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खेल में खिलवाड़! सिमडेगा में जिला स्तरीय प्रतियोगिता में 14 साल के छात्र को बना दिया रेफरी

जिस विभाग और पदाधिकारियों के ऊपर राज्य और देश के भविष्य निर्माण का भार है. उस विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण बच्चों के भविष्य निर्माण के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है. सिमडेगा में जिला स्तरीय प्रतियोगिता खेलो झारखंड (district level competition in Simdega) में कक्षा 9 के एक बच्चे को रेफरी बनाकर मैदान में उतार दिया गया (Minor boy referee in football match in Simdega).

Minor boy made referee in district level competition in Simdega
सिमडेगा
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Published : Nov 27, 2022, 7:31 AM IST

Updated : Nov 27, 2022, 8:50 AM IST

सिमडेगा: जिला स्तरीय खेलो झारखंड 2022-23 दो दिवसीय प्रतियोगिता का आयोजन सिमडेगा मुख्यालय के विभिन्न स्टेडियम में किया गया (district level competition in Simdega) है. जिसमें एथलेटिक्स, हॉकी, तीरंदाजी, कुश्ती, कबड्डी, फुटबॉल समेत प्रतियोगिताएं कराई जा रही हैं. लेकिन इस आयोजन के दूसरे दिन ही खेल के दौरान अनियमितता देखने को मिली.

इसे भी पढ़ें- सिमडेगा में हॉकी ग्राउंड निर्माण में मानकों का उल्लंघन, कोरोमियां मैदान में नहीं हुआ भराव

14 साल का बच्चा बना रेफरीः शनिवार को फुटबॉल मैच के दौरान कक्षा 9 के एक बच्चे को रेफरी बनाया और मैदान में उतार दिया गया (Minor boy referee in football match in Simdega). उस वक्त फुटबॉल मैच सिमडेगा और पाकरटांड़ के बीच वर्ष 9 से 12 वर्षीय छात्राओं के द्वारा खेला जा रहा था. जिसमें पेनाल्टी शूटआउट से सिमडेगा ने 3-2 से पाकरटांड़ को पराजित किया. लेकिन ऐसे तो सभी जानते हैं कि प्रतियोगिता के दौरान प्रशिक्षित और टेक्निकल रूप से जानकार को ही रेफरी नियुक्त किया जाता है. जिससे वो सही निर्णय दे सके और दोनों टीमों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न ना हो. लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा करायी जा रही इस प्रतियोगिता में पात्रिक सोरेंग रेंगारी हाई स्कूल के कक्षा 9 में पढ़ने वाले 14 वर्षीय बच्चे से रेफरी का काम लिया जा रहा है. रेफरी का काम में लगा यह स्कूली बच्चा हाफ पैंट और चप्पल में अपना कार्य कर रहा था.

देखें वीडियो

आयोजन के नाम पर महज खानापूर्तिः खेलो झारखंड प्रतियोगिता सिमडेगा ही नहीं राज्य सरकार के निर्देश पर विभिन्न जिलों में कराई जा रहे है ताकि बच्चों की छिपी प्रतिभा को निखारा जा सके. लेकिन इसमें विभागीय अधिकारी और आयोजन समिति की बड़ी लापरवाही सामने आई (irregularities during games in Simdega) है. आयोजन के नाम पर महज खानापूर्ति करने की भरपूर कोशिश की गई है ताकि वरीय अधिकारियों और सरकार की नजर पर कार्य संपन्न दिखाकर वाहवाही बटोर सके.


सवालों से बचते बीपीओः इस मामले पर ईटीवी भारत ने जब मौके पर मौजूद बीपीओ अनिल खलखो से बात की तो मामले की जानकारी नहीं होने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए. जबकि ईटीवी भारत के प्रतिनिधि के पहुंचने के पूर्व से ही बीपीओ सहित कई कर्मी और शिक्षक मौके पर मौजूद रहकर मैच का आनंद ले रहे थे, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गयी है.

सर लोगों ने रेफरी बनने के लिए कहाः कक्षा 9 में पढ़ने वाले छात्र पात्रिक सोरेंग ने कहा कि उसे मंच पर बैठे सर लोगों के द्वारा रेफरी बनने के लिए कहा गया. पहली बार इतने बड़े आयोजन में रेफरी बनने का मौका मिला तो उसने बस अपना कार्य किया. उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि स्कूली बच्चों को ऐसे आयोजनों में रेफरी नहीं बनाया जाता है.


पहले भी सामने आई हैं अनियमितताएंः यहां बता दें कि कुछ माह पूर्व नेहरू कप के आयोजन में खिलाड़ियों की उम्र को लेकर हुए विवाद के बाद शिक्षा विभाग ने संत मेरिज और एसएस बॉयज हाई स्कूल के प्राचार्य के विरुद्ध स्पष्टीकरण नोटिस निकाल कर जवाब तलब किया था. उसी शिक्षा विभाग द्वारा किये जा रहे आयोजन में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. ऐसे में अब शिक्षा विभाग क्या कार्रवाई करता है यह तो समय बताएगा.

सिमडेगा: जिला स्तरीय खेलो झारखंड 2022-23 दो दिवसीय प्रतियोगिता का आयोजन सिमडेगा मुख्यालय के विभिन्न स्टेडियम में किया गया (district level competition in Simdega) है. जिसमें एथलेटिक्स, हॉकी, तीरंदाजी, कुश्ती, कबड्डी, फुटबॉल समेत प्रतियोगिताएं कराई जा रही हैं. लेकिन इस आयोजन के दूसरे दिन ही खेल के दौरान अनियमितता देखने को मिली.

इसे भी पढ़ें- सिमडेगा में हॉकी ग्राउंड निर्माण में मानकों का उल्लंघन, कोरोमियां मैदान में नहीं हुआ भराव

14 साल का बच्चा बना रेफरीः शनिवार को फुटबॉल मैच के दौरान कक्षा 9 के एक बच्चे को रेफरी बनाया और मैदान में उतार दिया गया (Minor boy referee in football match in Simdega). उस वक्त फुटबॉल मैच सिमडेगा और पाकरटांड़ के बीच वर्ष 9 से 12 वर्षीय छात्राओं के द्वारा खेला जा रहा था. जिसमें पेनाल्टी शूटआउट से सिमडेगा ने 3-2 से पाकरटांड़ को पराजित किया. लेकिन ऐसे तो सभी जानते हैं कि प्रतियोगिता के दौरान प्रशिक्षित और टेक्निकल रूप से जानकार को ही रेफरी नियुक्त किया जाता है. जिससे वो सही निर्णय दे सके और दोनों टीमों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न ना हो. लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा करायी जा रही इस प्रतियोगिता में पात्रिक सोरेंग रेंगारी हाई स्कूल के कक्षा 9 में पढ़ने वाले 14 वर्षीय बच्चे से रेफरी का काम लिया जा रहा है. रेफरी का काम में लगा यह स्कूली बच्चा हाफ पैंट और चप्पल में अपना कार्य कर रहा था.

देखें वीडियो

आयोजन के नाम पर महज खानापूर्तिः खेलो झारखंड प्रतियोगिता सिमडेगा ही नहीं राज्य सरकार के निर्देश पर विभिन्न जिलों में कराई जा रहे है ताकि बच्चों की छिपी प्रतिभा को निखारा जा सके. लेकिन इसमें विभागीय अधिकारी और आयोजन समिति की बड़ी लापरवाही सामने आई (irregularities during games in Simdega) है. आयोजन के नाम पर महज खानापूर्ति करने की भरपूर कोशिश की गई है ताकि वरीय अधिकारियों और सरकार की नजर पर कार्य संपन्न दिखाकर वाहवाही बटोर सके.


सवालों से बचते बीपीओः इस मामले पर ईटीवी भारत ने जब मौके पर मौजूद बीपीओ अनिल खलखो से बात की तो मामले की जानकारी नहीं होने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए. जबकि ईटीवी भारत के प्रतिनिधि के पहुंचने के पूर्व से ही बीपीओ सहित कई कर्मी और शिक्षक मौके पर मौजूद रहकर मैच का आनंद ले रहे थे, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गयी है.

सर लोगों ने रेफरी बनने के लिए कहाः कक्षा 9 में पढ़ने वाले छात्र पात्रिक सोरेंग ने कहा कि उसे मंच पर बैठे सर लोगों के द्वारा रेफरी बनने के लिए कहा गया. पहली बार इतने बड़े आयोजन में रेफरी बनने का मौका मिला तो उसने बस अपना कार्य किया. उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि स्कूली बच्चों को ऐसे आयोजनों में रेफरी नहीं बनाया जाता है.


पहले भी सामने आई हैं अनियमितताएंः यहां बता दें कि कुछ माह पूर्व नेहरू कप के आयोजन में खिलाड़ियों की उम्र को लेकर हुए विवाद के बाद शिक्षा विभाग ने संत मेरिज और एसएस बॉयज हाई स्कूल के प्राचार्य के विरुद्ध स्पष्टीकरण नोटिस निकाल कर जवाब तलब किया था. उसी शिक्षा विभाग द्वारा किये जा रहे आयोजन में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. ऐसे में अब शिक्षा विभाग क्या कार्रवाई करता है यह तो समय बताएगा.

Last Updated : Nov 27, 2022, 8:50 AM IST
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