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PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को मुंह चिढ़ा रहा यह शहर, अधर में लटकी करोड़ों की योजना

सरायकेला में कचरे का निष्पादन करने में स्थानीय निकाय फिसड्डी साबित हो रहा है. जहां-तहां कचरे का अंबार लगा हुआ है. जिसे देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण परिषद अब कार्रवाई करने के मूड में दिख रहा है.

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Published : Jul 27, 2019, 12:26 PM IST

सरायकेला: देश को स्वच्छ बनाने के उद्देशय से पीएम मोदी ने स्वच्छता अभियान की शुरुआत की. लेकिन जिले के शहरी क्षेत्र से निकलने वाले कचरे का समुचित निष्पादन नहीं होने से शहर के पर्यावरण पर इसका असर पड़ रहा है. इसके समाधान में स्थानीय निकाय फेल साबित हो रहा है. इसे लेकर अब प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने कार्रवाई का मन बना लिया है.

देखें पूरी खबर
सरायकेला के नगर पंचायत समेत आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र से रोजाना सैंकड़ों टन कचरा निकलता है. लेकिन बिना किसी ठोस योजना के कचरे का अंबार सड़क किनारे या खुले जगहों पर लगा रहता है. जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, स्थानीय नगर निकाय कचरा निष्पादन योजना तो बना रही है. लेकिन इसे अमलीजामा पहनाने में फिसड्डी साबित हो रही है.

अधर में लटकी करोड़ों की योजना
सरायकेला समेत पूर्वी सिंहभूम से रोजाना निकलने वाले कचरे के निष्पादन को लेकर स्थानीय निकाय और सरकार द्वारा पूर्वी सिंहभूम के खैर बनी पंचायत में करोड़ों की लागत से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम का निर्माण किया जाना है. लेकिन स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के कारण यह योजना विगत 10 सालों से लंबित पड़ी है. हालांकि सरकार और स्थानीय निकाय इसे धरातल पर उतारने की कवायद में जुटे हैं लेकिन भारी विरोध के बीच यह योजना अब खटाई में पड़ गई है.

पर्यावरण पर भी पड़ रहा असर
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के फेल होने से शहर में कचरा का अंबार है और यह ना सिर्फ शहर की खूबसूरती को बिगाड़ रहा है. बल्कि अब इसका असर पर्यावरण पर भी पड़ रहा है.ऐसे में वक्त रहते यदि यह योजना समय से धरातल पर नहीं उतरे तो आगे स्थिति और भयावह हो सकती है.

सरायकेला: देश को स्वच्छ बनाने के उद्देशय से पीएम मोदी ने स्वच्छता अभियान की शुरुआत की. लेकिन जिले के शहरी क्षेत्र से निकलने वाले कचरे का समुचित निष्पादन नहीं होने से शहर के पर्यावरण पर इसका असर पड़ रहा है. इसके समाधान में स्थानीय निकाय फेल साबित हो रहा है. इसे लेकर अब प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने कार्रवाई का मन बना लिया है.

देखें पूरी खबर
सरायकेला के नगर पंचायत समेत आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र से रोजाना सैंकड़ों टन कचरा निकलता है. लेकिन बिना किसी ठोस योजना के कचरे का अंबार सड़क किनारे या खुले जगहों पर लगा रहता है. जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, स्थानीय नगर निकाय कचरा निष्पादन योजना तो बना रही है. लेकिन इसे अमलीजामा पहनाने में फिसड्डी साबित हो रही है.

अधर में लटकी करोड़ों की योजना
सरायकेला समेत पूर्वी सिंहभूम से रोजाना निकलने वाले कचरे के निष्पादन को लेकर स्थानीय निकाय और सरकार द्वारा पूर्वी सिंहभूम के खैर बनी पंचायत में करोड़ों की लागत से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम का निर्माण किया जाना है. लेकिन स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के कारण यह योजना विगत 10 सालों से लंबित पड़ी है. हालांकि सरकार और स्थानीय निकाय इसे धरातल पर उतारने की कवायद में जुटे हैं लेकिन भारी विरोध के बीच यह योजना अब खटाई में पड़ गई है.

पर्यावरण पर भी पड़ रहा असर
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के फेल होने से शहर में कचरा का अंबार है और यह ना सिर्फ शहर की खूबसूरती को बिगाड़ रहा है. बल्कि अब इसका असर पर्यावरण पर भी पड़ रहा है.ऐसे में वक्त रहते यदि यह योजना समय से धरातल पर नहीं उतरे तो आगे स्थिति और भयावह हो सकती है.

Intro:सरायकेला जिले के शहरी क्षेत्र से निकलने वाले कचरे का समुचित निष्पादन नहीं होने से इसका सीधा असर शहर के पर्यावरण संतुलन पड़ रहा है।


Body:शहरी क्षेत्र से प्रतिदिन निकलने वाले सैंकड़ों टन कचरे का निष्पादन करने में स्थानीय निकाय फेल साबित हो रहा है इधर इस समस्या को लेकर अब प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने कार्रवाई का मन बना लिया है।

सरायकेला जिले के नगर पंचायत समेत आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र से रोजाना सैंकड़ों टन कचरा निकल रहा है लेकिन बिना किसी ठोस योजना के कचरे का अंबार सड़क किनारे या खुले स्थान पर लगा रहता है जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। स्थानीय नगर निकाय कचरा निष्पादन योजना तो बना रही है लेकिन इसे अमलीजामा पहनाने में फिसड्डी साबित हो रही है।

करोड़ों की योजना लटकी अधर में

सरायकेला समेत पूर्वी सिंहभूम जिले से रोजाना निकलने वाले कचरे के निष्पादन को लेकर स्थानीय निकाय और सरकार द्वारा पूर्वी सिंहभूम के खैर बनी पंचायत में करोड़ों की लागत से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम का निर्माण किया जाना है , लेकिन स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के कारण यह योजना विगत 10 सालों से लंबित पड़ी है। हालांकि सरकार और स्थानीय निकाय इसे धरातल पर उतारने की कवायद में जुटे हैं लेकिन भारी विरोध के बीच यह योजना अब खटाई में पड़ गई है।


Conclusion:सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के फेल होने से शहर में कचरा का अंबार है और यह ना सिर्फ शहर की खूबसूरती को बिगाड़ रहा है बल्कि अब इसका असर पर्यावरण पर भी पड़ रहा है।
ऐसे में वक्त रहते यदि यह योजना समय से धरातल पर नहीं उतरे तो आगे स्थिति और भयावह हो सकती है।

बाइट - सुरेश पासवान,क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण परिषद्।
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