सरायकेला: देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर केंद्र और राज्य सरकार कई कदम उठा रही है. सरकार के निर्देश के बाद 21 दिन के लॉकडाउन में गरीबों और जरूरतमंद लोगों को राशन उपलब्ध कराए जाने संबंधित कई आदेश जारी किए गए हैं. इसके तहत अब राशन कार्ड धारकों को एक साथ 3 महीने तक का राशन दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन सरायकेला जिले के कई राशन डीलर अब भी अपने अड़ियल रवैया पर अड़े हुए हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी जिला आपूर्ति पदाधिकारियों को लाभुकों के बीच सही तरीके से राशन आपूर्ति किए जाने का आदेश जारी किया था. कुछ राशन डीलर सरकार के इन आदेशों को धता बताकर अपनी मनमानी पर अड़े हैं. कमोबेश सरायकेला जिले में भी कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिली, जहां कुछ राशन डीलर इस विकट परिस्थिति में भी मनमाने तरीके से राशन का वितरण कर रहे हैं, जबकि लाभुक राशन लेने राशन दुकान का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन राशन डीलर मनमाने तरीके से अपने सहूलियत को देखते हुए दुकान खोलते और बंद करते हैं.
बिना राशन कार्ड वाले लोगों को भी राशन देने का आदेश
2 दिन पहले ही जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस से बचाव को लेकर मुखिया और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित कर संक्रमण को गंभीरता से लेने और ग्रामीण क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने का आदेश दिया था. इसके अलावा जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें भी खाद्यान्न दिया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर होगी. सरकार के इस आदेश के तहत स्थानीय मुखिया, वार्ड पार्षद या अन्य जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे लोगों को चिन्हित कर राशन दिलाने का काम करेंगे, लेकिन इन सभी आदेशों की खूब धज्जियां उड़ रही है.
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इधर, राशन कार्ड धारक और लाभुक राशन डीलर से जब भी संपर्क स्थापित कर रहे हैं तो राशन डीलर दुकान बंद कर फरार रह रहे हैं. लाभुक चाह कर भी राशन डीलर से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में राशन डीलरों की मनमानी का खामियाजा सिर्फ राशन कार्ड धारक और लाभुकों को ही उठाना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी इलाकों में राशन कार्ड धारकों को भी समय से राशन अब भी नहीं मिल रहा.