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सिमडेगा में फिर खुले स्कूल, बच्चों के चेहरे पर लौटी रौनक

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर स्कूलों को बंद कर दिया गया था. लंबे समय से घरों में बंद बच्चे परेशान हो गए थे. बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान भी कई कठिनाइयों को सामना करना पड़ता था. अब फिर से स्कूलों खोल दिए गए हैं.

Schools reopened in Jharkhand after Corona period
कोरोना काल के बाद फिर से खुले स्कूल
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Published : Mar 2, 2021, 6:10 PM IST

Updated : Mar 2, 2021, 7:00 PM IST

सिमडेगा: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद अनलॉक प्रक्रिया के तहत झारखंड की शिक्षा व्यवस्था फिर से पटरी पर लौट रही है. करीब 1 साल बाद स्कूलों को खोल दिया गया है इन स्कूलों को कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा. स्कूली बच्चों का कहना है कि पढ़ना है तो डरना नहीं है, सावधानी रखकर जागरूकता लाना है और कोरोनावायरस भगाना है.

देखें पूरी खबर

यह भी पढ़ेंःजमशेदपुरः कॉन्ट्रैक्टरों ने सरकारी टेंडर प्रक्रिया का किया विरोध, सीएम से मिला ठेकेदारों का प्रतिनिधिमंडल

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर स्कूलों को बंद कर दिया गया था. लंबे समय से घरों में बंद बच्चे परेशान हो गए थे. बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान भी कई कठिनाइयों को सामना करना पड़ता था. अब फिर से हेमंत सरकार ने नियमों के तहत स्कूलों को खोलने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इसे लेकर एसएस प्लस टू की छात्रा संतोषी ने कहा कि डरना नहीं है डरने से क्या होगा. पढ़ना है तो डरना नहीं है. उन्होंने कहा कि बीमारियों से सावधान रहना है. मास्क पहनना है. खुद में जागरूकता लाएं और कोरोना को भगाएं. डर कर बैठने से कोरोना भागेगा नहीं इसके लिए नियमों से बंधकर लड़ना होगा.

कोरोना काल में स्कूलों की बैंच टूट गई हैं. ऐसे में बच्चो को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठना एक चुनौती है. हालांकि स्कूल प्रबंधन बच्चों को बार-बार कोविड नियमों का पालन करने के निर्देश दे रहा है. एसएस प्लस टू स्कूल के प्रभारी प्राचार्य अब्राहम केरकेट्टा ने कहा कि उन्होंने बैंच के अलावा अन्य चीजों के लिए शिक्षा विभाग को बोल दिया है, लेकिन व्यवस्था नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि वो इस विषय पर उपायुक्त से भी मिलेंगे.

सिमडेगा: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद अनलॉक प्रक्रिया के तहत झारखंड की शिक्षा व्यवस्था फिर से पटरी पर लौट रही है. करीब 1 साल बाद स्कूलों को खोल दिया गया है इन स्कूलों को कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा. स्कूली बच्चों का कहना है कि पढ़ना है तो डरना नहीं है, सावधानी रखकर जागरूकता लाना है और कोरोनावायरस भगाना है.

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कोरोना संक्रमण के मद्देनजर स्कूलों को बंद कर दिया गया था. लंबे समय से घरों में बंद बच्चे परेशान हो गए थे. बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान भी कई कठिनाइयों को सामना करना पड़ता था. अब फिर से हेमंत सरकार ने नियमों के तहत स्कूलों को खोलने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इसे लेकर एसएस प्लस टू की छात्रा संतोषी ने कहा कि डरना नहीं है डरने से क्या होगा. पढ़ना है तो डरना नहीं है. उन्होंने कहा कि बीमारियों से सावधान रहना है. मास्क पहनना है. खुद में जागरूकता लाएं और कोरोना को भगाएं. डर कर बैठने से कोरोना भागेगा नहीं इसके लिए नियमों से बंधकर लड़ना होगा.

कोरोना काल में स्कूलों की बैंच टूट गई हैं. ऐसे में बच्चो को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठना एक चुनौती है. हालांकि स्कूल प्रबंधन बच्चों को बार-बार कोविड नियमों का पालन करने के निर्देश दे रहा है. एसएस प्लस टू स्कूल के प्रभारी प्राचार्य अब्राहम केरकेट्टा ने कहा कि उन्होंने बैंच के अलावा अन्य चीजों के लिए शिक्षा विभाग को बोल दिया है, लेकिन व्यवस्था नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि वो इस विषय पर उपायुक्त से भी मिलेंगे.

Last Updated : Mar 2, 2021, 7:00 PM IST
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