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आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में गहराया जल संकट, जलापूर्ति योजना धीमा होने पर मेयर ने लोगों को ठहराया जिम्मेदार - सरायकेला के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में जल संकट गहराया

आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के शहरी आबादी को 24 घंटे पाइप लाइन के माध्यम से स्वच्छ जल की आपूर्ति कराने वाली योजना तय समय से काफी पीछे चल रही है. यहीं वजह है कि जनवरी के ठंड महीने में ही कई स्थानों पर पेयजल संकट गहरा गया है.

water supply scheme of Adityapur Municipal Corporation slow
आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में गहराया जल संकट
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Published : Jan 19, 2021, 3:03 AM IST

Updated : Jan 19, 2021, 7:05 AM IST

सरायकेला: आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के शहरी आबादी को 24 घंटे पाइप लाइन के माध्यम से स्वच्छ जल की आपूर्ति कराने के उद्देश्य से 400 करोड़ की जलापूर्ति योजना पर कार्य जारी है. हालांकि, यह योजना तय समय से काफी पीछे चल रही है. ऐसे में निगम क्षेत्र में जनवरी महीने के कड़ाके की ठंड में ही कई स्थानों पर पेयजल संकट गहरा गया है और भूगर्भ जलस्तर लगातार गिरने लगा है.

देखें पूरी खबर

36 महीने में पूरा किया जाना था काम

पाइप जलापूर्ति योजना में विलंब होने पर नगर निगम के मेयर विनोद श्रीवास्तव ने काम के दौरान पाइप लाइन बिछाने में सड़कों को काटने और गड्ढे खोदे जाने का विरोध करने पर आम लोगों को योजना देर कराने के लिए जिम्मेदार ठहराया है. पूर्व के भाजपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास की ओर से 20 फरवरी को आयोजित समारोह में 400 करोड़ की लागत से वृहद आदित्यपुर जलापूर्ति योजना की आधारशिला रखी गई थी. 36 महीने में योजना को पूरा किया जाना था. लिहाजा मार्च 2022 तक इस योजना को पूरा किया जाना है, लेकिन योजना पूरा होने में अब केवल महज 1 साल बचा हैं और अब तक योजना पर करीब 50 फीसदी ही काम हुआ है.

ये भी पढ़ें-पूर्व महापौर ने पानी कनेक्शन शुल्क में बढ़ोतरी का किया विरोध, उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन

मेयर ने आम लोगों पर फोड़ा देर होने का ठीकरा

जनवरी महीने में ही नगर निगम क्षेत्र के जिन वार्डों में अक्सर जलापूर्ति की किल्लत रहती है, वहां अभी से ही भूगर्भ का जलस्तर गिरने लगा है और लोगों को पानी की किल्लत होने लगी है. इसका ठीकरा नगर निगम के मेयर विनोद श्रीवास्तव ने आम लोगों पर फोड़ा है. मेयर का कहना है कि लोग सहयोग करें तो तय समय से जलापूर्ति योजना पूरी की जा सकती है, लेकिन पाइप लाइन बिछाने के दौरान सड़क को खोदने और गड्ढे करने पर आम लोग और कुछ राजनीतिक दलों की ओर से इसका विरोध किया गया, जिससे योजना विलंब हो रही है. जब तक आम लोगों का सहयोग प्राप्त नहीं होगा, योजना समय से पूरा नहीं किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें-सुभाष चंद्र बोस का धनबाद से था गहरा नाता, अंतिम बार गोमो रेलवे स्टेशन पर ही देखे गए थे नेताजी

तीन शिफ्ट में टैंकर से हो रही है जलापूर्ति

मेयर ने बताया कि नगर निगम 12 हजार लीटर के दो टैंकर, 6 हजार लीटर के एक टैंकर और 2 हजार लीटर के चार टैंकर से प्रतिदिन निगम क्षेत्र में 1 लाख 80 हजार लीटर पानी की पूर्ति करवा रही है, लेकिन इतनी बड़ी आबादी के लिए यह काफी है. इसके बावजूद निगम तीन शिफ्ट में टैंकर से जलापूर्ति करा रही है और जल्द ही पांच नए टैंकर की खरीदारी कर लोगों को पेयजल आपूर्ति करेगी.

पेयजल संकट को लेकर चिंता जाहिर
इधर, सामाजिक संस्था जन कल्याण मोर्चा ने पेयजल संकट को लेकर चिंता जाहिर की है. मोर्चा की ओर से कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत जियाडा से टैंकर के माध्यम से निगम क्षेत्र में जलापूर्ति किए जाने की मांग की है. इसके अलावा नगर निगम ने क्षेत्र में प्रस्तावित 3 बड़े योजना सीवरेज, ड्रेनेज, जलापूर्ति, पाइपलाइन गैस और अंडर ग्राउंड बिजली केबलिंग पर काम कर रहे एजेंसी से भी निगम ने सामाजिक दायित्व निर्वहन के तहत टैंकर से जलापूर्ति किए जाने का प्रस्ताव दिया है.

सरायकेला: आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के शहरी आबादी को 24 घंटे पाइप लाइन के माध्यम से स्वच्छ जल की आपूर्ति कराने के उद्देश्य से 400 करोड़ की जलापूर्ति योजना पर कार्य जारी है. हालांकि, यह योजना तय समय से काफी पीछे चल रही है. ऐसे में निगम क्षेत्र में जनवरी महीने के कड़ाके की ठंड में ही कई स्थानों पर पेयजल संकट गहरा गया है और भूगर्भ जलस्तर लगातार गिरने लगा है.

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36 महीने में पूरा किया जाना था काम

पाइप जलापूर्ति योजना में विलंब होने पर नगर निगम के मेयर विनोद श्रीवास्तव ने काम के दौरान पाइप लाइन बिछाने में सड़कों को काटने और गड्ढे खोदे जाने का विरोध करने पर आम लोगों को योजना देर कराने के लिए जिम्मेदार ठहराया है. पूर्व के भाजपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास की ओर से 20 फरवरी को आयोजित समारोह में 400 करोड़ की लागत से वृहद आदित्यपुर जलापूर्ति योजना की आधारशिला रखी गई थी. 36 महीने में योजना को पूरा किया जाना था. लिहाजा मार्च 2022 तक इस योजना को पूरा किया जाना है, लेकिन योजना पूरा होने में अब केवल महज 1 साल बचा हैं और अब तक योजना पर करीब 50 फीसदी ही काम हुआ है.

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मेयर ने आम लोगों पर फोड़ा देर होने का ठीकरा

जनवरी महीने में ही नगर निगम क्षेत्र के जिन वार्डों में अक्सर जलापूर्ति की किल्लत रहती है, वहां अभी से ही भूगर्भ का जलस्तर गिरने लगा है और लोगों को पानी की किल्लत होने लगी है. इसका ठीकरा नगर निगम के मेयर विनोद श्रीवास्तव ने आम लोगों पर फोड़ा है. मेयर का कहना है कि लोग सहयोग करें तो तय समय से जलापूर्ति योजना पूरी की जा सकती है, लेकिन पाइप लाइन बिछाने के दौरान सड़क को खोदने और गड्ढे करने पर आम लोग और कुछ राजनीतिक दलों की ओर से इसका विरोध किया गया, जिससे योजना विलंब हो रही है. जब तक आम लोगों का सहयोग प्राप्त नहीं होगा, योजना समय से पूरा नहीं किया जा सकता है.

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तीन शिफ्ट में टैंकर से हो रही है जलापूर्ति

मेयर ने बताया कि नगर निगम 12 हजार लीटर के दो टैंकर, 6 हजार लीटर के एक टैंकर और 2 हजार लीटर के चार टैंकर से प्रतिदिन निगम क्षेत्र में 1 लाख 80 हजार लीटर पानी की पूर्ति करवा रही है, लेकिन इतनी बड़ी आबादी के लिए यह काफी है. इसके बावजूद निगम तीन शिफ्ट में टैंकर से जलापूर्ति करा रही है और जल्द ही पांच नए टैंकर की खरीदारी कर लोगों को पेयजल आपूर्ति करेगी.

पेयजल संकट को लेकर चिंता जाहिर
इधर, सामाजिक संस्था जन कल्याण मोर्चा ने पेयजल संकट को लेकर चिंता जाहिर की है. मोर्चा की ओर से कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत जियाडा से टैंकर के माध्यम से निगम क्षेत्र में जलापूर्ति किए जाने की मांग की है. इसके अलावा नगर निगम ने क्षेत्र में प्रस्तावित 3 बड़े योजना सीवरेज, ड्रेनेज, जलापूर्ति, पाइपलाइन गैस और अंडर ग्राउंड बिजली केबलिंग पर काम कर रहे एजेंसी से भी निगम ने सामाजिक दायित्व निर्वहन के तहत टैंकर से जलापूर्ति किए जाने का प्रस्ताव दिया है.

Last Updated : Jan 19, 2021, 7:05 AM IST

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