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सरायकेला के मुखिया को मिला कृषि कर्मण पुरस्कार, धान की अच्छी पैदावार के लिए PM ने किया सम्मानित

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Published : Jan 6, 2020, 10:09 AM IST

सरायकेला के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत बुरुडीह पंचायत के मुखिया सोखेन हेंब्रम को झारखंड का उत्कृष्ट कृषक होने का गौरव प्राप्त हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कर्मण अवार्ड से सोखेन हेंब्रम को सम्मानित किया है. इन दिनों करीब 6 एकड़ जमीन पर सोखेन सब्जी की खेती कर रहे हैं.

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मुखिया को मिला कृषि कर्मण पुरस्कार

सरायकेला: कहते हैं कि हौसला बुलंद हो तो राह में आने वाले सभी अड़चनों को आसानी से पार किया जा सकता है, इसी कहावत को असल जिंदगी में भी सच कर दिखाया है सरायकेला जिले के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत बुरुडीह पंचायत के मुखिया सोखेन हेंब्रम ने. बेहतर खेती करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कर्मण अवार्ड से सोखेन हेंब्रम को सम्मानित किया है.

देखें पूरी खबर

बुरुडीह पंचायत के मुखिया सोखेन हेंब्रम को धान के बेहतरीन पैदावार करने के लिए झारखंड का उत्कृष्ट कृषक होने का गौरव प्राप्त हुआ है. सोखेन हेंब्रम के इसी उपलब्धि को लेकर 3 जनवरी को बेंगलुरू में आयोजित हुए सम्मान समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया है. इसके अलावा झारखंड के गुमला जिले की एक अन्य महिला कृषक क्रांति देवी को भी इस सम्मान से सम्मानित किया गया है. दोनों ने देश में झारखंड के नाम को रोशन किया है. दोनों किसानों को प्रशस्ति पत्र के अलावा दो-दो लाख रुपये नकद भी दिए गए हैं.

6 एकड़ में सब्जी की खेती कर रिकॉर्ड बना रहे हैं सोखेन

मुखिया सोखेन हेंब्रम कृषि के साथ समाज सेवा का भी शौक रखते हैं. सोखेन पूरे साल खेती करके अपना और अपने पूरे परिवार का भरण-पोषण करते हैं. पिछले साल धान की रिकॉर्ड पैदावार होने के बाद अब इन्होंने सब्जी की बेजोड़ खेती की है. वर्तमान में सोखेन हेंब्रम ने करीब 6 एकड़ जमीन पर सरसों, बैगन, टमाटर और हरे साग की उन्नत पैदावार की है. जबकि बाकी के जमीन पर इन्होंने गोभी, करेला, लौकी आदि लगाया है. फसल तैयार होने के बाद सोखेन किसान की तरह स्वयं ही बाजार जाकर अपनी ताजी सब्जियों को बेचते हैं. इस काम में इनके परिवार के अन्य सदस्य भी इनका भरपूर सहयोग करते हैं.

अव्वल धान की पैदावार करने पर हुआ चयन

गम्हरिया प्रखंड के बुरुडीह पंचायत के रहने वाले मुखिया सोखेन हेंब्रम ने वर्ष 2016 में कृषि विभाग के आत्मा विभाग के तकनीकी प्रबंधक के सहयोग से श्री विधि से खेती शुरू की. जहां आत्मा विभाग की ओर से इन्हें कम जगह और कम खर्च में बेहतरीन धान की पैदावार संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की गई. सोखेन कहते हैं कि उस वक्त जब उन्होंने श्री विधि को अपनाया तो गांव के अन्य ग्रामीणों ने इनका जमकर उपहास उड़ाया था, लेकिन सोखेन को आत्मा विभाग के तकनीकी जानकारी पर पूरा भरोसा था और इन्होंने सहभागी नामक धान की पैदावार की नतीजतन पूरे जिले में इनका प्रदर्शन सराहनीय रहा. उस वक्त दिल्ली से आई टीम ने सर्वे कर उत्कृष्ट कृषक के रूप में इनके नाम की अनुशंसा केंद्र को भेजी थी. जिसके बाद मुखिया का सोखेन हेंब्रम का चयन हुआ और प्रधानमंत्री ने इन्हें कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजा.

प्रधानमंत्री से पुरस्कृत होकर हुए गौरवान्वित

मुखिया सोखेन हेंब्रम कहते हैं कि 3 जनवरी को बेंगलुरू में आयोजित सम्मान समारोह में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें सम्मानित किया तो यह क्षण उनके जीवन का सबसे यादगार पल बन गया. झारखंडी परिवेश और वेशभूषा में सुसज्जित मुखिया सोखेन हेंब्रम की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर सराहना की और कहा कि आप आगे यूं ही मेहनत करिए. इस काम में सरकार आपका पूरा सहयोग करेगी.

इसे भी पढ़ें- गुजरात में 196 मासूमों की मौत, सीएम रूपाणी ने सवाल पर साधी चुप्पी

जीतोड़ मेहनत और लगन के बदौलत कृषि के क्षेत्र में रोजाना नए आयाम गढ़ने वाले सोखेन मानते हैं कि अब वो दौर आ गया है, जब कृषि को उद्योग का दर्जा मिलना चाहिए. इनका मानना है कि आज भी भारत की एक बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है. ऐसे में सरकार को कृषि को उद्योग का दर्जा देकर वैसे किसानों को सम्मान देना चाहिए जो कि देश के लिए अनाज की अच्छी पैदावार करते हैं.

सरायकेला: कहते हैं कि हौसला बुलंद हो तो राह में आने वाले सभी अड़चनों को आसानी से पार किया जा सकता है, इसी कहावत को असल जिंदगी में भी सच कर दिखाया है सरायकेला जिले के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत बुरुडीह पंचायत के मुखिया सोखेन हेंब्रम ने. बेहतर खेती करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कर्मण अवार्ड से सोखेन हेंब्रम को सम्मानित किया है.

देखें पूरी खबर

बुरुडीह पंचायत के मुखिया सोखेन हेंब्रम को धान के बेहतरीन पैदावार करने के लिए झारखंड का उत्कृष्ट कृषक होने का गौरव प्राप्त हुआ है. सोखेन हेंब्रम के इसी उपलब्धि को लेकर 3 जनवरी को बेंगलुरू में आयोजित हुए सम्मान समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया है. इसके अलावा झारखंड के गुमला जिले की एक अन्य महिला कृषक क्रांति देवी को भी इस सम्मान से सम्मानित किया गया है. दोनों ने देश में झारखंड के नाम को रोशन किया है. दोनों किसानों को प्रशस्ति पत्र के अलावा दो-दो लाख रुपये नकद भी दिए गए हैं.

6 एकड़ में सब्जी की खेती कर रिकॉर्ड बना रहे हैं सोखेन

मुखिया सोखेन हेंब्रम कृषि के साथ समाज सेवा का भी शौक रखते हैं. सोखेन पूरे साल खेती करके अपना और अपने पूरे परिवार का भरण-पोषण करते हैं. पिछले साल धान की रिकॉर्ड पैदावार होने के बाद अब इन्होंने सब्जी की बेजोड़ खेती की है. वर्तमान में सोखेन हेंब्रम ने करीब 6 एकड़ जमीन पर सरसों, बैगन, टमाटर और हरे साग की उन्नत पैदावार की है. जबकि बाकी के जमीन पर इन्होंने गोभी, करेला, लौकी आदि लगाया है. फसल तैयार होने के बाद सोखेन किसान की तरह स्वयं ही बाजार जाकर अपनी ताजी सब्जियों को बेचते हैं. इस काम में इनके परिवार के अन्य सदस्य भी इनका भरपूर सहयोग करते हैं.

अव्वल धान की पैदावार करने पर हुआ चयन

गम्हरिया प्रखंड के बुरुडीह पंचायत के रहने वाले मुखिया सोखेन हेंब्रम ने वर्ष 2016 में कृषि विभाग के आत्मा विभाग के तकनीकी प्रबंधक के सहयोग से श्री विधि से खेती शुरू की. जहां आत्मा विभाग की ओर से इन्हें कम जगह और कम खर्च में बेहतरीन धान की पैदावार संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की गई. सोखेन कहते हैं कि उस वक्त जब उन्होंने श्री विधि को अपनाया तो गांव के अन्य ग्रामीणों ने इनका जमकर उपहास उड़ाया था, लेकिन सोखेन को आत्मा विभाग के तकनीकी जानकारी पर पूरा भरोसा था और इन्होंने सहभागी नामक धान की पैदावार की नतीजतन पूरे जिले में इनका प्रदर्शन सराहनीय रहा. उस वक्त दिल्ली से आई टीम ने सर्वे कर उत्कृष्ट कृषक के रूप में इनके नाम की अनुशंसा केंद्र को भेजी थी. जिसके बाद मुखिया का सोखेन हेंब्रम का चयन हुआ और प्रधानमंत्री ने इन्हें कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजा.

प्रधानमंत्री से पुरस्कृत होकर हुए गौरवान्वित

मुखिया सोखेन हेंब्रम कहते हैं कि 3 जनवरी को बेंगलुरू में आयोजित सम्मान समारोह में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें सम्मानित किया तो यह क्षण उनके जीवन का सबसे यादगार पल बन गया. झारखंडी परिवेश और वेशभूषा में सुसज्जित मुखिया सोखेन हेंब्रम की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर सराहना की और कहा कि आप आगे यूं ही मेहनत करिए. इस काम में सरकार आपका पूरा सहयोग करेगी.

इसे भी पढ़ें- गुजरात में 196 मासूमों की मौत, सीएम रूपाणी ने सवाल पर साधी चुप्पी

जीतोड़ मेहनत और लगन के बदौलत कृषि के क्षेत्र में रोजाना नए आयाम गढ़ने वाले सोखेन मानते हैं कि अब वो दौर आ गया है, जब कृषि को उद्योग का दर्जा मिलना चाहिए. इनका मानना है कि आज भी भारत की एक बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है. ऐसे में सरकार को कृषि को उद्योग का दर्जा देकर वैसे किसानों को सम्मान देना चाहिए जो कि देश के लिए अनाज की अच्छी पैदावार करते हैं.

Intro:कहते हैं कि हौसले बुलंद हो तो राह में आने वाले सभी अड़चनों को आसानी से पार किया जा सकता है, इसी कहावत को असल जिंदगी में भी सच कर दिखाया है सरायकेला जिले के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत बुरुडीह पंचायत के मुखिया सोखेन हेंब्रम ने।Body:बुरुडीह पंचायत के मुखिया सोखेन हेंब्रम को धान के बेहतरीन पैदावार करने के लिए झारखंड का उत्कृष्ट कृषक होने का गौरव प्राप्त हुआ है , शौकीन हेंब्रम के इसी उपलब्धि को लेकर 3 जनवरी को बेंगलुरू में आयोजित हुए सम्मान समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया है. इसके अलावा झारखंड के गुमला जिले की एक अन्य महिला कृषक क्रांति देवी को भी इस सम्मान से सम्मानित किया गया है. दोनों ने देश में झारखंड के नाम को रोशन किया है।

6 एकड़ में सब्जी की खेती कर रिकॉर्ड बना रहे हैं सोखेन

मुखिया सोखेन हेंब्रम कृषि के साथ समाज सेवा का भी शौक रखते हैं, यह सालोंभर खेती करके अपना और अपने पूरे परिवार का भरण पोषण करते हैं , धान की रिकॉर्ड पैदावार होने के बाद अब इन्होंने सब्जी की बेजोड़ खेती की है , वर्तमान में सोखेन हेंब्रम ने करीब 6 एकड़ जमीन पर सरसों , बैगन , टमाटर और हरे साग की उन्नत पैदावार की है. जबकि अन्य कृषि भूमि पर इन्होंने गोभी , करेला , लौकी आदि लगाया है. फसल तैयार होने के बाद सोखेन किसान की तरह स्वयं ही बाजार जाकर अपनी ताजी सब्जियों को बेचते हैं इस काम में इनके परिवार के अन्य सदस्य भी इनका भरपूर सहयोग करते हैं।

अव्वल धान की पैदावार करने पर हुआ चयन

गम्हरिया प्रखंड के बुरुडीह पंचायत के रहने वाले मुखिया सोखेन हेंब्रम ने वर्ष 2016 में कृषि विभाग के आत्मा विभाग के तकनीकी प्रबंधक के सहयोग से श्री विधि से खेती शुरू की , जहां आत्मा विभाग द्वारा इन्हें कम जगह और कम खर्च में बेहतरीन धान की पैदावार संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की गई , सोखेन कहते हैं कि उस वक्त जब उन्होंने श्री विधि को अपनाया तो गांव के अन्य ग्रामीणों ने इनका जमकर उपहास उड़ाया था, लेकिन सोखेन को आत्मा विभाग के तकनीकी जानकारी पर पूरा भरोसा था और इन्होंने सहभागी नामक धान की पैदावार की नतीजतन पूरे जिले में इनका प्रदर्शन सराहनीय रहा , उस वक्त दिल्ली से आई टीम ने सर्वे कर उत्कृष्ट कृषक के रूप में इनके नाम की अनुशंसा केंद्र को भेजी थी. जिसके बाद मुखिया का सोखेन हेंब्रम का चयन हुआ और प्रधानमंत्री ने इन्हें कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजा।Conclusion:प्रधानमंत्री से पुरस्कृत होकर हुए गौरवान्वित।

मुखिया सोखेन हेंब्रम कहते हैं कि 3 जनवरी को बेंगलुरू में आयोजित सम्मान समारोह में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें सम्मानित किया तो यह क्षण उनके जीवन का सबसे यादगार पल बन गया, झारखंडी परिवेश और वेशभूषा में सुसज्जित मुखिया सोखेन हेंब्रम की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर सराहना की और कहा कि आप आगे यूं ही मेहनत करिए सरकार पूरा सहयोग करेगी।

बेजोड़ लग्न और जी तोड़ मेहनत के बदौलत कृषि के क्षेत्र में रोजाना नए आयाम गढ़ने वाले सोखेन मानते हैं कि अब वह दौर आ गया है , जब कृषि को उद्योग का दर्जा मिलना चाहिए , इनका मानना है कि आज भी भारत की एक बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है. ऐसे में सरकार को कृषि को उद्योग का दर्जा देकर वैसे किसानों को सम्मान देना चाहिए जो कि देश के लिए पैदावार करते हैं।

बाइट - सोखेन हेम्ब्रम, कृषि कर्मण पुरस्कार विजेता

बाइट - सीताराम हेम्ब्रम , पुत्र
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