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सरायकेलाः सड़कों पर थूकना कोरोना के संक्रमण को देता है निमंत्रण, थूकने पर सजा के साथ जेब भी हो सकती है ढीली

कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच पान, तंबाकू और गुटखा के सेवन भी संक्रमण के मुख्य कारणों में शामिल हो चुके हैं. देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में कोरोना फैलने से रोकने के लिए तंबाकू खाने और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की मनाही है. बावजूद इसके सरायकेला जिले में तंबाकू उत्पादों की बिक्री रूकने का नाम नहीं ले रही है.

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थूकने पर सजा के साथ जेब भी हो सकती है ढीली
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Published : Aug 6, 2020, 6:08 PM IST

Updated : Aug 6, 2020, 7:52 PM IST

सरायकेलाः जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में ही सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की मनाही है. सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की बात तो करती है, लेकिन अब तक एक भी ऐसे मामले सामने नहीं आए हैं, जहां सार्वजनिक स्थान पर थूकने वाले किसी व्यक्ति को दंडित किया गया हो. झारखंड सरकार ने 2021 तक राज्य में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस प्रावधान के तहत पकड़े जाने पर 1000 रुपया जुर्माना या 6 महीने की जेल की सजा हो सकती है. वहीं सरकार के फैसले के बाद जिला प्रशासन तंबाकू बेचने और इसके सेवन करने वालों के विरुद्ध अभियान चलाने का दावा तो करती है लेकिन अब तक जिला प्रशासन ने इस ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया है.

देखें पूरी खबर

थूकने पर फैलेगा संक्रमण

इंडियन काउंसिल ऑफ रिसर्च ने संक्रमण के इस दौर में लोगों से तंबाकू उत्पादों का सेवन ना करने और सार्वजनिक जगहों पर ना थूकने की अपील की है. आईसीएमआर के गाइडलाइन के मुताबिक अगर कोरोना संक्रमित शख्स तंबाकू खाकर थूकता है तो इससे संक्रमण कई लोगों तक फैल सकता है.

आईसीएमआर के एक बयान में कहा गया है कि कोरोना इस महामारी के बढ़ते संक्रमण की वजह से आम लोगों से अपील की जाती है कि तंबाकू उत्पादों का सेवन ना करें और सार्वजनिक जगहों पर थूकने से बचें. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने यह भी बताया है कि धुआं रहित तंबाकू उत्पाद जैसे गुटखा, पान मसाला, पान सुपारी, आदि चबाने से अधिक से अधिक लार बनती है, इस वजह से थूकने की जरूरत महसूस होती है और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं.

थूकने से कई गंभीर बीमारियों का भी खतरा

तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है. वहीं थूकना सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खतरा है और संचारी रोग जैसे फैलने के एक मुख्य कारण में भी शामिल है. तंबाकू सेवन करने वालों की प्रवृत्ति यत्र-तत्र थूकने की होती है, थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी जैसे कोरोना, इंसेफलाइटिस, टीबी, स्वाइन फ्लू जैसी गंभीर और संक्रामक बीमारी का खतरा भी लगातार बना रहता है.

इसे भी पढ़ें- गिरिडीह: सरकारी जमीन पर कब्जा को लेकर सरकार सख्त, बढ़ने लगी है मधुबन की 8 जैन संस्थाओं की मुसीबत

क्या कहती है रिपोर्ट ?

हाल ही में डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार की ओर से प्रकाशित Gats 2 के सर्वे में झारखंड में तंबाकू के सेवन करने वालों की संख्या में कमी आई है. यह आंकड़ा विगत 7 से 8 साल में 50.1% से घटकर 38.9 प्रतिशत हो गया है. इसमें गुटखा खाने वाले का प्रतिशत 34.5 है. वहीं बताया जाता है कि सरकार के आदेश के बाद आगे तंबाकू के सेवन के प्रतिशत में और कमी आ रही है.

सरायकेलाः जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में ही सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की मनाही है. सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की बात तो करती है, लेकिन अब तक एक भी ऐसे मामले सामने नहीं आए हैं, जहां सार्वजनिक स्थान पर थूकने वाले किसी व्यक्ति को दंडित किया गया हो. झारखंड सरकार ने 2021 तक राज्य में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस प्रावधान के तहत पकड़े जाने पर 1000 रुपया जुर्माना या 6 महीने की जेल की सजा हो सकती है. वहीं सरकार के फैसले के बाद जिला प्रशासन तंबाकू बेचने और इसके सेवन करने वालों के विरुद्ध अभियान चलाने का दावा तो करती है लेकिन अब तक जिला प्रशासन ने इस ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया है.

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थूकने पर फैलेगा संक्रमण

इंडियन काउंसिल ऑफ रिसर्च ने संक्रमण के इस दौर में लोगों से तंबाकू उत्पादों का सेवन ना करने और सार्वजनिक जगहों पर ना थूकने की अपील की है. आईसीएमआर के गाइडलाइन के मुताबिक अगर कोरोना संक्रमित शख्स तंबाकू खाकर थूकता है तो इससे संक्रमण कई लोगों तक फैल सकता है.

आईसीएमआर के एक बयान में कहा गया है कि कोरोना इस महामारी के बढ़ते संक्रमण की वजह से आम लोगों से अपील की जाती है कि तंबाकू उत्पादों का सेवन ना करें और सार्वजनिक जगहों पर थूकने से बचें. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने यह भी बताया है कि धुआं रहित तंबाकू उत्पाद जैसे गुटखा, पान मसाला, पान सुपारी, आदि चबाने से अधिक से अधिक लार बनती है, इस वजह से थूकने की जरूरत महसूस होती है और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं.

थूकने से कई गंभीर बीमारियों का भी खतरा

तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है. वहीं थूकना सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खतरा है और संचारी रोग जैसे फैलने के एक मुख्य कारण में भी शामिल है. तंबाकू सेवन करने वालों की प्रवृत्ति यत्र-तत्र थूकने की होती है, थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी जैसे कोरोना, इंसेफलाइटिस, टीबी, स्वाइन फ्लू जैसी गंभीर और संक्रामक बीमारी का खतरा भी लगातार बना रहता है.

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क्या कहती है रिपोर्ट ?

हाल ही में डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार की ओर से प्रकाशित Gats 2 के सर्वे में झारखंड में तंबाकू के सेवन करने वालों की संख्या में कमी आई है. यह आंकड़ा विगत 7 से 8 साल में 50.1% से घटकर 38.9 प्रतिशत हो गया है. इसमें गुटखा खाने वाले का प्रतिशत 34.5 है. वहीं बताया जाता है कि सरकार के आदेश के बाद आगे तंबाकू के सेवन के प्रतिशत में और कमी आ रही है.

Last Updated : Aug 6, 2020, 7:52 PM IST
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