कई दिनों से अर्जुन की तबीयत खराब थी. उसका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा था. वह घर वापस आने के लिए टिकट भी करा चुका था. पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. अगले ही दिन ही लॉकडाउन हो गया. जिससे वह घर नहीं आ सका और दिन-प्रतिदिन उसकी हालत बिगड़ती चली गई. जिसके बाद रविवार को उसकी मौत इलाज के दौरान हो गई.

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

कोरोना के प्रकोप को देखते हुए गोवा में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. बेटे के मौत की खबर सुनने के बाद घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है. मां बार-बार कह रही है कि अंतिम बार भी बेटे का चेहरा देख नहीं पाई. इसका अफसोस हमेशा रहेगा.

ये भी पढ़ें- कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा के भी इंतजाम, थानों को किया जा रहा सेनेटाइज

पूरे गांव में शोक

वहीं, बहन रो-रोकर अपने भाई को बुला रही है, और बार-बार बेसुध हो जा रही है. पूरा गांव इस घटना की सूचना के बाद शोक में डूब गया है. अर्जुन घर में सबसे बड़ा था, उसके दो भाई और एक बहन हैं. 10वीं पास करने के बाद अर्जुन घर की आर्थिक स्थिति को बदलने और अपने भाई-बहनों को पढ़ाने के लिए काम करने गोवा चला गया. पर दुख इस बात का है कि अब वो कभी वापस नहीं आएगा.

सिमडेगा: जलडेगा प्रखंड के राजस्व ग्राम कोनमेरला अंतर्गत बरकीटांगर गांव का 20 वर्षीय अर्जुन चीक बड़ाइक लॉकडाउन के कारण अपने घर न लौट सका. अर्जुन की मौत की खबर मिलते ही मां सरस्वती देवी और पिता रामकुमार बड़ाइक का रो-रोकर बुरा हाल है. वह गोवा मजदूरी करने गया था.

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गोवा में अंतिम संस्कार, नहीं पहुंच सके परिजन

बता दें कि अर्जुन वहां के एक होटल में रहकर काम करता था. परिजनों ने बताया कि बीते कई दिनों से अर्जुन की तबीयत खराब थी. उसका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा था. वह घर वापस आने के लिए टिकट भी करा चुका था. पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. अगले ही दिन ही लॉकडाउन हो गया. जिससे वह घर नहीं आ सका और दिन-प्रतिदिन उसकी हालत बिगड़ती चली गई. जिसके बाद रविवार को उसकी मौत इलाज के दौरान हो गई.

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

कोरोना के प्रकोप को देखते हुए गोवा में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. बेटे के मौत की खबर सुनने के बाद घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है. मां बार-बार कह रही है कि अंतिम बार भी बेटे का चेहरा देख नहीं पाई. इसका अफसोस हमेशा रहेगा.

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पूरे गांव में शोक

वहीं, बहन रो-रोकर अपने भाई को बुला रही है, और बार-बार बेसुध हो जा रही है. पूरा गांव इस घटना की सूचना के बाद शोक में डूब गया है. अर्जुन घर में सबसे बड़ा था, उसके दो भाई और एक बहन हैं. 10वीं पास करने के बाद अर्जुन घर की आर्थिक स्थिति को बदलने और अपने भाई-बहनों को पढ़ाने के लिए काम करने गोवा चला गया. पर दुख इस बात का है कि अब वो कभी वापस नहीं आएगा.

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