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सरायकेला में मिला अनोखा पक्षी, ग्रामीणों ने वन विभाग को सौंपा - झारखंड न्यूज

सरायकेला में एक अनोखा पक्षी मिला है. जो ग्रामीणों के बीच कौतूहल का विषय बना हुआ है.

सरायकेला में मिला अनोखा पक्षी
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Published : Mar 31, 2019, 12:36 PM IST

सरायकेलाः जिले के डूमरडीहा गांव में ग्रामीणों ने एक बड़े आकार का अनोखा पक्षी पाया है. इस अद्भुत पक्षी को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है. वहीं ये पक्षी ग्रामीणों के बीच कौतूहल का विषय भी बना हुआ है. लोग अपने अपने तरीके से पक्षी की पहचान कर रहे हैं.

बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने खेत में एक अनोखा पक्षी पाया. जिसके बाद एक ग्रामीण उसे अपने घर ले आया. इसकी पहचान लोगों नहीं कर पा रहे थे. कोई इसे जटायु कह रहा है, तो कोई इसे गरुड़ पक्षी मान रहा है. इस अनोखे पक्षी के पाए जाने की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी. जिसके बाद वन विभाग की टीम ने पक्षी को अपने कब्जे में ले लिया.

ये भी पढ़ें-स्कूल में छात्रों के अभिभावकों को पगड़ी पहना कर किया गया सम्मानित, ये है वजह

गिद्ध से मिलता-जुलता है ये अनोखा पक्षी
गुमला में पाया गया यह पक्षी गिद्ध प्रजाति की तरह का प्रतीत होता है. बता दें कि गिद्ध शिकारी पक्षियों में गिने जाते हैं. ये मुर्दाखोर होते है. गिद्ध कत्थई और काले रंग के भारी कद के पक्षी होते हैं जो काफी हद तक उस अनोखे पक्षी से मिलता जुलता है. इनकी नजर काफी तेज होती है. शिकारी पक्षियों की तरह इनकी चोंच भी टेढ़ी और मजबूत होती है. गिद्ध पक्षियों के सफाई एंजेट का काम करते हैं जो कई बीमारियों को फैलने से रोकता है.
काफी कम बचे हैं इस प्रजाति के पक्षी

गिद्ध प्रजाति के पक्षी आज से कुछ साल पहले काफी संख्या में पाए जाते थे. लेकिन अब इनकी संख्या काफी कम हो गई है. पतन का मुख्य वजह पशु दवाई डाइक्लोफिनॅक (diclofenac) है. जो कि पशुओं के जोड़ों के दर्द को मिटाने में मदद करती है. चुंकि ये मुर्दाखोर होते हैं इसलिए जब ये दवाई खाए हुए जानवर या पक्षी को खाते हैं तो ये संक्रमित हो जाते हैं और इनकी मौत हो जाती है.

सरायकेला में मिला अनोखा पक्षी

सरायकेलाः जिले के डूमरडीहा गांव में ग्रामीणों ने एक बड़े आकार का अनोखा पक्षी पाया है. इस अद्भुत पक्षी को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है. वहीं ये पक्षी ग्रामीणों के बीच कौतूहल का विषय भी बना हुआ है. लोग अपने अपने तरीके से पक्षी की पहचान कर रहे हैं.

बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने खेत में एक अनोखा पक्षी पाया. जिसके बाद एक ग्रामीण उसे अपने घर ले आया. इसकी पहचान लोगों नहीं कर पा रहे थे. कोई इसे जटायु कह रहा है, तो कोई इसे गरुड़ पक्षी मान रहा है. इस अनोखे पक्षी के पाए जाने की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी. जिसके बाद वन विभाग की टीम ने पक्षी को अपने कब्जे में ले लिया.

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गिद्ध से मिलता-जुलता है ये अनोखा पक्षी
गुमला में पाया गया यह पक्षी गिद्ध प्रजाति की तरह का प्रतीत होता है. बता दें कि गिद्ध शिकारी पक्षियों में गिने जाते हैं. ये मुर्दाखोर होते है. गिद्ध कत्थई और काले रंग के भारी कद के पक्षी होते हैं जो काफी हद तक उस अनोखे पक्षी से मिलता जुलता है. इनकी नजर काफी तेज होती है. शिकारी पक्षियों की तरह इनकी चोंच भी टेढ़ी और मजबूत होती है. गिद्ध पक्षियों के सफाई एंजेट का काम करते हैं जो कई बीमारियों को फैलने से रोकता है.
काफी कम बचे हैं इस प्रजाति के पक्षी

गिद्ध प्रजाति के पक्षी आज से कुछ साल पहले काफी संख्या में पाए जाते थे. लेकिन अब इनकी संख्या काफी कम हो गई है. पतन का मुख्य वजह पशु दवाई डाइक्लोफिनॅक (diclofenac) है. जो कि पशुओं के जोड़ों के दर्द को मिटाने में मदद करती है. चुंकि ये मुर्दाखोर होते हैं इसलिए जब ये दवाई खाए हुए जानवर या पक्षी को खाते हैं तो ये संक्रमित हो जाते हैं और इनकी मौत हो जाती है.

Intro:ग्रामीणों को मिला अनोखा पक्षी, लोगों के बीच बना कौतूहल का विषय , वन विभाग को किया ग्रामीणों ने सुपुर्द.

सरायकेला जिले के डूमरडीहा गांव में ग्रामीणों ने एक बड़े आकार का अनोखा पक्षी पाया है, इधर इस अद्भुत पक्षी को देखने लोगों की भीड़ उमड़ रही है. वहीं यह पक्षी ग्रामीणों के बीच कौतूहल का विषय भी बना हुआ है.


Body:बताया जाता है कि स्थानीय ग्रामीणों ने खेत में इस अद्भुत पक्षी को पाया जिसके बाद एक ग्रामीणों ने इसे अपने घर ले आया. लोगों के बीच कौतूहल बना या पक्षी कौन सा है इसकी पहचान है लोगों को नहीं हो पा रही है, कोई इसे जटायु कह रहा है तो कोई इसे गरुड़ पक्षी मान रहा है, वही देखने में यह पक्षी बगुला प्रजाति का प्रतीत हो रहा है. जिसकी चोंच काफी लंबी है, और पंख भी बड़े हैं।

इस अनोखे के पक्षी के पाए जाने की सूचना स्थानीय ग्रामीणों द्वारा वन विभाग को दे दी गई है , जिसके बाद वन विभाग की टीम ने गांव पहुंच पक्षी को अपने कब्जे में ले लिया है।


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