सरायकेला-खरसावां : राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक कर सभी जिले के वरीय अधिकारियों को हर हाल में अपराध को रोकने का निर्देश दिया था. साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया था कि आम जनता के साथ तालमेल बैठाकर कार्य करें और सहयोग करें, लेकिन सरायकेला जिले की आदित्यपुर पुलिस मुख्यमंत्री के इन बातों से सरोकार नहीं रखती. ऐसा हम नहीं, बल्कि शुक्रवार दोपहर आदित्यपुर थाना परिसर में पहुंचे फरियादों की जुबां से सुनी गई.
युवक की संदेहास्पद मौत मामले में जांच की मांग को लेकर पहुंचे थे फरियादीः दरअसल, शुक्रवार को आदित्यपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नगर निगम वार्ड-1 स्थित तेतुलडंगा से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग सुमन मंडल नामक युवक की संदिग्ध मौत मामले की जांच को लेकर आदित्यपुर थाना परिसर पहुंचे थे. स्थानीय लोगों ने बताया कि सुमन मंडल कुछ दिनों पूर्व मुरी कंपनी के काम से सोलर पैनल लगाने गया था. जहां अचानक उसकी मौत हो गई थी. परिजन और स्थानीय लोग मौत को संदिग्ध मान रहे हैं. इसी मामले को लेकर परिजन आदित्यपुर थाना पहुंचे थे.
थाना प्रभारी ने फरियादियों को थाना परिसर से भगायाः जहां दोपहर तकरीबन एक बजे चिलचिलाती धूप में पेड़ के नीचे एकत्र हुए सैकड़ों लोगों को आदित्यपुर थाना प्रभारी राजन कुमार द्वारा जबरन यह कहते हुए थाना परिसर से भगा दिया गया कि बेवजह थाना में भीड़ ना लगाएं. मौके पर मौजूद अन्य पुलिस पदाधिकारियों से पूछे जाने पर बताया गया कि सरायकेला एसडीपीओ हरविंदर सिंह के आदेश पर थाना परिसर में जमावड़ा लगा खड़े लोगों को हटाने का आदेश दिया गया है. थाना प्रभारी ने वार्ड 1 से पहुंचे लोगों को यह कहते हुए थाना से हटाया कि वे बाद में थाना आएं.
एसडीपीओ करने पहुंचे थे थाना का निरीक्षणः दरअसल, सरायकेला एसडीपीओ हरविंदर सिंह शुक्रवार सुबह 11:30 बजे आदित्यपुर थाना का निरीक्षण करने पहुंचे थे. जहां उन्होंने थाना परिसर का घूम -घूम कर जायजा लिया. इस दौरान काफी देर तक पेड़ की छांव में खड़े लोगों को वहां पाए जाने पर एसडीपीओ ने थाना प्रभारी के माध्यम से हटाने का आदेश दिया था.