सरायकेला: एक ओर जिले में कोविड-19 वायरस के संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ते जा रहा है, वहीं दूसरी ओर आम लोगों के साथ-साथ अब जनप्रतिनिधि भी बेपरवाह नजर आ रहे हैं, जिनके कंधे पर पूरे पंचायत और पूरे गांव को जागरूक करने की जवाबदेही है. जिले में आए दिन इस तरह का नाजारा देखने को मिल रहा है.
नियमों की अनदेखी और लापरवाही का एक ऐसा ही मामला सरायकेला के कांड्रा में नजर आया, जहां मौका था एक जल मीनार के उद्घाटन का. जल मीनार का उद्घाटन करने पहुंचे मुखिया शंकर सिंह ने न तो स्वयं मास्क पहन रखा था और न ही उपस्थित लोगों से मास्क पहनने की अपील की.
यहां उपस्थित लोगों ने शारीरिक दूरी के नियमों की धज्जियां उड़ाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. मौके पर उपस्थित लोगों में से सिर्फ उप मुखिया अनिल सिंह ने ही मास्क पहन रखा था. ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से विभिन्न माध्यमों से लोगों से लगातार मास्क पहनने और शारीरिक दूरी के नियमों का अनुपालन करने की अपील की जा रही है.
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कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देश में लॉकडाउन और कई कड़े नियमों को लागू किया गया है. गृह मंत्रालय और राज्य सरकार की ओर से इसे लेकर गाइडलाइन भी जारी की गई है, जिसे पालन करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें लोगों को मास्क लगाने, सेनेटाइजर का प्रयोग करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा गया है.
ऐसा न करने पर जुर्माना और कानून संगत सजा का भी प्रवधान है, लेकिन जिम्मेदार लोग ही इन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. इसे लेकर लोगों का कहना है कि पंचायती राज व्यवस्था के तहत चुने गए जनप्रतिनिधियों से उन्हें काफी उम्मीदें हैं, लेकिन इनकी ओर से कोविड-19 वायरस को हल्के में लेना न सिर्फ जोखिम भरा साबित हो सकता है, बल्कि इससे आम जनता में प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के प्रति नकारात्मक संदेश जाता है, जिससे बचने की आवश्यकता है.