सिमडेगा: सिमडेगा में पूरे शिक्षा विभाग में 'कुएं में भांग' पड़ने जैसे हालात हैं. वहीं शिक्षक क्या, बड़े पदाधिकारी तक या तो नियमों से जागरूक नहीं हैं, या उन्हें इसकी परवाह नहीं है. इन्हें खेल से लेना देना नहीं है. पहले तो खेलो झारखंड प्रतियोगिता की स्पर्धाओं में नाबालिगों को रेफरी बना दिया गया. इसका मामला आला अधिकारियों तक पहुंचा तो जिला शिक्षा अधिकारी बोले-नाबालिग छात्र प्रतियोगिता में रेफरी नहीं बन सकता (DEO Simdega Statement On Minor As Referee).
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दरअसल, 25 और 26 नवंबर को खेलो झारखंड 2022-23 के तहत जिला स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें 26 नवंबर को फुटबॉल मैच के दौरान रेंगारी हाई स्कूल में पढ़ने वाले 14 वर्षीय नाबालिग छात्र पात्रिक सोरेंग को रेफरी बना दिया गया था. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था. इस मामले में ईटीवी भारत को दो अलग-अलग लिस्ट हाथ लगी है. पहली लिस्ट आयोजन समिति द्वारा प्रतियोगिता के लिए तैयार की गई थी, जिसमें पात्रिक सोरेंग को कक्षा 9 का छात्र बताया गया है. वहीं दूसरी लिस्ट रेंगारीह स्कूल द्वारा जारी की गई है, जिसमें पात्रिक सोरेंग को कक्षा 10 का छात्र बताया गया है.
क्या कहा जिला शिक्षा पदाधिकारी नेः बताया गया है कि पात्रिक फुटबॉल खिलाड़ी है, जो खेलो झारखंड प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सिमडेगा आया था. इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी मोहन झा पहले कहते हैं कि नाबालिग बच्चा रेफरी क्यों नहीं बन सकता है, यदि उसे खेल की पूरी जानकारी है तो वह बिल्कुल इस कार्य को कर सकता है. हालांकि ईटीवी भारत के प्रतिनिधि द्वारा मैच के दौरान विवाद की आशंका और नियम की बात कहे जाने पर वह कहते हैं कि उन्हें खेल के नियमों की पूरी जानकारी नहीं है. वह मामले की जांच कराएंगे और दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई भी करेंगे.
बता दें कि रेंगारी स्कूल के प्राचार्य द्वारा यह लिस्ट 26 नवंबर की रात्रि पुरनापानी के समीप सड़क दुर्घटना में एक छात्र की मौत और 3 अन्य घायल होने की खबर मिलने के बाद, 27 नवंबर को जारी की गई थी. इसमें बताया गया था कि दुर्घटना में मृत हुए छात्र और घायल छात्रों का प्रतियोगिता से कोई लेना देना नहीं है. वे प्रतियोगिता देखने के लिए स्कूल से भागकर सिमडेगा आए थे. 'रेफरी' पात्रिक सोरेंग को एक लिस्ट में कक्षा 9 तो दूसरे में कक्षा 10 का छात्र बताया गया है.