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बिजली व्यवस्था के निजीकरण का विरोध, हड़ताल पर गए बिजली कामगार यूनियन - electricity privatisation in jharkhand

झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन द्वारा निजीकरण के विरोध में 20 जुलाई से आंदोलन की शुरुआत की गई है. जिसके तहत यूनियन द्वारा आगामी दिनों में असहयोग आंदोलन और सांकेतिक हड़ताल की भी घोषणा की गई है.

हड़ताल पर गए बिजली कामगार यूनियन
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Published : Jul 21, 2019, 8:27 AM IST

सरायकेला : झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन ने राज्य में बिजली व्यवस्था के निजीकरण का विरोध शुरू कर दिया है. 20 जुलाई से काला बिल्ला लगाकर यूनियन ने आंदोलन की शुरुआत की है. इस क्रम में यूनियन ने आगामी 1 से 7 अगस्त तक असहयोग आंदोलन और इस दौरान भी मांगे पूरी नहीं होने पर 8 से 10 अगस्त तक राज्य भर में 72 घंटे के सांकेतिक हड़ताल पर जाने को लेकर सरकार को आगाह किया है.

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उनके हड़ताल से राज्य भर में बिजली वितरण व्यवस्था के ठप होने की आशंका है.मांगों के समर्थन में आंदोलन की शुरुआत सरायकेला जिले से यूनियन द्वारा की गई है. इस संबंध में विरोध प्रदर्शन करते हुए झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के संयुक्त महामंत्री काशीनाथ सिंह ने कहा कि निजी करण समेत क्लर्क श्रेणी में प्रमोशन के बाद कामगारों का डिमोशन और फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों के तीसरे श्रेणी में बहाल किए जाने के झूठे आश्वासन के विरोध में यूनियन अब आर-पार की लड़ाई लड़ेगी.

सरायकेला : झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन ने राज्य में बिजली व्यवस्था के निजीकरण का विरोध शुरू कर दिया है. 20 जुलाई से काला बिल्ला लगाकर यूनियन ने आंदोलन की शुरुआत की है. इस क्रम में यूनियन ने आगामी 1 से 7 अगस्त तक असहयोग आंदोलन और इस दौरान भी मांगे पूरी नहीं होने पर 8 से 10 अगस्त तक राज्य भर में 72 घंटे के सांकेतिक हड़ताल पर जाने को लेकर सरकार को आगाह किया है.

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उनके हड़ताल से राज्य भर में बिजली वितरण व्यवस्था के ठप होने की आशंका है.मांगों के समर्थन में आंदोलन की शुरुआत सरायकेला जिले से यूनियन द्वारा की गई है. इस संबंध में विरोध प्रदर्शन करते हुए झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के संयुक्त महामंत्री काशीनाथ सिंह ने कहा कि निजी करण समेत क्लर्क श्रेणी में प्रमोशन के बाद कामगारों का डिमोशन और फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों के तीसरे श्रेणी में बहाल किए जाने के झूठे आश्वासन के विरोध में यूनियन अब आर-पार की लड़ाई लड़ेगी.

Intro:झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन द्वारा निजीकरण के विरोध में 20 जुलाई से आंदोलन की शुरुआत की गई है। जिसके तहत आगामी दिनों में असहयोग आंदोलन और सांकेतिक हड़ताल की भी घोषणा की गई है।


Body:झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन राज्य में बिजली व्यवस्था का निजीकरण किए जाने का लगातार विरोध कर रही है ।इसी क्रम में बीते 23 जून को निजीकरण के विरोध में आहूत किए गए महासम्मेलन के बाद अब 20 जुलाई से बिजली कामगार यूनियन द्वारा काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया गया है।

इसके अलावा आगामी 1 से 7 अगस्त तक निजीकरण के विरोध में बिजली कामगार असहयोग आंदोलन की शुरुआत करेंगे, जबकि इस दौरान मांगे पूरी नहीं होने पर 8 से 10 अगस्त तक राज्य भर में 72 घंटे का सांकेतिक हड़ताल किया जाएगा जिससे बिजली वितरण व्यवस्था ठप होने के आसार हैं।




Conclusion:मांगों के समर्थन में आंदोलन की शुरुआत सरायकेला जिले से यूनियन द्वारा की गई है । इस संबंध में विरोध प्रदर्शन करते हुए झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के संयुक्त महामंत्री काशीनाथ सिंह ने कहा कि निजी करण समेत क्लर्क श्रेणी में प्रमोशन के बाद कामगारों का डिमोशन और फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों के तीसरे श्रेणी में बहाल किए जाने के झूठे आश्वासन के विरोध में यूनियन अब आर-पार की लड़ाई लड़ेगी।

बाइट- के एन सिंह, संयुक्त महामंत्री , कामगार यूनियन ।
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