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सरायकेला: कुचाई के बाद अब खूंटपानी में भी तसर की खेती, विधायक ने की शुरुआत

सरायकेला जिले में कुचाई के बाद अब खूंटपानी में भी तसर की खेती की जा रही है. शनिवार को विधायक दशरथ गागराई ने नारियल फोड़कर और फीता काटकर इसकी शुरुआत की है. खुंटपानी के 400 एकड़ जमीन पर पौधे लगाए जाएंगे. इसी के तहत बड़े पैमाने पर अर्जुन और आसन के पौधे लगाए जा रहे हैं.

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पौधारोपण कार्य की शुरुआत करते विधायक दशरथ गागराई.
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Published : Aug 1, 2020, 3:24 PM IST

सरायकेला: कुचाई के बाद अब खूंटपानी प्रखंड के विभिन्न गांवों में भी तसर की खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य शुरू हो गया है. प्रदान संस्था एवं टीडीएफ के सहयोग से खूंटपानी प्रखंड के अंतर्गत मटकोबेरा, तोरसिंदरी, छोटालगिया, आबरू, संगाजाटागांवों में तसर खेती शुरू करने के लिए बड़े पैमाने पर अर्जुन व आसन के पौधे लगाए जा रहे है.

फीता काटकर किया शुरुआत
अगले दो साल में इन पौधों पर तसर कीट पालन करग्रामीण अपनी आजीविका को बढ़ा सकेंगे. तसर की खेती के लिए पौधारोपण कार्य की शुरुआत खूंटपानी के पांड्राशाली गांव में स्थानीय विधायक दशरथ गागराई, बीडीओ सुनीला खलको, विधायक की धर्मपत्नी बसंती गागराई ने संयुक्त रूप से विधिवत रूप से नारियल फोड़कर एवं फीता काटकर किया. इसके पश्चात सभी अतिथियों ने पौधारोपण भी किया.

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खुंटपानी के 400 एकड़ जमीन पर लगाये जाएंगे पौधे.

चार सौ एकड़ में लगाए जाएंगे 1.70 लाख अर्जुन व आसन के पौधे
खुंटपानी प्रखंड के मटकोबेरा, तोरसिंदरी, छोटालगिया, आबरू, संगाजाटाआदि गांवों में करीब 400 एकड़ दमीन पर अर्जुन व आसन पौधे लगाये जाएंगे. इसके लिए 119 लाभुकों का चयन किया गया है. एनजीओ प्रदान संस्था की ओर से इन लाभुकों के जमीन पर करीब 1.70 अर्जुन व आसन के पौधे लगाए जाएंगे. अलगेदो साल में पौधा बड़ा हो जाएगा. इसके बाद किसान इन अर्जुन व आसन के पेड़ों में तसर कीट पालन कर अपनी आजीविका को बढ़ा सकेंगे. जानकारों के अनुसार इस क्षेत्र का वातावरण तसर की खेती के लिए काफी अच्छा माना जाता है. खुंटपानी के गांवों में ओर्गानिकतसर की खेती होगी. ओर्गानिक तसर की मांग देश-विदेश में बड़े पैमाने पर है. इससे किसानों का मुनाफा भी बढ़ेगा.

इसे भी पढे़ं-हजारीबागः मेयर ने SDO की नोटिस का दिया जवाब, संक्रमितों के शव को जलाने का मामला


क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगीतसर की खेती
पौधारोपण कार्य के उद्घाटन के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि अर्जुन व आसन के पौधों को संरक्षित करने की आवश्यकता है. तब जा कर दो साल बाद किसान इन पेड़ों पर कीट पालन कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि तसर की खेती क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. गागराई ने कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार तसर की खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य करेगी. तसरकोसा के लिए बाजार की व्यवस्था भी राज्य सरकार करेगी. उन्होंने तसर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहयोग का भरोसा दिया. बीडीओ सुनीला खलखोने कहा कि तसर की खेती के जरीए गांव के लोगों अपनी आ जीविका को बढ़ा सकते है. उन्होंने लाभुकों से मन लगा कर पौधों की रखवाली करने की अपील की.

सरायकेला: कुचाई के बाद अब खूंटपानी प्रखंड के विभिन्न गांवों में भी तसर की खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य शुरू हो गया है. प्रदान संस्था एवं टीडीएफ के सहयोग से खूंटपानी प्रखंड के अंतर्गत मटकोबेरा, तोरसिंदरी, छोटालगिया, आबरू, संगाजाटागांवों में तसर खेती शुरू करने के लिए बड़े पैमाने पर अर्जुन व आसन के पौधे लगाए जा रहे है.

फीता काटकर किया शुरुआत
अगले दो साल में इन पौधों पर तसर कीट पालन करग्रामीण अपनी आजीविका को बढ़ा सकेंगे. तसर की खेती के लिए पौधारोपण कार्य की शुरुआत खूंटपानी के पांड्राशाली गांव में स्थानीय विधायक दशरथ गागराई, बीडीओ सुनीला खलको, विधायक की धर्मपत्नी बसंती गागराई ने संयुक्त रूप से विधिवत रूप से नारियल फोड़कर एवं फीता काटकर किया. इसके पश्चात सभी अतिथियों ने पौधारोपण भी किया.

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खुंटपानी के 400 एकड़ जमीन पर लगाये जाएंगे पौधे.

चार सौ एकड़ में लगाए जाएंगे 1.70 लाख अर्जुन व आसन के पौधे
खुंटपानी प्रखंड के मटकोबेरा, तोरसिंदरी, छोटालगिया, आबरू, संगाजाटाआदि गांवों में करीब 400 एकड़ दमीन पर अर्जुन व आसन पौधे लगाये जाएंगे. इसके लिए 119 लाभुकों का चयन किया गया है. एनजीओ प्रदान संस्था की ओर से इन लाभुकों के जमीन पर करीब 1.70 अर्जुन व आसन के पौधे लगाए जाएंगे. अलगेदो साल में पौधा बड़ा हो जाएगा. इसके बाद किसान इन अर्जुन व आसन के पेड़ों में तसर कीट पालन कर अपनी आजीविका को बढ़ा सकेंगे. जानकारों के अनुसार इस क्षेत्र का वातावरण तसर की खेती के लिए काफी अच्छा माना जाता है. खुंटपानी के गांवों में ओर्गानिकतसर की खेती होगी. ओर्गानिक तसर की मांग देश-विदेश में बड़े पैमाने पर है. इससे किसानों का मुनाफा भी बढ़ेगा.

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क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगीतसर की खेती
पौधारोपण कार्य के उद्घाटन के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि अर्जुन व आसन के पौधों को संरक्षित करने की आवश्यकता है. तब जा कर दो साल बाद किसान इन पेड़ों पर कीट पालन कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि तसर की खेती क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. गागराई ने कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार तसर की खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य करेगी. तसरकोसा के लिए बाजार की व्यवस्था भी राज्य सरकार करेगी. उन्होंने तसर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहयोग का भरोसा दिया. बीडीओ सुनीला खलखोने कहा कि तसर की खेती के जरीए गांव के लोगों अपनी आ जीविका को बढ़ा सकते है. उन्होंने लाभुकों से मन लगा कर पौधों की रखवाली करने की अपील की.

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