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कोल्हान से ड्रग्स के खात्मे के लिए तीनों जिला प्रशासन ने कसी कमर, बनाई रणनीति

सरायकेला में ड्रग्स के विरुद्ध एसओपी की ड्राफ्टिंग के लिए एक सेमिनार (Seminar in Adityapur Seraikela) का आयोजन किया गया. जिसमें कोल्हान के कमिश्नर, तीनों जिलों के डीसी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.

Seminar in Adityapur Seraikela
Seminar in Adityapur Seraikela
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Published : Sep 8, 2022, 10:25 AM IST

Updated : Sep 8, 2022, 11:52 AM IST

सरायकेला: जिला के आदित्यपुर के ऑटो क्लस्टर सभागार में ड्रग्स के विरुद्ध एसओपी की ड्राफ्टिंग के लिए एक दिवसीय सेमिनार (Seminar in Adityapur Seraikela) का आयोजन हुआ. जिसमें कोल्हान के तीनों जिले के पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी, ड्रग्स एसोसिएशन और स्वयंसेवी संगठनों के लोग शामिल हुए. इस दौरान कोल्हान कमिश्नर मनोज कुमार ने सेमिनार को संबोधित किया.

इसे भी पढ़ें: अफीम-ब्राउन शुगर हुआ पुराना, झारखंड में इंजेक्शन की डिमांड बढ़ी

कमिश्नर ने क्या कहा: सेमिनार को संबोधित करते हुए कमिश्नर मनोज कुमार ने कहा कि 'आज जो बातें सेमिनार के माध्यम से छनकर आई हैं, उसे लेकर एक एसओपी बनाने में मदद ली जाएगी. मैं खुद इससे आहत हूं, आने वाला भारत का भविष्य कैसा होगा? हमें ड्रग पैडलर के विरुद्ध कठोर प्रावधान करने की जरूरत है. क्योंकि इस समाज में हमारे भी बच्चे रहते हैं. इसलिए आज इस सेमिनार के आयोजन की जरूरत पड़ी है.'

जानकारी देते कोल्हान कनिश्नर और डीआईजी
अन्य अधिकारियों ने कहा: चाईबासा डीसी अनन्य मित्तल ने कहा कि ड्रग्स के आदि नशा छोड़ने में नाकामयाब हो रहे हैं. एजुकेशन डिपार्टमेंट का भी इसमें अहम रोल है. आज स्कूल से मोरल साइंस गायब हो चुका है. बहुत हद तक हम बच्चों और अभिभावकों को जागरूक कर ही इस पर नियंत्रण कर सकते हैं. क्लास 8 से कॉलेज स्तर तक नियंत्रण करें. कोल्हान डीआईजी अजय लिंडा ने कहा कि इस सेमिनार का उद्देश्य पूरे प्रमंडल को एंटी ड्रग्स के लिए एसओपी (SOP against drugs in Kolhan) बनाना है. इसलिए सभी पदाधिकारियों के विचार रिकॉर्ड कर रहे हैं. अवेयरनेस करें तो कहां करें? यह सुनिश्चित करना होगा.सरायकेला डीसी ने की कार्यक्रम की शुरुआत: कार्यक्रम का शुभारंभ सरायकेला डीसी ने स्वागत भाषण से किया. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले कमिश्नर साहब ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कई समस्याओं पर चर्चा की थी, जिसमें मुख्य समस्या ब्राउन शुगर के बढ़ते प्रभाव पर एसओपी बनाने का निर्णय लिया गया. इसी के तहत सेमिनार आयोजित की गई है. पहले पंजाब में यह समस्या थी. सप्लाई पर रोक बहुत जरूरी है. डिमांड पर भी नियंत्रण जरूरी है. सेमिनार में एसओपी के साथ एक सब कमेटी भी बनेगी. जरूरत पड़ी तो राज्य स्तर पर भी पहल करेंगे. स्कूल, कॉलेज को टारगेट करेंगे. ट्रीटमेंट एंड रिहैबिलिटेशन पर कार्य करना है. उन्होंने कहा कि गम्हरिया सीएचसी को रिहैबिलिटेशन का केंद्र बनाने का प्रस्ताव है. रीइंटरीगेशन पर भी ध्यान देने का प्रस्ताव एसओपी में रखा गया है. सेमिनार में कमिश्नर के अलावा सरायकेला डीसी अरवा राजकमल, चाईबासा डीसी अनन्य मित्तल, सरायकेला एसपी आनंद प्रकाश, चाईबासा एसपी आशुतोष शेखर, पूर्वी सिंहभूम एसएसपी प्रभात कुमार के अलावा जिलेभर के पदाधिकारीयों ने हिस्सा लिया.

सरायकेला: जिला के आदित्यपुर के ऑटो क्लस्टर सभागार में ड्रग्स के विरुद्ध एसओपी की ड्राफ्टिंग के लिए एक दिवसीय सेमिनार (Seminar in Adityapur Seraikela) का आयोजन हुआ. जिसमें कोल्हान के तीनों जिले के पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी, ड्रग्स एसोसिएशन और स्वयंसेवी संगठनों के लोग शामिल हुए. इस दौरान कोल्हान कमिश्नर मनोज कुमार ने सेमिनार को संबोधित किया.

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कमिश्नर ने क्या कहा: सेमिनार को संबोधित करते हुए कमिश्नर मनोज कुमार ने कहा कि 'आज जो बातें सेमिनार के माध्यम से छनकर आई हैं, उसे लेकर एक एसओपी बनाने में मदद ली जाएगी. मैं खुद इससे आहत हूं, आने वाला भारत का भविष्य कैसा होगा? हमें ड्रग पैडलर के विरुद्ध कठोर प्रावधान करने की जरूरत है. क्योंकि इस समाज में हमारे भी बच्चे रहते हैं. इसलिए आज इस सेमिनार के आयोजन की जरूरत पड़ी है.'

जानकारी देते कोल्हान कनिश्नर और डीआईजी
अन्य अधिकारियों ने कहा: चाईबासा डीसी अनन्य मित्तल ने कहा कि ड्रग्स के आदि नशा छोड़ने में नाकामयाब हो रहे हैं. एजुकेशन डिपार्टमेंट का भी इसमें अहम रोल है. आज स्कूल से मोरल साइंस गायब हो चुका है. बहुत हद तक हम बच्चों और अभिभावकों को जागरूक कर ही इस पर नियंत्रण कर सकते हैं. क्लास 8 से कॉलेज स्तर तक नियंत्रण करें. कोल्हान डीआईजी अजय लिंडा ने कहा कि इस सेमिनार का उद्देश्य पूरे प्रमंडल को एंटी ड्रग्स के लिए एसओपी (SOP against drugs in Kolhan) बनाना है. इसलिए सभी पदाधिकारियों के विचार रिकॉर्ड कर रहे हैं. अवेयरनेस करें तो कहां करें? यह सुनिश्चित करना होगा.सरायकेला डीसी ने की कार्यक्रम की शुरुआत: कार्यक्रम का शुभारंभ सरायकेला डीसी ने स्वागत भाषण से किया. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले कमिश्नर साहब ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कई समस्याओं पर चर्चा की थी, जिसमें मुख्य समस्या ब्राउन शुगर के बढ़ते प्रभाव पर एसओपी बनाने का निर्णय लिया गया. इसी के तहत सेमिनार आयोजित की गई है. पहले पंजाब में यह समस्या थी. सप्लाई पर रोक बहुत जरूरी है. डिमांड पर भी नियंत्रण जरूरी है. सेमिनार में एसओपी के साथ एक सब कमेटी भी बनेगी. जरूरत पड़ी तो राज्य स्तर पर भी पहल करेंगे. स्कूल, कॉलेज को टारगेट करेंगे. ट्रीटमेंट एंड रिहैबिलिटेशन पर कार्य करना है. उन्होंने कहा कि गम्हरिया सीएचसी को रिहैबिलिटेशन का केंद्र बनाने का प्रस्ताव है. रीइंटरीगेशन पर भी ध्यान देने का प्रस्ताव एसओपी में रखा गया है. सेमिनार में कमिश्नर के अलावा सरायकेला डीसी अरवा राजकमल, चाईबासा डीसी अनन्य मित्तल, सरायकेला एसपी आनंद प्रकाश, चाईबासा एसपी आशुतोष शेखर, पूर्वी सिंहभूम एसएसपी प्रभात कुमार के अलावा जिलेभर के पदाधिकारीयों ने हिस्सा लिया.
Last Updated : Sep 8, 2022, 11:52 AM IST
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