सिमडेगा: फलों की आड़ में हो रही गांजा की तस्करी का मामला सामने आया है. इसका खुलासा एक सड़क हादसे में हुआ. सदर थाना क्षेत्र के बीरू सीआरपीएफ कैंप के समीप एनएच 143 पर आज सुबह एक केला से लदा ट्रक (BR1G 1567) दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
दुर्घटना के बाद जांच के दौरान केले के साथ गांजा के बोरे भी निकलने लगे. इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एनसीबी की टीम राउरकेला से इस ट्रक का पीछा कर रही थी. दुर्घटना के बाद एनसीबी ने सिमडेगा से प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट के समक्ष गांजा जब्त कर लिया.
रांची समेत पूरे प्रदेश में सब्जियों और फलों की आड़ में गांजा की तस्करी हो रही है. माना जाता है कि फलों और सब्जियों की आड़ में गांजा की तस्करी के दौरान पुलिस को चकमा देना आसान है. चेकनाकों में उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है. आसानी से वे निकल जाते हैं. पूर्व में पकड़े गए गांजा कारोबारियों ने इसका खुलासा भी किया है.
कई राज्यों में फैला है नेटवर्क
झारखंड से सटे ओडिशा, बिहार, यूपी समेत कई राज्यों तक नशा के सौदागरों का नेटवर्क फैला हुआ है. इनका नेटवर्क इतना बड़ा हो चुका है कि फलों-सब्जियों की आड़ में बड़े कंटेनर तक से गांजा की तस्करी की जा रही है. झारखंड के कई शहरों से होते हुए बिहार और यूपी तक पूरा कॉरिडोर बना हुआ है. राज्य में प्रवेश करने के बाद तस्कर गांजा की ट्रांसपोर्टिंग के लिए रिंग रोड का इस्तेमाल करते हैं.
ओडिशा के गांजे की भारी मांग
ओडिशा के नक्सल प्रभावित कोरापुट, कंधमाल, मलकानगिरी देश में गांजा उत्पादन के मामले में सबसे ऊपर है. यहां के गांजे की क्वालिटी काफी अच्छी होने के कारण इसकी मांग देशभर में है. इन जिलों के जंगली इलाकों में बड़े पैमाने पर गांजा की खेती की जाती है.