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सरायकेला: ग्रामीणों ने श्रमदान कर बनाई रूपानाचना से बाटूजोड़ तक कच्ची सड़क, पक्की सड़क का अब भी इंतजार

सरायकेला जिले में शासकीय मशीनरी की उदासीनता एक बार फिर सामने आई है. शिलान्यास के बाद भी ग्रामीण सड़क योजना से रोड न बनने पर ग्रामीणों ने श्रमदान कर रूपानाचना से बाटूजोड़ गांव तक की कच्ची सड़क बनाई. हालांकि उन्हें अब भी यहां पक्की सड़क बनाए जाने का इंतजार है.

villagers built road in seraikela
ग्रामीणों ने श्रमदान करते हुए बनाई सड़क.
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Published : Sep 4, 2020, 8:55 AM IST

सरायकेला: जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत एदल पंचायत से रूपानाचना गांव में सड़क नहीं है. 2019 में तमाम गुहार के बाद यहां के लिए ग्रामीण सड़क योजना से रोड पास हुई पर अफसर फिर भूल गए. थक हारकर यहां के ग्रामीणों ने श्रमदान कर रूपानाचना से बाटूजोड़ गांव तक की कच्ची सड़क बना ली पर उन्हें अब भी पक्की सड़क बनवाए जाने का इंतजार है.

रूपानाचना से बाटूजोड़ गांव तक कच्ची सड़क काफी जर्जर हो चली थी सड़क में जगह-जगह बड़े गड्ढे बन जाने के कारण गाड़ियों का चलना भी परेशानियों भरा था. वहीं लगातार बारिश से सड़क पर जलजमाव की भी स्थिति बनी थी. इधर स्थानीय ग्रामीणों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, नतीजतन स्थानीय ग्रामीणों ने खुद सड़क निर्माण की ठानी और दर्जनों ग्रामीणों ने श्रमदान कर स्वयं सड़क का निर्माण कर डाला, जिससे गांव तक आवागमन फिलहाल सुलभ हो गया है.

देखें पूरी खबर
जनवरी 2019 में हुआ था सड़क का शिलान्यास स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जनवरी 2019 में ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण का शिलान्यास हुआ था, लेकिन सड़क निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया. इसकी वजह से लोगों को दिक्कतें हो रहीं थीं, ग्रामीण बताते हैं कि गांव में यदि कोई बीमार पड़े तो जर्जर सड़क होने के कारण एंबुलेंस भी गांव में प्रवेश नहीं कर सकती थी, ऐसे में ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से सड़क के गड्ढों को मिट्टी से भरने का कार्य प्रारंभ किया ताकि ग्रामीणों को आने-जाने में सहूलियत हो सके.

इसे भी पढ़ें-सरायकेला में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा, नगर आयुक्त को सौंपा 5 सूत्री मांग पत्र

20 से 25 गांव के लोग करते हैं इस रास्ते आवागमन
इस प्रमुख सड़क के जर्जर होने से 2 दर्जन से भी अधिक गांव के लोग परेशान हैं. ऐसे में सड़क खराब होने के कारण ग्रामीण घायल भी हो रहे थे. इसके बाद सभी ने ठाना कि श्रमदान कर सड़क को चलने लायक बनाया जाएगा. इधर स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष गुहार लगाई, लेकिन आज तक सड़क का निर्माण नहीं कराया जा सका.

सरायकेला: जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत एदल पंचायत से रूपानाचना गांव में सड़क नहीं है. 2019 में तमाम गुहार के बाद यहां के लिए ग्रामीण सड़क योजना से रोड पास हुई पर अफसर फिर भूल गए. थक हारकर यहां के ग्रामीणों ने श्रमदान कर रूपानाचना से बाटूजोड़ गांव तक की कच्ची सड़क बना ली पर उन्हें अब भी पक्की सड़क बनवाए जाने का इंतजार है.

रूपानाचना से बाटूजोड़ गांव तक कच्ची सड़क काफी जर्जर हो चली थी सड़क में जगह-जगह बड़े गड्ढे बन जाने के कारण गाड़ियों का चलना भी परेशानियों भरा था. वहीं लगातार बारिश से सड़क पर जलजमाव की भी स्थिति बनी थी. इधर स्थानीय ग्रामीणों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, नतीजतन स्थानीय ग्रामीणों ने खुद सड़क निर्माण की ठानी और दर्जनों ग्रामीणों ने श्रमदान कर स्वयं सड़क का निर्माण कर डाला, जिससे गांव तक आवागमन फिलहाल सुलभ हो गया है.

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जनवरी 2019 में हुआ था सड़क का शिलान्यास स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जनवरी 2019 में ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण का शिलान्यास हुआ था, लेकिन सड़क निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया. इसकी वजह से लोगों को दिक्कतें हो रहीं थीं, ग्रामीण बताते हैं कि गांव में यदि कोई बीमार पड़े तो जर्जर सड़क होने के कारण एंबुलेंस भी गांव में प्रवेश नहीं कर सकती थी, ऐसे में ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से सड़क के गड्ढों को मिट्टी से भरने का कार्य प्रारंभ किया ताकि ग्रामीणों को आने-जाने में सहूलियत हो सके.

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20 से 25 गांव के लोग करते हैं इस रास्ते आवागमन
इस प्रमुख सड़क के जर्जर होने से 2 दर्जन से भी अधिक गांव के लोग परेशान हैं. ऐसे में सड़क खराब होने के कारण ग्रामीण घायल भी हो रहे थे. इसके बाद सभी ने ठाना कि श्रमदान कर सड़क को चलने लायक बनाया जाएगा. इधर स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष गुहार लगाई, लेकिन आज तक सड़क का निर्माण नहीं कराया जा सका.

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