सरायकेला: कोरोना वायरस के खतरे से पूरे विश्व में लोग परेशान है. इससे भारत भी अछूता नहीं है. मामले में सरायकेला के सुवर्ण रेखा बहुउद्देशीय परियोजना अंतर्गत ईचा गालूडीह परियोजना के कर्मचारी विमल सिंह बायोमेट्रिक अटेंडेंस प्रणाली को कोरोना वायरस का वाहक मान रहे हैं.
कोरोना वायरस का संक्रमण
कर्मचारी कोरोना वायरस को लेकर हर जगह लोग पूरी सतर्कता बरत रहे हैं. ऑफिस के कर्मचारी एक-दूसरे से संपर्क करने के समय हाथ मिलाने के बजाय अब हाथ जोड़कर अभिनंदन करते हैं. इस बीच झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले कर्मचारियों के गुट ने सरकार के समक्ष मांग रखी है कि जब तक कोरोना वायरस का संक्रमण समाप्त नहीं हो जाता है तब तक बायोमेट्रिक हाजिरी पर रोक लगा दी जाए.
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दिल्ली के तर्ज पर हाजिरी की मांग
कोरोना वायरस के संक्रमण से परेशान कर्मचारियों ने सरकार के समक्ष फिलहाल पुराने सिस्टम यानी रजिस्टर में अटेंडेंस बनाने की मांग की है, ताकि कर्मचारियों के स्वास्थ्य की रक्षा हो सके. झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने झारखंड सरकार से दिल्ली सरकार के तर्ज पर ही फिलहाल बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम बंद किए जाने की मांग की है. बता दें कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण मामले को लेकर दिल्ली सरकार ने फिलहाल वहां सरकारी दफ्तरों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस प्रणाली पर रोक लगाई है और पुराने तरीके से कर्मचारियों का अटेंडेंस बनाया जा रहा है.