सरायकेला: खरसावां स्थित शहीद स्थल पर आदि संस्कृति और विज्ञान संस्थान की ओर से पारंपरिक तरीके से शहीद वेदी का शुद्धिकरण किया गया. आदिवासी परंपरा के अनुसार महिला और पुरुषों ने सोन नदी के बिदरी घाट से लाए गए 45 कलश पानी से शहीद वेदी को धोकर साफ सफाई भी किया.
प्रतिवर्ष शहीद दिवस से पूर्व आदिवासी समुदाय की ओर से शहीद स्थल का शुद्धिकरण किया जाता है, जिसे आदिवासियों की हो भाषा में दिरी दुल सुनम कहा जाता है. शुद्धिकरण कार्यक्रम के उपरांत आदिवासी परंपरा के अनुसार पूजा अर्चना भी की जाती है, जिसके बाद केरसे मुंडा स्मारक स्थल में भी पारंपरिक तरीके से शुद्धिकरण किया जाता है. जानकारी के अनुसार आगामी 1 जनवरी को शहीद दिवस के उपलक्ष्य पर शहीद वेदी और केरसे मुंडा स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.
ये भी पढ़ें-लापरवाहीः मोतियाबिंद वाली आंख को छोड़कर दूसरी आंख का किया ऑपरेशन, मरीज परेशान
आदि संस्कृति और विज्ञान संस्थान की ओर से शहीद दिवस के उपलक्ष्य पर 1 जनवरी को दोपहर 11:30 बजे शहीद स्थल पर पारंपरिक पूजा अर्चना की जाएगी और शहीदों को वेदी पर तेल डालकर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी.