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कोरोना ने छोटे व्यापारियों की तोड़ी कमर, ट्रेड टैक्स चुकाने के पड़े लाले

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Published : Sep 26, 2020, 6:03 AM IST

Updated : Sep 26, 2020, 8:27 PM IST

कोरोना संक्रमण काल में देशभर के एक तिहाई छोटे कारोबारी व्यापार बंद होने से काफी प्रभावित हुए हैं. सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में भी हजारों छोटे-बड़े व्यापारी संकट के दौर से गुजर रहे हैं. उनके सामने ट्रेड टैक्स अब दोहरी मार बनकर उभरा है.

Pathetic condition of small businessmen and shops in seraikela, कोरोना संक्रमण काल में छोटे व्यापारी और दुकानदार हैं प्रभावित
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सरायकेला: कोरोना संक्रमण काल में देश समेत दुनिया में छोटे बड़े सभी व्यापारियों पर जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है. लंबे समय तक दुकान व्यापार बंद रहने से व्यवसायियों के समक्ष आर्थिक आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हुईं हैं. वहीं कोविड-19 का सबसे ज्यादा बुरा असर सर्विस सेक्टर पर पड़ा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

कोरोना संक्रमण काल में देशभर के एक तिहाई छोटे कारोबारी व्यापार बंद होने से काफी प्रभावित हुए हैं. ऐसे में व्यापार न होने के बावजूद छोटे कारोबारी और व्यापारियों को शहरी क्षेत्र अंतर्गत नगर निगम को ट्रेड लाइसेंस के साथ ट्रेड टैक्स चुकाना पड़ता है. लिहाजा छोटे व्यापारियों में लॉकडाउन के बाद ट्रेड टैक्स अब दोहरी मार बनकर उभरा है.

सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में हजारों छोटे-बड़े दुकान व्यवसायिक प्रतिष्ठान और ट्रेडिंग कार्यालय हैं. कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में मार्च महीने के वित्तीय वर्ष अंत होने के समय पर देशभर में लॉकडाउन लगने के कारण अधिकांश व्यापारी और दुकानदारों ने इस वित्तीय वर्ष में ट्रेड टैक्स नहीं चुकाया है. छोटे व्यापारी और दुकानदार बताते हैं कि संक्रमण काल में व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ऐसे में टैक्स में छूट और सरकार के तरफ से रियायत की आस दुकानदार लगाए बैठे हैं.

निगम क्षेत्र में कुल 5 हजार से भी अधिक दुकानें

सरायकेला के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में तकरीबन 5000 से भी अधिक छोटी-बड़ी दुकान, व्यवसायिक प्रतिष्ठान और ट्रेडिंग कार्यालय हैं, लेकिन अब तक इनमें से महज 3 हजार दुकानों का ही निगम में रजिस्ट्रेशन हुआ है और इन व्यापारियों ने ट्रेड लाइसेंस हासिल किए हैं. नगर निगम और निगम में होल्डिंग टैक्स कलेक्ट करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी संक्रमण के इस काल में भी ट्रेड लाइसेंस टैक्स राजस्व संग्रह के लक्ष्य को जुटाने में लगे हैं, लेकिन कोरोना के इस काल में व्यापारी के टैक्स चुकाने में दिलचस्पी नहीं दिखा पा रहे हैं. ऐसे में राजस्व संग्रह का लक्ष्य इस वर्ष काफी पीछे हैं.

वित्तीय वर्ष 2020 - 21 में 20 लाख रुपये ट्रेड लाइसेंस लक्ष्य निर्धारित

नगर निगम की ओर से वित्तीय वर्ष 2020-21 में ट्रेड लाइसेंस से तकरीबन 18 से 20 लाख राजस्व संग्रह जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन अब तक निगम महज 2.77 लाख राजस्व ही ट्रेड लाइसेंस के माध्यम से जुटा पाया है. नगर निगम आयुक्त समेत व सिटी मैनेजर मानते हैं कि लॉकडाउन और कोरोना काल के कारण व्यापार प्रभावित हैं, जिसके कारण निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सका है.

इसके बावजूद अधिकारियों को उम्मीद है कि संक्रमण काल खत्म होने के बाद उद्योग व्यापार में तेजी आएगी और निगम एक बार फिर लक्ष्य को प्राप्त कर सकेगा. वर्ष 2019 - 20 में आदित्यपुर नगर निगम ने ट्रेड लाइसेंस जारी किए जाने के साथ ट्रेड टैक्स के रूप में 18 लाख लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन वित्तीय वर्ष में 7.8 लाख राजस्व नगर निगम जुटा पाया था.

और पढ़ें- BSL ने 65 ठेका मजदूरों को काम से निकाला, विरोध में मजदूरों का अर्धनग्न प्रदर्शन

कोरोना काल में भी प्रतिदिन दो से तीन ट्रेड लाइसेंस हो रहे हैं जारी

लॉकडाउन खत्म होने के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही कुछ व्यापारी और दुकानदारों ने ट्रेड लाइसेंस के प्रति रुचि दिखाई है. नगर निगम क्षेत्र में होल्डिंग टैक्स वसूलने का काम कर रही निजी एजेंसी स्पायरोटेक की टीम लीडर रोमा सिंह बताती हैं कि, संक्रमण काल में भी प्रतिदिन दो से तीन ट्रेड लाइसेंस संबंधित आवेदन इन्हें प्राप्त हो रहे हैं और लगातार ट्रेड लाइसेंस जारी भी किए जा रहे हैं.

व्यापारी कर रहे आर्थिक पैकेज की मांग

कोरोना संक्रमण काल के बाद देश में आए वित्तीय संकट को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कई क्षेत्रों को भारी भरकम सब्सिडी प्रदान की गई है. इधर निगम क्षेत्र के छोटे व्यापारी भी केंद्र और राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं कि ट्रेड टैक्स में इन्हें फिलहाल छूट दी जानी चाहिए और छोटे दुकानदार व्यापारियों को टैक्स से मुक्त रखते हुए आर्थिक पैकेज की सहायता प्रदान की जानी चाहिए.

ट्रेड टैक्स न देने पर भारी-भरकम जुर्माने का है प्रावधान

नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत सभी छोटे-बड़े दुकान, मॉल, शोरूम, व्यापारिक प्रतिष्ठान और ट्रेडिंग एजेंसियों को ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है. इसके साथ ही एक बार ट्रेड लाइसेंस नंबर जारी होने के बाद व्यापारियों को हर साल वित्तीय वर्ष के दौरान टैक्स की अदायगी भी करनी पड़ती है. टैक्स नहीं चुकाने वाले व्यापारी और दुकानदारों से 2 गुना समेत तीन गुना जुर्माना वसूलने का भी प्रावधान तय है, लेकिन फिलहाल संक्रमण काल में नगर निगम द्वारा इन मामलों में छूट दी जा रही है.

व्यापारियों को नहीं मिलता सुविधाओं का लाभ

निगम क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले सभी दुकानों को ट्रेड टैक्स देना अनिवार्य होता है इधर कई दुकानदार और व्यापारी मानते हैं कि संक्रमण काल से पहले यह प्रतिवर्ष नगर निगम को ट्रेड टैक्स चुकाते हैं रहे थे, लेकिन नगर निगम की ओर से व्यापारिक प्रतिष्ठानों के आसपास समुचित सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाती है. दुकानदार बताते हैं कि साफ-सफाई समेत अन्य सुविधा आज तक नगर निगम की ओर से उपलब्ध नहीं कराई गई हैं, जिस पर निगम को ध्यान देने की आवश्यकता है.

औद्योगिक क्षेत्र से भी ट्रेड टैक्स वसूलने की है तैयारी

आदित्यपुर नगर निगम कार्यालय की ओर से औद्योगिक क्षेत्र के उद्योग-धंधों से भी अब ट्रेड टैक्स वसूलने की तैयारी की जा रही है. नगर निगम के सिटी मैनेजर देवाशीष प्रधान बताते हैं कि पूर्व में नगर निगम की ओर से स्थानीय उद्योग धंधे से होल्डिंग टैक्स लिए जाने संबंधित प्रस्ताव दिए गए थे, जिस पर कोई सहमति नहीं बन सकी.

उन्होंने बताया कि अब उद्योगों से ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य किया जाएगा, जिससे नगर निकाय को राजस्व का बड़ा लाभ होगा. अभी क्षेत्र में तकरीबन 1300 छोटे-बड़े कल-कारखाने हैं जिनसे ट्रेड टैक्स के रूप में नगर निगम को बड़ी राशि प्राप्त हो सकेगी.

सरायकेला: कोरोना संक्रमण काल में देश समेत दुनिया में छोटे बड़े सभी व्यापारियों पर जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है. लंबे समय तक दुकान व्यापार बंद रहने से व्यवसायियों के समक्ष आर्थिक आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हुईं हैं. वहीं कोविड-19 का सबसे ज्यादा बुरा असर सर्विस सेक्टर पर पड़ा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

कोरोना संक्रमण काल में देशभर के एक तिहाई छोटे कारोबारी व्यापार बंद होने से काफी प्रभावित हुए हैं. ऐसे में व्यापार न होने के बावजूद छोटे कारोबारी और व्यापारियों को शहरी क्षेत्र अंतर्गत नगर निगम को ट्रेड लाइसेंस के साथ ट्रेड टैक्स चुकाना पड़ता है. लिहाजा छोटे व्यापारियों में लॉकडाउन के बाद ट्रेड टैक्स अब दोहरी मार बनकर उभरा है.

सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में हजारों छोटे-बड़े दुकान व्यवसायिक प्रतिष्ठान और ट्रेडिंग कार्यालय हैं. कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में मार्च महीने के वित्तीय वर्ष अंत होने के समय पर देशभर में लॉकडाउन लगने के कारण अधिकांश व्यापारी और दुकानदारों ने इस वित्तीय वर्ष में ट्रेड टैक्स नहीं चुकाया है. छोटे व्यापारी और दुकानदार बताते हैं कि संक्रमण काल में व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ऐसे में टैक्स में छूट और सरकार के तरफ से रियायत की आस दुकानदार लगाए बैठे हैं.

निगम क्षेत्र में कुल 5 हजार से भी अधिक दुकानें

सरायकेला के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में तकरीबन 5000 से भी अधिक छोटी-बड़ी दुकान, व्यवसायिक प्रतिष्ठान और ट्रेडिंग कार्यालय हैं, लेकिन अब तक इनमें से महज 3 हजार दुकानों का ही निगम में रजिस्ट्रेशन हुआ है और इन व्यापारियों ने ट्रेड लाइसेंस हासिल किए हैं. नगर निगम और निगम में होल्डिंग टैक्स कलेक्ट करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी संक्रमण के इस काल में भी ट्रेड लाइसेंस टैक्स राजस्व संग्रह के लक्ष्य को जुटाने में लगे हैं, लेकिन कोरोना के इस काल में व्यापारी के टैक्स चुकाने में दिलचस्पी नहीं दिखा पा रहे हैं. ऐसे में राजस्व संग्रह का लक्ष्य इस वर्ष काफी पीछे हैं.

वित्तीय वर्ष 2020 - 21 में 20 लाख रुपये ट्रेड लाइसेंस लक्ष्य निर्धारित

नगर निगम की ओर से वित्तीय वर्ष 2020-21 में ट्रेड लाइसेंस से तकरीबन 18 से 20 लाख राजस्व संग्रह जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन अब तक निगम महज 2.77 लाख राजस्व ही ट्रेड लाइसेंस के माध्यम से जुटा पाया है. नगर निगम आयुक्त समेत व सिटी मैनेजर मानते हैं कि लॉकडाउन और कोरोना काल के कारण व्यापार प्रभावित हैं, जिसके कारण निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सका है.

इसके बावजूद अधिकारियों को उम्मीद है कि संक्रमण काल खत्म होने के बाद उद्योग व्यापार में तेजी आएगी और निगम एक बार फिर लक्ष्य को प्राप्त कर सकेगा. वर्ष 2019 - 20 में आदित्यपुर नगर निगम ने ट्रेड लाइसेंस जारी किए जाने के साथ ट्रेड टैक्स के रूप में 18 लाख लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन वित्तीय वर्ष में 7.8 लाख राजस्व नगर निगम जुटा पाया था.

और पढ़ें- BSL ने 65 ठेका मजदूरों को काम से निकाला, विरोध में मजदूरों का अर्धनग्न प्रदर्शन

कोरोना काल में भी प्रतिदिन दो से तीन ट्रेड लाइसेंस हो रहे हैं जारी

लॉकडाउन खत्म होने के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही कुछ व्यापारी और दुकानदारों ने ट्रेड लाइसेंस के प्रति रुचि दिखाई है. नगर निगम क्षेत्र में होल्डिंग टैक्स वसूलने का काम कर रही निजी एजेंसी स्पायरोटेक की टीम लीडर रोमा सिंह बताती हैं कि, संक्रमण काल में भी प्रतिदिन दो से तीन ट्रेड लाइसेंस संबंधित आवेदन इन्हें प्राप्त हो रहे हैं और लगातार ट्रेड लाइसेंस जारी भी किए जा रहे हैं.

व्यापारी कर रहे आर्थिक पैकेज की मांग

कोरोना संक्रमण काल के बाद देश में आए वित्तीय संकट को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कई क्षेत्रों को भारी भरकम सब्सिडी प्रदान की गई है. इधर निगम क्षेत्र के छोटे व्यापारी भी केंद्र और राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं कि ट्रेड टैक्स में इन्हें फिलहाल छूट दी जानी चाहिए और छोटे दुकानदार व्यापारियों को टैक्स से मुक्त रखते हुए आर्थिक पैकेज की सहायता प्रदान की जानी चाहिए.

ट्रेड टैक्स न देने पर भारी-भरकम जुर्माने का है प्रावधान

नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत सभी छोटे-बड़े दुकान, मॉल, शोरूम, व्यापारिक प्रतिष्ठान और ट्रेडिंग एजेंसियों को ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है. इसके साथ ही एक बार ट्रेड लाइसेंस नंबर जारी होने के बाद व्यापारियों को हर साल वित्तीय वर्ष के दौरान टैक्स की अदायगी भी करनी पड़ती है. टैक्स नहीं चुकाने वाले व्यापारी और दुकानदारों से 2 गुना समेत तीन गुना जुर्माना वसूलने का भी प्रावधान तय है, लेकिन फिलहाल संक्रमण काल में नगर निगम द्वारा इन मामलों में छूट दी जा रही है.

व्यापारियों को नहीं मिलता सुविधाओं का लाभ

निगम क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले सभी दुकानों को ट्रेड टैक्स देना अनिवार्य होता है इधर कई दुकानदार और व्यापारी मानते हैं कि संक्रमण काल से पहले यह प्रतिवर्ष नगर निगम को ट्रेड टैक्स चुकाते हैं रहे थे, लेकिन नगर निगम की ओर से व्यापारिक प्रतिष्ठानों के आसपास समुचित सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाती है. दुकानदार बताते हैं कि साफ-सफाई समेत अन्य सुविधा आज तक नगर निगम की ओर से उपलब्ध नहीं कराई गई हैं, जिस पर निगम को ध्यान देने की आवश्यकता है.

औद्योगिक क्षेत्र से भी ट्रेड टैक्स वसूलने की है तैयारी

आदित्यपुर नगर निगम कार्यालय की ओर से औद्योगिक क्षेत्र के उद्योग-धंधों से भी अब ट्रेड टैक्स वसूलने की तैयारी की जा रही है. नगर निगम के सिटी मैनेजर देवाशीष प्रधान बताते हैं कि पूर्व में नगर निगम की ओर से स्थानीय उद्योग धंधे से होल्डिंग टैक्स लिए जाने संबंधित प्रस्ताव दिए गए थे, जिस पर कोई सहमति नहीं बन सकी.

उन्होंने बताया कि अब उद्योगों से ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य किया जाएगा, जिससे नगर निकाय को राजस्व का बड़ा लाभ होगा. अभी क्षेत्र में तकरीबन 1300 छोटे-बड़े कल-कारखाने हैं जिनसे ट्रेड टैक्स के रूप में नगर निगम को बड़ी राशि प्राप्त हो सकेगी.

Last Updated : Sep 26, 2020, 8:27 PM IST
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