सिमडेगा: किसानों के समर्थन में बुलाए गए राष्ट्रव्यापी भारत बंद का सिमडेगा में मिलाजुला असर देखने को मिला. बंद को सफल बनाने के लिए महागठबंधन के नेता अहले सुबह से ही सड़कों पर उतर आए और चक्का जाम कर दिया. गैर-एनडीए दल के नेताओं ने सिमडेगा के विभिन्न चौक चौराहों पर सड़कों को जाम कर दिया. जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गईं. दूसरी ओर भाजपा समर्थित लोगों ने अपनी दुकानें और प्रतिष्ठानों को खोलकर बंद का विरोध किया.
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भारत बंद को सफल बनाने के लिए सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा शहर में घूम-घूमकर व्यवसायियों से अपील करते हुए देखे गए. हालांकि इस दौरान कुछ जगहों पर उन्हें विरोध का भी सामना करना पड़ा. दुकानदारों ने विधायक के समक्ष खुलकर बंद का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह भारत बंद और आंदोलन किसानों के लिए नहीं बल्कि मोदी विरोधी आंदोलन है. कृषि बिल के नाम पर बस बिचौलिए अपनी राजनीति चमकाने और अपनी खिसकती हुई राजनीतिक जमीन को बचाने में लगे हुए हैं.
इसको लेकर विधायक और दुकानदार में थोड़ी-सी बहस भी देखने को मिली. जिस पर विधायक ने भी कहा कि तीनों कृषि कानून किसान विरोधी हैं और वो अपील करते हैं कि अपनी अपनी दुकानें बंद कर इस राष्ट्रव्यापी आंदोलन को अपना समर्थन दें.
केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में सिमडेगा के बीरू में जिलाध्यक्ष अनुप केशरी की अगुवाई में जिला कांग्रेस कमिटी सड़कों पर उतर आयी. दूसरी ओर महागठबंधन के नेताओं ने घंटोली के समीप सड़क जाम कर अपना प्रदर्शन किया. इधर जाम के कारण लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. छोटे सवारी वाहनों से स्कूल आने वाले छात्र छात्राओं को बिना क्लास के ही अपने घरों को लौटना पड़ा.