सरायकेला: जिले के कपाली नगर परिषद क्षेत्र के एक बड़ी आबादी को पेयजल की विकट परिस्थितियों से सालों भर दो चार होना पड़ता है. लाखों के इस घने आबादी वाले क्षेत्र में आबादी के अनुसार जल स्रोत कम है. ऐसे में जब ये सीमित जल स्रोत बिगड़ते हैं तो लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यहां घरों में पाइप लाइन से जलापूर्ति योजना सालों से ठंडे बस्ते में है.
पाइप लाइन से घरों में जलापूर्ति योजनाएं लंबित
लाखों की घनी आबादी वाले कपाली नगर परिषद क्षेत्र में आज भी कई ऐसे वार्ड क्षेत्र हैं, जहां घरों में पाइप लाइन से पानी नहीं पहुंचा है. कपाली नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 18 में जहां आज तक पाइपलाइन जलापूर्ति योजना शुरू नहीं हो सकी है, वहीं इस क्षेत्र के लोगों को पानी के लिए चापाकल पर आश्रित रहना पड़ता है. जब भी चापाकल खराब होता है तो एक बड़ी आबादी इससे प्रभावित होती है.
आपस में चंदा एकत्र कर लोग खुद कराते हैं चापाकल की मरम्मत
कपाली नगर परिषद क्षेत्र के कई इलाके ऐसे हैं, जहां चापाकल खराब होने पर नगर परिषद की ओर से कोई पहल नहीं की जाती है. ऐसे में मजबूरन यहां के स्थानीय लोग आपस में चंदा जमा कर निजी खर्च से चापाकल का मरम्मत कराते हैं, ताकि उन्हें समय से पीने के लिए पानी नसीब हो सके.
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पाइपलाइन जलापूर्ति योजना पर चल रहा कार्य
पेयजलापूर्ति संबंधित समस्याओं को लेकर जब कपाली नगर परिषद क्षेत्र के कार्यपालक पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता से बात की गई, तो उन्होंने बताया की हाल के दिनों में पाइपलाइन जलापूर्ति योजना में तकनीकी गड़बड़ी और उपकरण खराब होने के कारण पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है. वहीं कई क्षेत्रों में जलापूर्ति योजना शुरू नहीं होने के मुद्दे पर उन्होंने दावा किया की पूरे क्षेत्र में पाइप लाइन से घरों तक जल आपूर्ति किए जाने संबंधित योजना पर कार्य चल रहा है और योजना विस्तार को लेकर वाटर पंप और पाइप लाइन बिछाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया की जिन क्षेत्रों में पाइप लाइन से जलापूर्ति हो रही है वहां लगाए गए मशीनरी और उपकरण पुराने हो गए हैं, जो समय समय पर खराब होते रहते हैं, ऐसे में अब विभाग की ओर से नए उपकरणों को लगाया जा रहा है. चापाकल मरम्मत के संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा है की 24 घंटे के अंदर सभी खराब चापाकल को बना दिया जाता है.
सालों पर होती है पानी की किल्लत
कपाली नगर परिषद क्षेत्र के अधिकांश ऐसे इलाके हैं जहां सालों भर पानी की किल्लत बनी रहती है, लेकिन विभागीय अधिकारियों का दावा है की सभी क्षेत्र में सामान्य रूप से जलापूर्ति की जाती है और जिन क्षेत्र में जलापूर्ति शुरू नहीं हो सकी है, वहां भी जल्द शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन इस बीच यहां के लोग लगातार पानी की किल्लत को झेलते हैं.