सरायकेला: केंद्र की सरकार और राज्य की पूर्व सरकार ने झारखंड में खासकर ग्रामीण इलाकों के महिलाओं को सहूलियत प्रदान करने के उद्देश्य से घर-घर तक गैस सिलिंडर पहुंचाने के लिए उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी. आज भी कुछ ऐसे परिवार हैं. जो इस योजना के लाभ से वंचित रह गये हैं.
सरायकेला जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत भुईयानाचान गांव में ऐसे दर्जनों परिवार हैं जिन्हें उज्ज्वला योजना का लाभ नहीं मिल पाया. ग्रामीण परिवेश में रहने वाली ये महिलाएं आज भी जंगल से लकड़ी और जलावन एकत्र कर अपना और अपने परिवार के लिए भोजन बनाने को विवश हैं.
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फॉर्म भरने के बाद भी नहीं मिला योजना का लाभ
भुईयानाचान गांव के ग्रामीणों ने सरकार के महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना का लाभ लेने के लिए वहां के कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से योजना का फॉर्म भरवाया गया था लेकिन उन्हें अब तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया. ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि लगातार दो से तीन बार इन्होंने फार्म जमा किए, इसके बावजूद योजना में उनका नाम शामिल नहीं हो सका. नतीजतन इन्हें आज भी जंगल की लकड़ी और जलावन के भरोसे घर का चूल्हा जलाना पड़ता है. जिसके कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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क्या है मुखिया का कहना
इस समस्या को लेकर जब स्थानीय गांव के मुखिया रघुनाथ मुर्मू से बात की गई. तो उन्होंने बताया कि स्वयं उन्होंने कई बार ग्रामीणों से फार्म भरवा कर गैस एजेंसी तक जमा करवाया गया, लेकिन एजेंसी हर बार कोई न कोई बहाना बताकर, इन ग्रामीणों को योजना में शामिल नहीं करती है. इसके बारे में जिले के आला अधिकारियों को भी इस समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अब तक इस समस्या का कोई हल नहीं निकल पाया.
दर्जनों घर के लोग लगाए बैठे हैं आस
इस गांव के निवासी आज भी यही आस लगाए बैठे हैं कि उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा और वे अपनी परेशानियों से छुटकारा पा सकेंगे. देखना होगा कि सरकारी बाबू और जनप्रतिनिधि कब जागते हैं और ग्रामीणों को इस योजना का लाभ दिला पाते हैं.