सरायकेला: जिले के तिरुलडीह थाना क्षेत्र के कुकड़ू में शुक्रवार को नक्सली हमले में शहीद पांचों जवान को शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई. श्रद्धांजलि सभा में डीजीपी कमल नयन चौबे के साथ राज्य पुलिस के तमाम वरीय पुलिस अधिकारी भी शामिल हुए.
दी गई श्रद्धांजलि
इस मौके पर एडीजी मुरारी लाल मीणा, डीआईजी एसटीएफ साकेत कुमार, सीआरपीएफ कमांडेंट हरपाल सिंह, रांची सांसद संजय सेठ के अलावा जिले के एसपीडीसी समेत तमाम आला अधिकारी भी मौजूद रहे.
शहीदों की शहादत बेकार नहीं जाएगी
वहीं, डीजीपी कमल नयन चौबे ने शहीद के परिजनों को हर संभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया है और कहा है कि शहीदों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. सरायकेला की घटना को लेकर प्रशासन और सरकार पूरी गंभीर है और नक्सलियों से बदला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में नक्सलवाद देश के अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों की तुलना में कम हुआ है, उसी का परिणाम है कि हताशा में नक्सली ऐसी हरकतें कर रहे हैं.
शहीद के परिजनों को हर संभव मदद
डीजीपी कमल नयन चौबे संकेत दिया है कि जिस जिला में जैसे अधिकारियों की जरूरत होगी सरकार वैसे अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति करेगी. शहीद के परिजनों को सरकार के तरफ से मिलने वाली सहायता राशि दी जाएगी. साथ ही शहीद के परिजनों को जिला पुलिस कप्तान हरसंभव मदद करेंगे.
नक्सलियों ने घटना को दिया अंजाम
बता दें कि तिरुलडीह में शुक्रवार को नक्सलियों ने गश्ती पर निकले पुलिस के पांच जवानों को नक्सलियों ने कुकड़ूहाट बाजार में मौत के घाट उतार दिया था. इनमें तीन आरक्षी और दो सहायक अवर निरीक्षक शामिल थे. इनमें एक बिहार के भोजपुर के रहने वाले थे. दिवंगत सहायक अवर निरीक्षक का नाम गोवर्द्धन पासवान था, जो एक अगस्त 1998 को पुलिस बल में शामिल हुए थे.
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सभी झारखंड के जवान
दूसरे सहायक अवर निरीक्षक झारखंड के देवघर जिला के रहने वाले थे. उनका नाम मनोधन हांसदा था और वह 25 जनवरी 2005 को पुलिस बल में शामिल हुए थे. फिलहाल सरायकेला के तिरुलडीह थाना में पदस्थापित थे. शहीद हुए तीन आरक्षियों में दो पश्चिमी सिंहभूम और एक रांची के रहने वाले थे.