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सरायकेला: दलमा इको सेंसेटिव जोन में नियमों की अनदेखी, वन क्षेत्र पदाधिकारियों से मांगा जवाब - वन क्षेत्र पदाधिकारी सरायकेला

सरायकेला में दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण इको सेंसेटिव जोन के रूप में घोषित किया जा चुका है, बावजूद इसके यहां लगातार नियमों में जबरदस्त तरीके से फेरबदल किया जा रहा है. वन भूमि पर अतिक्रमण कर पर्यावरण से भी छेड़छाड़ किए जाने के कई मामले पहले भी आ चुके हैं.

Rules ignored in Dalma Eco Sensitive Zone in seraikela
सरायकेला: दलमा इको सेंसेटिव जोन में नियमों की अनदेखी, वन क्षेत्र पदाधिकारियों से मांगा गया जवाब
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Published : Apr 28, 2021, 9:50 AM IST

सरायकेला: जिला प्रशासन की ओर से इको सेंसेटिव दलमा जोन में सख्त नियम अनुपालन को लेकर वन क्षेत्र पदाधिकारियों को पत्र लिखकर जवाब मांगा गया है. दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण को इको सेंसेटिव जोन के रूप में घोषित किए जाने के बाद भी नियमों से छेड़छाड़ की जा रही है. ऐसे में कई वन्य जीवों पर असर पड़ सकता है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- रांची रेल मंडल अस्पताल में 36 कोविड बेड तैयार, 15 चिकित्सकों की बहाली प्रक्रिया शुरू

बताते चलें कि दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण क्षेत्र में किए गए विकास कार्य, जैव विविधता संरक्षण, वनपथ मजबूतीकरण, अभ्यारण सौंदर्यीकरण से संबंधित रिपोर्ट भी तलब की गई है. इको सेंसेटिव जोन का विस्तार किसी भी संरक्षित क्षेत्र के आसपास लगभग 10 किलोमीटर के दायरे में किया जा सकता है लेकिन महत्वपूर्ण खंडों और प्राकृतिक संयोजन के लिए 10 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को इको सेंसेटिव जोन में शामिल किया जाता है.

वन्य जीवों पर मंडराता खतरा

दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण समेत वन क्षेत्र में इको सेंसेटिव जोन से जुड़े नियमों से छेड़छाड़ किए जाने पर वन्यजीव पर प्रतिकूल असर पड़ता है. अभ्यारण के जंगली हाथी समेत कई वन्य जीव भोजन की तलाश में वन क्षेत्र में आसानी से विचरण करते हैं. सबसे ज्यादा खतरा और नुकसान उन्हें ही उठाना पड़ता है. प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में हुई निगरानी समिति की बैठक में कई बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है.

सरायकेला: जिला प्रशासन की ओर से इको सेंसेटिव दलमा जोन में सख्त नियम अनुपालन को लेकर वन क्षेत्र पदाधिकारियों को पत्र लिखकर जवाब मांगा गया है. दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण को इको सेंसेटिव जोन के रूप में घोषित किए जाने के बाद भी नियमों से छेड़छाड़ की जा रही है. ऐसे में कई वन्य जीवों पर असर पड़ सकता है.

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वन्य जीवों पर मंडराता खतरा

दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण समेत वन क्षेत्र में इको सेंसेटिव जोन से जुड़े नियमों से छेड़छाड़ किए जाने पर वन्यजीव पर प्रतिकूल असर पड़ता है. अभ्यारण के जंगली हाथी समेत कई वन्य जीव भोजन की तलाश में वन क्षेत्र में आसानी से विचरण करते हैं. सबसे ज्यादा खतरा और नुकसान उन्हें ही उठाना पड़ता है. प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में हुई निगरानी समिति की बैठक में कई बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है.

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