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अब सिर्फ एक कमरे में बन जाएगा पावर सब स्टेशन, बेहतर होगी विद्युत आपूर्ति

एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ गैस इंसुलेटेड पावर सबस्टेशन बनाए जाने की योजना बनाई जा रही है. सिर्फ एक कमरे के बराबर जगह में इस सबस्टेशन से बेहतर विद्युत आपूर्ति की जाएगी.

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Published : Apr 17, 2019, 10:38 AM IST

बेहतर होगी विद्युत आपूर्ति

सरायकेला: झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने नए टेक्नोलॉजी पर आधारित पावर सबस्टेशन निर्माण की योजना बनाई जाएगी. जिसे जल्द ही धरातल पर लाया जाएगा. इस नए एडवांस टेक्नोलॉजी के पावर सबस्टेशन को जीआईएस यानी गैस इंसुलेटेड पावर सबस्टेशन कहा जाएगा. जहां सिर्फ कमरे के बराबर जगह में पावर स्टेशन का निर्माण कार्य और बेहतर बिजली आपूर्ति की जाएगी.

बेहतर होगी विद्युत आपूर्ति

अमूमन बिजली के सब स्टेशन बड़े-बड़े होते हैं और इनके निर्माण के लिए अधिक जमीन की आवश्यकता होती है. कई बार जमीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण पावर सब स्टेशन का निर्माण नहीं हो पाता और बिजली आपूर्ति सेवा में बाधा आती है. लेकिन अब इस नए इजात से कम स्थान पर सब स्टेशन का निर्माण कर बेहतर बिजली आपूर्ति किए जाने की योजना जेवीबीएनएल द्वारा बनाई जा रही है. हालांकि इसे अभी धरातल पर उतरने में कुछ समय लगेगा.

इस नए पावर सब स्टेशन टेक्नोलॉजी के संबंध में जानकारी देते हुए जमशेदपुर अंचल के विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता हिमांशु कुमार ने बताया कि कम जगह में बनाए जाने वाला यह पावर सब स्टेशन पूरी तरह से गैस से इंसुलेटेड रहता है. इसके जरिए नए तकनीक के साथ निर्माण और बेहतर बिजली आपूर्ति की जाएगी.

बताया जा रहा कि आज भी कई पावर सबस्टेशन जमीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण लंबित पड़े हैं. नतीजतन ऐसे में विभाग चाह कर भी बेहतर बिजली आपूर्ति नहीं कर पाता. लेकिन इस नए एडवांस टेक्नोलॉजी से अब विद्युत आपूर्ति बेहतर होगी और सब स्टेशन निर्माण क्षेत्र में इससे क्रांति भी आयेगी.

सरायकेला: झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने नए टेक्नोलॉजी पर आधारित पावर सबस्टेशन निर्माण की योजना बनाई जाएगी. जिसे जल्द ही धरातल पर लाया जाएगा. इस नए एडवांस टेक्नोलॉजी के पावर सबस्टेशन को जीआईएस यानी गैस इंसुलेटेड पावर सबस्टेशन कहा जाएगा. जहां सिर्फ कमरे के बराबर जगह में पावर स्टेशन का निर्माण कार्य और बेहतर बिजली आपूर्ति की जाएगी.

बेहतर होगी विद्युत आपूर्ति

अमूमन बिजली के सब स्टेशन बड़े-बड़े होते हैं और इनके निर्माण के लिए अधिक जमीन की आवश्यकता होती है. कई बार जमीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण पावर सब स्टेशन का निर्माण नहीं हो पाता और बिजली आपूर्ति सेवा में बाधा आती है. लेकिन अब इस नए इजात से कम स्थान पर सब स्टेशन का निर्माण कर बेहतर बिजली आपूर्ति किए जाने की योजना जेवीबीएनएल द्वारा बनाई जा रही है. हालांकि इसे अभी धरातल पर उतरने में कुछ समय लगेगा.

इस नए पावर सब स्टेशन टेक्नोलॉजी के संबंध में जानकारी देते हुए जमशेदपुर अंचल के विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता हिमांशु कुमार ने बताया कि कम जगह में बनाए जाने वाला यह पावर सब स्टेशन पूरी तरह से गैस से इंसुलेटेड रहता है. इसके जरिए नए तकनीक के साथ निर्माण और बेहतर बिजली आपूर्ति की जाएगी.

बताया जा रहा कि आज भी कई पावर सबस्टेशन जमीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण लंबित पड़े हैं. नतीजतन ऐसे में विभाग चाह कर भी बेहतर बिजली आपूर्ति नहीं कर पाता. लेकिन इस नए एडवांस टेक्नोलॉजी से अब विद्युत आपूर्ति बेहतर होगी और सब स्टेशन निर्माण क्षेत्र में इससे क्रांति भी आयेगी.

Intro:एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ बनेंगे गैस इंसुलेटेड पावर सबस्टेशन. सिर्फ कमरे बराबर जगह में बनाए जाएंगे सबस्टेशन, बेहतर होगी विद्युत आपूर्ति.


झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के द्वारा नए टेक्नोलॉजी पर आधारित पावर सबस्टेशन के निर्माण किए जाने की योजना बनाई जा रही है , जिसे जल्द अमली जामा पहनाया जाएगा . इस नए एडवांस टेक्नोलॉजी के पावर सबस्टेशन को जीआईएस यानी गैस इंसुलेटेड पावर सबस्टेशन कहां जाएगा जहां सिर्फ कमरे के बराबर जगह में पावर स्टेशन का निर्माण कार्य निर्माण और बेहतर बिजली आपूर्ति की जाएगी.


Body:अमूमन बिजली के सब स्टेशन बड़े बड़े होते हैं और इनके निर्माण के लिए अधिक जमीन की आवश्यकता होती है । कई बार जमीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण पावर सब स्टेशन का निर्माण नहीं हो पाता और बिजली आपूर्ति सेवा में बाधा आती है , लेकिन अब इस नए इजात से कम स्थान पर सब स्टेशन का निर्माण कर बेहतर बिजली आपूर्ति किए जाने की योजना जेवीवीएनएलJVBNL, द्वारा बनाई जा रही है हालांकि इसे अभी धरातल पर उतरने में कुछ समय लगेगा।

जमीन नहीं मिल पाने के कारण लंबित होती है सब स्टेशन निर्माण परियोजना।


इस नए पावर सबस्टेशन टेक्नोलॉजी के संबंध में जानकारी देते हुए जमशेदपुर अंचल के विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता हिमांशु कुमार ने बताया कि कम जगह में बनाए जाने वाला यह पावर सब स्टेशन पूरी तरह से गैस से इंसुलेटेड रहता है, जहां नए तकनीक के साथ निर्माण और बेहतर बिजली आपूर्ति की जाएगी।

इन्होंने बताया कि आज भी कई पावर सबस्टेशन जमीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण लंबित पड़े हैं, नतीजतन ऐसे में विभाग चाह कर भी बेहतर बिजली आपूर्ति नहीं कर पाता लेकिन इस नए एडवांस टेक्नोलॉजी से अब विद्युत आपूर्ति बेहतर होगी और सब स्टेशन निर्माण क्षेत्र में इससे क्रांति भी आयेगी।

बाइट- हिमांशु कुमार , अधीक्षण अभियंता .



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