सरायकेला: झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के बैनर तले विद्युत कर्मियों ने कोरोना के इस संकटकाल में महिला विद्युत कर्मियों के तबादले पर कड़ा रुख अख्तियार किया. अपने विभिन्न मांगों को लेकर यूनियन ने 8 अगस्त को विरोध प्रदर्शन का फैसला लिया था, लेकिन कोरोना को देखते हुए इसे रद्द कर दिया गया. अधिकारी भी अब कर्मचारियों के मांगों पर विचार कर रहे हैं.
विद्युत अधीक्षण अभियंता जमशेदपुर अंचल ने कोरोना काल में महिला कर्मचारी समेत पत्राचार लिपिक का तबादला किया था, जिससे बिजली कामगार यूनियन के अन्य कर्मचारियों ने पुरजोर विरोध किया. यूनियन ने पहले से ही 7 सूत्री मांगों को लेकर लगातार बिजली विभाग पर दबाव बनाया रहा है.
यूनियन की ओर से संक्रमण के दौरान फील्ड में कार्यरत विद्युत कर्मचारियों के जीवन बीमा समेत सुरक्षित उपकरण प्रदान किए जाने की मांग लगातार की जा रही है, लेकिन फिलहाल विभाग इस ओर अब तक कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इस बीच ट्रांसफर पोस्टिंग किए जाने पर भी यूनियन ने अपना कड़ा रुख अख्तियार किया. इधर यूनियन के विरोधात्मक रवैया के बाद अधीक्षण अभियंता ने तत्काल महिला और पुरुष कर्मचारी के तबादले पर रोक लगा दी है.
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यूनियन ने दिया था अल्टीमेटम
कर्मचारियों के तबादले के विरोध में झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के कार्यकारी महामंत्री के एन सिंह के नेतृत्व में कर्मचारी 11 अगस्त से टूल डाउन एंड पेन डाउन के तहत काम रोको अभियान की शुरुआत करने वाले थे, लेकिन अधिकारियों के स्थानांतरण प्रक्रिया रद्द किए जाने के बाद फिलहाल यूनियन ने अभियान को रद्द कर दिया है.