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मरीजों की मां बनकर देखभाल करती हैं रानी, इनकी सेवा भावना के मुरीद हैं लोग - सिविल सर्जन सिमडेगा

सदर अस्पताल सिमडेगा की वार्ड अटेंडेंट रानी कुमारी की सेवा भावना के लोग कायल हैं. वो मरीजों की सेवा एक परिवार की तरह करती हैं. सिविल सर्जन प्रमोद कुमार सिन्हा ने भी कहा कि रानी की सेवा भावना से वो भी परिचित हैं और इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया है.

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इलाज करती रानी कुमारी
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Published : Dec 19, 2019, 1:15 PM IST

सिमडेगा: सदर अस्पताल सिमडेगा में रानी कुमारी एक वार्ड अटेंडेंट के रुप में कार्यरत हैं. लेकिन मरीजों के प्रति उनकी सेवा भावना देख लोग उनके मुरीद हैं. कोई मजबूर या बीमार शख्स इलाज कराने अस्पताल आ जाए तो उससे उसकी तकलीफ देखी नहीं जाती. वो पूरी लगनता के साथ सेवा में जुट जाती हैं.

देखें पूरी खबर

ठीक करने का उठाया बीड़ा
बता दें कि करीब एक माह पूर्व मानसिक रूप से विक्षिप्त एक व्यक्ति को सदर अस्पताल लाकर छोड़ा गया था. जिसके बाएं हाथ में जख्म थे और उसमें कीड़े तक लग रहे थे. जिसे देख कर अन्य कर्मियों ने उसका इलाज करने से मना कर दिया. वहीं दर्द से तड़पते उस व्यक्ति की तकलीफ देखकर रानी ने उसे ठीक करने का बीड़ा उठाया.

ये भी पढ़ें- हजारीबाग में हाई प्रोफाइल हत्या मामले को लेकर संशय बरकरार, CCTV फुटेज खंगाल रही पुलिस

रानी की मेहनत रंग लाई
रानी ने एक माह तक खान-पान से लेकर इलाज तक का ध्यान दिया. रानी की मेहनत रंग लाई और विक्षिप्त व्यक्ति के हाथों का जख्म तो ठीक हुआ ही साथ ही उसकी मानसिक स्थिति में भी सुधार होने लगी. बीमार शख्स अपना नाम उपेंद्र, गांव चंदाबाड़ा जिला नवादा बिहार राज्य का रहने वाला बताता है. अब यदि जिला प्रशासन कुछ पहल करे तो उस व्यक्ति के परिजनों को ढूंढ कर उसे सौंप दें.

ये भी पढ़ें- कार्तिक केशरी की हत्या के बाद केस उठाने के लिए अब उनके पिता को मिल रही धमकी, सुरक्षा की गुहार

रानी को सम्मानित भी किया गया है
इधर, सिविल सर्जन प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि रानी कुमारी की सेवा भावना से वह खुद परिचित हैं. पूर्व में भी उसने एक मरीज की बेहतर देखभाल की थी, जिसे लेकर उसे सम्मानित भी किया गया था.

सिमडेगा: सदर अस्पताल सिमडेगा में रानी कुमारी एक वार्ड अटेंडेंट के रुप में कार्यरत हैं. लेकिन मरीजों के प्रति उनकी सेवा भावना देख लोग उनके मुरीद हैं. कोई मजबूर या बीमार शख्स इलाज कराने अस्पताल आ जाए तो उससे उसकी तकलीफ देखी नहीं जाती. वो पूरी लगनता के साथ सेवा में जुट जाती हैं.

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ठीक करने का उठाया बीड़ा
बता दें कि करीब एक माह पूर्व मानसिक रूप से विक्षिप्त एक व्यक्ति को सदर अस्पताल लाकर छोड़ा गया था. जिसके बाएं हाथ में जख्म थे और उसमें कीड़े तक लग रहे थे. जिसे देख कर अन्य कर्मियों ने उसका इलाज करने से मना कर दिया. वहीं दर्द से तड़पते उस व्यक्ति की तकलीफ देखकर रानी ने उसे ठीक करने का बीड़ा उठाया.

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रानी की मेहनत रंग लाई
रानी ने एक माह तक खान-पान से लेकर इलाज तक का ध्यान दिया. रानी की मेहनत रंग लाई और विक्षिप्त व्यक्ति के हाथों का जख्म तो ठीक हुआ ही साथ ही उसकी मानसिक स्थिति में भी सुधार होने लगी. बीमार शख्स अपना नाम उपेंद्र, गांव चंदाबाड़ा जिला नवादा बिहार राज्य का रहने वाला बताता है. अब यदि जिला प्रशासन कुछ पहल करे तो उस व्यक्ति के परिजनों को ढूंढ कर उसे सौंप दें.

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रानी को सम्मानित भी किया गया है
इधर, सिविल सर्जन प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि रानी कुमारी की सेवा भावना से वह खुद परिचित हैं. पूर्व में भी उसने एक मरीज की बेहतर देखभाल की थी, जिसे लेकर उसे सम्मानित भी किया गया था.

Intro:मरीजों की मां बनकर देखभाल करती है रानी, इसकी सेवा भावना के मुरीद लोग

सिमडेगा: एक ऐसी वार्ड अटेंडेंट जिसकी सेवा भावना को देखकर लोग उसकी चर्चा करने को विवश हो जाते हैं। जी हां.. सदर अस्पताल सिमडेगा में कार्यरत रानी कुमारी उन मजबूर लोगों का सहारा बनती है जिनका कोई नहीं होता या फिर जिनके परिजन उन्हें छोड़ चुके होते हैं। यूं तो रानी मात्र एक वार्ड अटेंडेंट है परंतु यदि कोई मजबूर या बिमारी से पीड़ित व्यक्ति इलाज कराने सदर अस्पताल आ जाए। तो उससे उसकी तकलीफ देखी नहीं जाती। बस फिर क्या कभी दोस्त, कभी मां तो कभी डॉक्टर की तरह उसकी देखभाल करने लगती। ऐसा ही एक मामला वर्तमान में सामने आया है। करीब 1 माह पूर्व मानसिक रूप से विक्षिप्त एक व्यक्ति को 108 एंबुलेंस ने लाकर सदर अस्पताल छोड़ा था, जिसके बाएं हाथ में जख्म थे और उसमें कीड़े तक लग रहे थे। जिसे देख कर अन्य कर्मियों ने उसका उपचार से मना कर दिया। वहीं दर्द से तड़पते उस व्यक्ति की तकलीफ को देखकर रानी ने उसे ठीक करने का बीड़ा उठाया। फिर क्या उसके जख्मों को साफ कर 1 माह तक खान-पान से लेकर इलाज तक को ध्यान दिया। तत्पश्चात रानी के मेहनत रंग लाई और विक्षिप्त व्यक्ति के हाथों का जख्म तो ठीक हुआ। साथ ही उसकी मानसिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिल रहा है। यह व्यक्ति अपना नाम उपेन्द्र गांव-चंदाबाड़ा जिला नवादा बिहार राज्य का रहने वाला बताता है। अब यदि जिला प्रशासन कुछ पहल करें तो उस व्यक्ति के परिजनों को ढूंढ कर उसे सौंप दे।

सिविल सर्जन प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि रानी कुमारी की सेवा भावना से वह स्वयं परिचित हैं। पूर्व में भी उसने एक मरीज की बेहतर देखभाल की थी जिसे लेकर उसे सम्मानित भी किया गया था।

बाइट 1 -प्रमोद सिन्हा, सिविल सर्जन सिमडेगा।
फोटो- रानी कुमारी, वार्ड अटेंडेंट।Body:NoConclusion:No
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