ETV Bharat / state

कोरोना प्रभाव: दलमा पहाड़ में सांकेतिक होगा सेंदरा पर्व, शिकार के पहले की गई पूजा-अर्चना - Dalma mountain in seraikela

सरायकेला के जामडीह में आज दलमा पहाड़ पर सेंदरा के लिए ग्रामीण अहले सुबह निकले. सभी देर शाम तक लौटेंगे. दरअसल, परंपरा निभाने के लिए यह सेंदरा सांकेतिक तौर पर किया जाएगा. हालांकि, इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का भी पालन किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक रविवार को ही सेंदरा को लेकर पूजा अर्चना की गई थी.

Sendra festival will be symbolic in Dalma mountain in seraikela
सेंदरा पर्व
author img

By

Published : May 24, 2021, 12:23 PM IST

सरायकेलाः जिले के दलमा पहाड़ी के बिरिगोड़ा स्थित जामडीह में रविवार को दलमा पहाड़ पर होने वाले सेंदरा को लेकर दलमा वन देवी की पूजा अर्चना की गई. इस दौरान दलमा बुरु सेंदरा दिशुआ समिति के नेतृत्व में आदिवासी समुदाय ने जामडीह में शिकार करने के पहले पुजारी ने दलमा वन देवी की पूजा अर्चना की. साथ ही बकरी और मुर्गी की बलि दी गई.

ये भी पढ़ें-लुप्त होने की कगार पर है आदिवासी संस्कृति से जुड़ा जादोपेटिया चित्रकला, कलाकारों पर दो वक्त की रोटी की आफत

इस मौके पर ढोल-नगाड़ा के साथ लोगों ने खुशी मनायी और शस्त्रों की भी पूजा अर्चना की. वहीं, सोमवार को अहले सुबह लोग शिकार करने के लिए लोगों ने दलमा में प्रवेश किया. सभी देर शाम तक लौटेंगे. दलमा बुरु सेंदरा दिशुआ समिति के अध्यक्ष फकीर चंद्र सोरेन ने बताया कि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए दलमा पहाड़ में सांकेतिक तौर पर परंपरागत शिकार किया जाएगा.

इस साल कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर सरकार के लगाए गए लॉकडाउन का अनुपालन करते हुए दलमा में सांकेतिक तौर पर शिकार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि समिति के तीन-चार सदस्य पारंपरिक तरीके से दलमा के जंगल में जाएंगे और तुरंत लौट आएंगे.

केवल परंपरा का होगा निर्वहन

परंपरा को बचाए रखने के उद्देश्य से केवल औपचारिकता पूरी की जाएगी. फकीर सोरेन ने सभी आदिवासी संगठनों से अपील किया है कि शिकार में भाग नहीं लेंगे और अपने घरों में रहेंगे.

सरायकेलाः जिले के दलमा पहाड़ी के बिरिगोड़ा स्थित जामडीह में रविवार को दलमा पहाड़ पर होने वाले सेंदरा को लेकर दलमा वन देवी की पूजा अर्चना की गई. इस दौरान दलमा बुरु सेंदरा दिशुआ समिति के नेतृत्व में आदिवासी समुदाय ने जामडीह में शिकार करने के पहले पुजारी ने दलमा वन देवी की पूजा अर्चना की. साथ ही बकरी और मुर्गी की बलि दी गई.

ये भी पढ़ें-लुप्त होने की कगार पर है आदिवासी संस्कृति से जुड़ा जादोपेटिया चित्रकला, कलाकारों पर दो वक्त की रोटी की आफत

इस मौके पर ढोल-नगाड़ा के साथ लोगों ने खुशी मनायी और शस्त्रों की भी पूजा अर्चना की. वहीं, सोमवार को अहले सुबह लोग शिकार करने के लिए लोगों ने दलमा में प्रवेश किया. सभी देर शाम तक लौटेंगे. दलमा बुरु सेंदरा दिशुआ समिति के अध्यक्ष फकीर चंद्र सोरेन ने बताया कि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए दलमा पहाड़ में सांकेतिक तौर पर परंपरागत शिकार किया जाएगा.

इस साल कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर सरकार के लगाए गए लॉकडाउन का अनुपालन करते हुए दलमा में सांकेतिक तौर पर शिकार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि समिति के तीन-चार सदस्य पारंपरिक तरीके से दलमा के जंगल में जाएंगे और तुरंत लौट आएंगे.

केवल परंपरा का होगा निर्वहन

परंपरा को बचाए रखने के उद्देश्य से केवल औपचारिकता पूरी की जाएगी. फकीर सोरेन ने सभी आदिवासी संगठनों से अपील किया है कि शिकार में भाग नहीं लेंगे और अपने घरों में रहेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.