सरायकेला: जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार कोरोना वायरस के संक्रमण रोकथाम को लेकर कारगर उपाय किए जाने के दावे कर रहे हैं. लेकिन इस बीच जो जानकारियां प्राप्त हो रही है वह सच में चौंकानेवाले हैं. दरअसल सरायकेला जिले के सदर अस्पताल में अब तक महज एक ही वेंटिलेटर तैयार किया गया है. जबकि पूरे जिले में सिर्फ 57 कोरोना संक्रमण के जांच किट मौजूद हैं, इसके अलावा जिला स्वास्थ्य विभाग पूरे जिले में 1200 आइसोलेशन वार्ड बनाने की तैयारी का दावा कर रहा है. लेकिन अब तक जिले में कुल 5 क्वॉरेंटाइन सेंटर अलग-अलग स्थानों पर चल रहे हैं.
112 लोग क्वॉरेंटाइन सेंटर में, 2367 लोग होम क्वॉरेंटाइन में रखे गए
इधर, कोराना वायरस से संक्रमित लोगों की पहचान को लेकर जिला प्रशासन द्वारा डोर टू डोर जांच अभियान चलाए जाने का दवा भी किया गया है. लेकिन यह अभियान अभी सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ही चल रहा है जबकि शहरी क्षेत्रों में अब तक इस अभियान की शुरुआत भी नहीं हो सकी है.स्वास्थ्य विभाग ने जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में बने कुल 5 क्वॉरेंटाइन सेंटर में 112 लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखा है. जबकि कोरना संदिग्ध या लक्षण पाए जाने वाले कुल 2367 लोग होम क्वॉरेंटाइन कर रखे गए हैं. राहत की बात यह है कि अब तक एक भी लोग जो क्वॉरेंटाइन हैं उनमे से कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं है.
ये भी पढ़ें- ग्रामीण इलाकों में लॉकडाउन के दौरान ढील देने का कैबिनेट में रखेंगे प्रस्ताव: रामेश्वर उरांव
क्वॉरेंटाइन सेंटर में डब्ल्यूएचओ के के निर्देश पर दी जा रही दवाइयां
क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए लोगों को विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश पर जरूरत के मुताबिक दवाइयां दी जा रही है. इनमें मुख्य रूप से पेरासिटामोल और एंटीबायोटिक की दवाइयां शामिल है. जिले के सेंट्रल क्वॉरेंटाइन सेंटर पर मौजूद प्रभारी चिकित्सक ने बताया कि क्वॉरेंटाइन में कुल 81 लोग रखे गए हैं, जिनमें किसी में भी कोरोना वायरस से संबंधित लक्षण नहीं पाए गए हैं, वहीं समय-समय पर लोगों को दवाइयां और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. इधर क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए लोगों द्वारा समय-समय पर भोजन समेत अन्य सुविधा उपलब्ध नहीं किए जाने की शिकायत प्राप्त हो रही है, लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सीमित संसाधनों के बीच ही क्वॉरेंटाइन में रखे गए लोगों को सुविधा उपलब्ध करा रहा है.