ETV Bharat / state

सरायकेला के सदर अस्पताल में लगी ट्रू नेट मशीन, हर दिन 40 कोरोना संदिग्धों की होगी जांच

कोरोना संक्रमण के देहात तक फैले खतरे के बीच राहत भरी खबर है. कोविड की कुछ जांच अब जिले में ही ट्रू नेट मशीन के जरिए से हो सकेगी. रोजाना अधिकतर इस मशीन से चालीस जांच होगी. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इस मशीन को पहले ही मंजूरी दे दी है.

Trunet machine installed at Sadar Hospital in Seraikela
सरायकेला के सदर अस्पताल में लगी ट्रू नेट मशीन
author img

By

Published : Jun 6, 2020, 4:41 PM IST

सरायकेला: सदर अस्पताल सरायकेला में कोरोना जांच में तेजी लाने के लिए ट्रू नेट मशीन लगा दी गई है. सिविल सर्जन डॉ. हिमांशु भुषण बरवार ने बताया कि मशीन इंस्टॉल होने के बाद पहले उसका ट्रायल किया जाएगा. इसके बाद कोरोना वायरस के जांच की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी. उन्होने बताया कि प्रवासियों की बढ़ती संख्या के बीच जिले में मशीन के कार्य करने से करोना की जांच को गति मिलेगी.

ये भी पढ़ें: झारखंड में कोरोना की अब तक की सबसे बड़ी छलांग, शुक्रवार को मिले 93 नए पॉजिटिव मरीज, कुल संख्या पहुंची 938

इस मशीन से हर दिन 40 जांच की जा सकती है. सिविल सर्जन डॉ. हिमांशु भुषण बरवार ने बताया कि जांच के दौरान रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उसे नेगेटिव माना जाएगा. जबकि, पॉजिटिव आने पर उसको दोबारा जांच के लिए एमजीएम भेजा जाएगा. एमजीएम में स्वाब जांच में कंफर्म होने के बाद ही संदिग्ध मरीज को कोरोना पॉजिटिव माना जाएगा. उन्होने बताया कि इसके माध्यम से विशेषकर ऐसे मामले की जांच होगी, जिसकी टेस्ट रिपोर्ट का जल्दी आना अनिवार्य है.

कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के सबसे नजदीक रहने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे डॉक्टर, पुलिस पदाधिकारी, हाई रिस्क कांटेक्ट श्रेणी में आने वाले जो भी कर्मी होंगे उनके सैंपल की जांच प्राथमिकता के साथ होगी. सदर अस्पताल में पहले से ही भर्ती और इलाजरत मरीजों, गर्भवती महिलाओं के अलावा अलावा डायलसिस और अन्य कोविड संदिग्ध मृत व्यक्ति की जांच समेत अन्य इमरजेंसी मामले की जांच पर प्राथमिकता दी जाएगी. सदर अस्पताल में भर्ती ऐसे व्यक्ति जो ट्रेसिंग के बाद उनको भी हाई रिस्क श्रेणी में पाया जाता है, तो प्राथमिकता के तौर पर इनका टेस्ट किया जाएगा.

सरायकेला: सदर अस्पताल सरायकेला में कोरोना जांच में तेजी लाने के लिए ट्रू नेट मशीन लगा दी गई है. सिविल सर्जन डॉ. हिमांशु भुषण बरवार ने बताया कि मशीन इंस्टॉल होने के बाद पहले उसका ट्रायल किया जाएगा. इसके बाद कोरोना वायरस के जांच की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी. उन्होने बताया कि प्रवासियों की बढ़ती संख्या के बीच जिले में मशीन के कार्य करने से करोना की जांच को गति मिलेगी.

ये भी पढ़ें: झारखंड में कोरोना की अब तक की सबसे बड़ी छलांग, शुक्रवार को मिले 93 नए पॉजिटिव मरीज, कुल संख्या पहुंची 938

इस मशीन से हर दिन 40 जांच की जा सकती है. सिविल सर्जन डॉ. हिमांशु भुषण बरवार ने बताया कि जांच के दौरान रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उसे नेगेटिव माना जाएगा. जबकि, पॉजिटिव आने पर उसको दोबारा जांच के लिए एमजीएम भेजा जाएगा. एमजीएम में स्वाब जांच में कंफर्म होने के बाद ही संदिग्ध मरीज को कोरोना पॉजिटिव माना जाएगा. उन्होने बताया कि इसके माध्यम से विशेषकर ऐसे मामले की जांच होगी, जिसकी टेस्ट रिपोर्ट का जल्दी आना अनिवार्य है.

कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के सबसे नजदीक रहने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे डॉक्टर, पुलिस पदाधिकारी, हाई रिस्क कांटेक्ट श्रेणी में आने वाले जो भी कर्मी होंगे उनके सैंपल की जांच प्राथमिकता के साथ होगी. सदर अस्पताल में पहले से ही भर्ती और इलाजरत मरीजों, गर्भवती महिलाओं के अलावा अलावा डायलसिस और अन्य कोविड संदिग्ध मृत व्यक्ति की जांच समेत अन्य इमरजेंसी मामले की जांच पर प्राथमिकता दी जाएगी. सदर अस्पताल में भर्ती ऐसे व्यक्ति जो ट्रेसिंग के बाद उनको भी हाई रिस्क श्रेणी में पाया जाता है, तो प्राथमिकता के तौर पर इनका टेस्ट किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.