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सिमडेगा: 5 सूत्री मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए मनरेगा कर्मी, सरकार पर शोषण का लगाया आरोप - सिमडेगा में मनरेगा मजदूर का हड़ताल

सिमडेगा में मनरेगा कर्मी पांच सूत्री मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इन कर्मीयों ने सरकार पर शोषण का आरोप लगाया है. कर्मियों का कहना है कि 12 सालों में कई बार सरकार को समस्याओं से अवगत कराया गया लेकिन सरकार ने हर बार वादाखिलाफी करते हुए उनकी मांगों को नजरअंदाज किया है.

MGNREGA worker strike for 5-point demand in simdega
मनरेगा कर्मी
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Published : Jul 28, 2020, 7:35 AM IST

सिमडेगा: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के अंतर्गत कार्यरत मनरेगा कर्मी रविवार को अपनी 5 सूत्री मांगों के साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. जिसमें रोजगार सेवक, लेखा सहायक, कंप्यूटर सहायक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता और प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी के पद पर कार्यरत कर्मी शामिल हैं. इन मनरेगा कर्मियों ने सरकार पर शोषण का आरोप लगाते हुए कहा कि बीते 12 सालों में कई बार सरकार को समस्याओं से अवगत कराया है लेकिन सरकार ने हर बार वादाखिलाफी करते हुए उनकी मांगों को नजरअंदाज किया है.

देखें पूरी खबर

सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं को वह लोग गांव-गांव तक पहुंचाने का काम करते है लेकिन इतने कार्यों के बोझ के बावजूद उन लोगों को अब तक स्थाई नहीं किया गया है. सोमवार को मनरेगा कर्मियों ने उपायुक्त सुशांत सिंह गौरव और जिला उप विकास आयुक्त को 5 सूत्री मांग से संबंधित आवेदन दिया. इन कर्मियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है, वह हड़ताल पर ही रहेंगे. कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से जिला से लेकर प्रखंड और पंचायत स्तर तक सरकार की योजनाएं काफी प्रभावित होगी.

ये भी देखें- झारखंड में 645 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित, पुलिस मुख्यालय ने जारी की लिस्ट

5 सूत्री मांग

  • स्थायीकरण
  • सामाजिक सुरक्षा
  • सीधे बर्खास्त पर रोक
  • राज्य स्तर पर होने वाली नियुक्तियों में उम्र सीमा में छूट और 50% आरक्षण
  • बिहार राज्य के तर्ज पर मनरेगा को स्वतंत्र इकाई घोषित करने की मांग

सिमडेगा: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के अंतर्गत कार्यरत मनरेगा कर्मी रविवार को अपनी 5 सूत्री मांगों के साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. जिसमें रोजगार सेवक, लेखा सहायक, कंप्यूटर सहायक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता और प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी के पद पर कार्यरत कर्मी शामिल हैं. इन मनरेगा कर्मियों ने सरकार पर शोषण का आरोप लगाते हुए कहा कि बीते 12 सालों में कई बार सरकार को समस्याओं से अवगत कराया है लेकिन सरकार ने हर बार वादाखिलाफी करते हुए उनकी मांगों को नजरअंदाज किया है.

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सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं को वह लोग गांव-गांव तक पहुंचाने का काम करते है लेकिन इतने कार्यों के बोझ के बावजूद उन लोगों को अब तक स्थाई नहीं किया गया है. सोमवार को मनरेगा कर्मियों ने उपायुक्त सुशांत सिंह गौरव और जिला उप विकास आयुक्त को 5 सूत्री मांग से संबंधित आवेदन दिया. इन कर्मियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है, वह हड़ताल पर ही रहेंगे. कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से जिला से लेकर प्रखंड और पंचायत स्तर तक सरकार की योजनाएं काफी प्रभावित होगी.

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5 सूत्री मांग

  • स्थायीकरण
  • सामाजिक सुरक्षा
  • सीधे बर्खास्त पर रोक
  • राज्य स्तर पर होने वाली नियुक्तियों में उम्र सीमा में छूट और 50% आरक्षण
  • बिहार राज्य के तर्ज पर मनरेगा को स्वतंत्र इकाई घोषित करने की मांग
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