सिमडेगा: जिले के जेएसएलपीएस एल-7 और एल-8 स्तर के कर्मियों ने असमान मानदेय और मिलने वाली अन्य तरह की सुविधाओं पर अलग-अलग नजरिया अपनाने को लेकर आक्रोश जताया है. इसके विरोध में जेएसएलपीएस कर्मियों ने 3 दिनों तक सामूहिक अवकाश की घोषणा की है. कर्मी ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग झारखंड सरकार के अंतर्गत जेएसएलपीएस के अधीनस्थ कार्यरत एल-7 और एल-8 के कर्मियों द्वारा लक्ष्य के अनुसार कार्य किया जाता है. यूं कहे तो गांव के अंतिम छोर तक पहुंच गरीब परिवारों को सरकार की योजनाओं से जोड़कर उनकी आजीविका को सुदृढ़ बनाने का काम करते हैं.
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सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारते हैं, लेकिन कार्य के अनुरूप उन्हें उचित मानदेय नहीं मिलता है. एक ओर जहां जिला स्तर पर काम करने वाले कर्मियों को 70 से ₹80 हजार और राज्य स्तर पर काम करने वाले को ₹1,00,000 के करीब मानदेय दिया जाता है, लेकिन प्रखंड और ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मियों को 10 से ₹12 मानदेय देकर उन्हें चुप करा दिया जाता है. जेएसएलपीएस कर्मियों ने अपनी 9 सूत्री मांग पत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और महामहिम राज्यपाल के नाम उपायुक्त सुशांत सिंह गौरव को सौंपा है. कर्मियों की 9 सूत्री मांगों में न्यूनतम ₹25,000 मानदेय, अनुबंध कर्मियों के स्थायीकरण में जेएसएलपीएस कर्मियों को प्राथमिकता, कर्मियों के दो बच्चों तक का शिक्षा भत्ता, प्रति वर्ष में बचे छुट्टियों को अगले वर्ष में समायोजित करने या इसके एवज में राशि भुगतान, प्रतिवर्ष महंगाई भत्ता के अनुरूप मानदेय में बढ़ोतरी, ईपीएफ का भुगतान कर्मियों के मानदेय से न काटने, सभी कर्मियों को गृह प्रखंड और नजदीकी प्रखंड में पदस्थापित करने, जेएसएलपीएस के कार्य के अलावा अन्य कार्यों से मुक्त रखने सेवा विस्तार के नाम पर एक दिन काटे गए वेतन का भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की.