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गजराज के आतंक से आतंकित है ग्रामीण, जान बचाने के लिए रतजगा करने को मजबूर - फसल बर्बाद कर रहे हाथी

सिमडेगा में हाथियों के झुंड ने उत्पात मचा रखा है. जिससे ग्रमीण रतजगा कर गांव में रखवाली करने को मजबूर है. हाथियों के झुंड ने खेत में लगे फसलों को भी चट कर गया है. इधर, उपायुक्त मुत्युंजय बरणवाल ने बैठक कर हाथियों को इलाके में घुसने से रोकने के लिए कई दिशा-निर्देश दिए हैं.

Elephants ruined the crop planted
गजराज का आतंक
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Published : Dec 15, 2019, 10:26 AM IST

सिमडेगा: जलडेगा और बोलबा प्रखंड में पिछले दिनों से जंगली हाथियों का उत्पात जोरों पर है. हाथियों के डर से ग्रामीण रतजगा कर अपनी जान बचा रहे हैं. ग्रामीणों की माने तो पिछले दस दिनों से 25 जंगली हाथियों का झुंड दल बनाकर आसपास के गांवों में विचरण कर रहे हैं. जो आये दिन खेत में लगे फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

देखें पूरी खबर

सिमडेगा के बोलबा और जलडेगा प्रखंड में हाथियों के आतंक से लोग डर के साए में जीने को मजबूर है. इलाके में हाथियों के झुंड ने सैंकड़ों एकड़ में लगे फसलों को चट कर जा रहे हैं, तो बाकी फसलों को रौंद डालते हैं. वहीं वन विभाग की ओर से हाथी भगाओ दल का भी कोई खास फायदा ग्रामीणों को नहीं मिल रहा. वन विभाग के कर्मियों ने गांव में केरोसिन तेल, पटाखे, सुरक्षा उपकरण बांटे हैं.

इधर, जलडेगा के भितबूना ग्राम निवासी जेठू प्रधान, एतवा प्रधान, महेश प्रधान सहित कई ग्रामीणों के फसलों को नुकसान पहुंचने से मायूसी छायी है. गजराज के उत्पात से लोग काफी भयभीत है. आये दिन हाथियों के चपेट में आने से लोगों की जान चली जा रही है. तो दूसरी ओर बोलबा प्रखंड के लेटाबेड़ा, कच्छुपानी, बेहरिनबासा, कादोपानी, समसेरा आदि गांवों के ग्रामीण भी गजराज के आतंक से परेशान हैं.

ये भी पढ़ें- राहुल गांधी के रेप इन इंडिया के बयान पर जेपी नड्डा ने कहा- राहुल को वोट से चोट देकर आराम दे देना चाहिए

हाथियों के झुंड में शामिल छोटे-छोटे हाथी के बच्चे परेशानियों का सबब बने हुए हैं. हाथी के बच्चे छोटे-छोटे जगह में आसानी से घुस जाते हैं. जिन्हें निकालने के लिए बड़े हाथी वहां प्रवेश कर रहे हैं. जिससे लोगों को काफी नुकसान हो रहा. वहीं बताया जाता है ग्रामीण क्षेत्रों में महुआ से बने शराब की महक से हाथी गांव की ओर आकर्षित हो रहे हैं. जिस कारण लोगों को हाथी के उत्पात का सामना करना पड़ता है. इधर उपायुक्त मृत्युंजय बरणवाल ने सभी बीडीओ के साथ बैठक कर उचित कारवाई के दिशा निर्देश दिये है. जिससे ग्रामीणों को राहत पहुंचाई जा सके.

सिमडेगा: जलडेगा और बोलबा प्रखंड में पिछले दिनों से जंगली हाथियों का उत्पात जोरों पर है. हाथियों के डर से ग्रामीण रतजगा कर अपनी जान बचा रहे हैं. ग्रामीणों की माने तो पिछले दस दिनों से 25 जंगली हाथियों का झुंड दल बनाकर आसपास के गांवों में विचरण कर रहे हैं. जो आये दिन खेत में लगे फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

देखें पूरी खबर

सिमडेगा के बोलबा और जलडेगा प्रखंड में हाथियों के आतंक से लोग डर के साए में जीने को मजबूर है. इलाके में हाथियों के झुंड ने सैंकड़ों एकड़ में लगे फसलों को चट कर जा रहे हैं, तो बाकी फसलों को रौंद डालते हैं. वहीं वन विभाग की ओर से हाथी भगाओ दल का भी कोई खास फायदा ग्रामीणों को नहीं मिल रहा. वन विभाग के कर्मियों ने गांव में केरोसिन तेल, पटाखे, सुरक्षा उपकरण बांटे हैं.

इधर, जलडेगा के भितबूना ग्राम निवासी जेठू प्रधान, एतवा प्रधान, महेश प्रधान सहित कई ग्रामीणों के फसलों को नुकसान पहुंचने से मायूसी छायी है. गजराज के उत्पात से लोग काफी भयभीत है. आये दिन हाथियों के चपेट में आने से लोगों की जान चली जा रही है. तो दूसरी ओर बोलबा प्रखंड के लेटाबेड़ा, कच्छुपानी, बेहरिनबासा, कादोपानी, समसेरा आदि गांवों के ग्रामीण भी गजराज के आतंक से परेशान हैं.

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हाथियों के झुंड में शामिल छोटे-छोटे हाथी के बच्चे परेशानियों का सबब बने हुए हैं. हाथी के बच्चे छोटे-छोटे जगह में आसानी से घुस जाते हैं. जिन्हें निकालने के लिए बड़े हाथी वहां प्रवेश कर रहे हैं. जिससे लोगों को काफी नुकसान हो रहा. वहीं बताया जाता है ग्रामीण क्षेत्रों में महुआ से बने शराब की महक से हाथी गांव की ओर आकर्षित हो रहे हैं. जिस कारण लोगों को हाथी के उत्पात का सामना करना पड़ता है. इधर उपायुक्त मृत्युंजय बरणवाल ने सभी बीडीओ के साथ बैठक कर उचित कारवाई के दिशा निर्देश दिये है. जिससे ग्रामीणों को राहत पहुंचाई जा सके.

Intro:गजराज के आतंक से आतंकित है ग्रामीण, जान बचाने के लिए रतजगा करने को मजबूर है ग्रामीण। सिमडेगा का बोलबा व जलडेगा प्रखंड हाथियों के आतंक से खासा परेशान। इधर उपायुक्त मुत्युंजय बरणवाल ने बैठक कर दिये दिशा-निर्देश। Body:गजराज के आतंक से आतंकित है ग्रामीण, जान बचाने के लिए रतजगा करने को मजबूर ग्रामीण

सिमडेगा: जलडेगा और बोलबा प्रखंड में पिछले दिनों से जंगली हाथियों का उत्पात जोरों पर है।हाथियों के डर गांव के ग्रामीण रतजगा कर अपनी जान बचा रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो पिछले दस दिनों से 25 जंगली हाथियों का झुंड दल बनाकर आसपास के गांवों में विचरण कर रहे हैं। जो आये दिन खेत में लगे फसलों कै नुकसान पहुंचा रहे। एकड़ों में लगे फसलों को चट कर जाते है। तो बाकी को रौंद डालते हैं। हालांकि वन विभाग के हाथी भगाओ दल का भी कोई खास फायदा ग्रामीणों को नहीं मिल रहा। वन विभाग के कर्मियों ने गांव में केरोसिन तेल, फटाके, सुरक्षा उपकरण बांटे हैं। इधर जलडेगा के भितबूना ग्राम निवासी जेठू प्रधान, एतवा प्रधान, महेश प्रधान सहित कई ग्रामीणों के फसलों को नुकसान पहुंचने से मायुसी छायी है। गजराज के उत्पात से लोग काफी भयभीत है, आये दिन चपेट में आने से लोगों की जान चली जा रही है। तो दूसरी ओर बोलबा प्रखंड के लेटाबेड़ा, कच्छुपानी, बेहरिनबासा, कादोपानी, समसेरा आदि गांवों के ग्रामीण भी गजराज के आतंक से परेशान है। रामशुभक प्रधान, रामसिंह प्रधान, रामसुदन प्रधान, हुकूम सिंह आदि किसानों का कहना है कि वे काफी मेहनत कर धान की फसल लगाये थे। परंतु हाथी ने सब बर्बाद कर दिया।

हाथियों के झुंड में शामिल छोटे-छोटे हाथी के बच्चे परेशानियों का सबब बने हुए हैं। हाथी के बच्चे छोटे-छोटे जगह में आसानी से घुस जाते हैं। जिन्हें निकालने अथवा साथ में लेकर चलने की जुगत में बड़े हाथी वहां प्रवेश कर रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में महुआ से बने शराब की महक से हाथी गांव की ओर आकर्षित हो रहे हैं। जिसकारण लोगों को उत्पात का सामना करना पड़ रहा है। विदित हो कि हाथी कॉरिडोर के निर्माण के लिए अथक प्रयास किया गया था। किंतु कुछ राजनीतिक दलों के स्वार्थ में यह कॉरिडोर का मामला अधर में लटका हुआ है।

इधर उपायुक्त मृत्युंजय बरणवाल ने सभी बीडीओ के साथ बैठक कर उचित कारवाई के दिशा निर्देश दिये है। जिससे ग्रामीणों को राहत पहुंचायी जा सके।Conclusion:No
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